कच्चे तेल की कीमतों में नरमी, पेट्रोल-डीजल के दामों में लगातार 20वें दिन राहत

punjabkesari.in Friday, Mar 19, 2021 - 11:07 AM (IST)

बिजनेस डेस्कः कच्चे तेल के दुनिया भर में प्रमुख ग्राहक चीन की तरफ से इस सप्ताह के मध्य में खरीद घटी है। इसका असर क्रूड के स्पॉट मार्केट पर पड़ा है। इस वजह से कच्चे तेल की मांग पर असर पड़ा है और इसकी बढ़ती कीमतों पर लगाम लगी। गुरुवार को ब्रेंट क्रूड करीब 5 डॉलर प्रति बैरल कम होकर 63 डॉलर प्रति बैरल के पास बंद हुआ। इधर, घरेलू बाजार में पेट्रोल-डीजल की कीमतों (Petrol Diesel Price) में आज भी स्थिरता रही। यह लगातार 20वां दिन है, जबकि इन ईंधनों के दाम में कोई फेरबदल नहीं हुआ। शुक्रवार को भी दिल्ली के बाजार में पेट्रोल 91.17 रुपए और डीजल 81.47 रुपए प्रति लीटर पर स्थिर रहा। इस समय लगभग हर शहर में दोनों ईधनों के दाम ऑल टाइम हाई पर चल रहे हैं। 

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कच्चे तेल के बाजार में मांग नहीं
कच्चे तेल के दुनिया भर में प्रमुख ग्राहक चीन की तरफ से इस सप्ताह के मध्य में खरीद घटी है। इसका असर क्रूड के स्पॉट मार्केट पर भी पड़ा है। इस वजह से कच्चे तेल की मांग पर असर पड़ा है और इसकी बढ़ती कीमतें पर लगाम लगी। गुरुवार को ब्रेंट क्रूड 63 डॉलर प्रति बैरल के करीब बंद हुआ। आज, शुक्रवार को सिंगापुर में WTI Crude फिर 4.90 डॉलर फिसल कर 59.49 डॉलर प्रति बैरल पर ट्रेड हो रहा था। उस समय ब्रेंट क्रूड भी 5.01 डॉलर प्रति बैरल कम हो कर 62.97 डॉलर प्रति बैरल पर ट्रेड हो रहा था।

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विधानसभा चुनाव की वजह से नहीं बढ़ रहे दाम?
भारत में कहने को तो सरकारी तेल कंपनियां पेट्रोल-डीजल का दाम तय करने के लिए स्वतंत्र हैं लेकिन उनके कामकाज में ऐसा दिखता नहीं है। क्योंंकि, जब-जब चुनाव का मौसम आता है, तब अंतरराष्ट्रीय बाजार में कच्चा तेल महंगा होने के बावजूद पेट्रोल और डीजल के दाम घरेलू बाजार में स्थिर रहते हैं। चुनाव खत्म होते ही फिर कीमत बढ़ने लगती है। बीते अक्टूबर-नवंबर के दौरान जब बिहार में विधानसभा चुनाव हो रहा था, तब लगातार 48 दिनों तक दाम में कोई फेरबदल नहीं हुआ था। उसके बाद लगभग रोज कीमतें बढ़ीं। इस समय पश्चिम बंगाल, केरल और असम समेत पांच राज्यों में विधानसभा चुनाव की प्रक्रिया चल रही है।

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Content Writer

jyoti choudhary

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