Consumer court: अभिनेता हरिश्री अशोकन के घर में खराब टाइलें लगाने पर कम्पनी को देना होगा 17.83 लाख का जुर्माना
punjabkesari.in Saturday, Aug 03, 2024 - 04:44 PM (IST)
बिजनेस डेस्कः केरल की एक जिला उपभोक्ता अदालत ने अभिनेता हरिश्री अशोकन को उनके घर खराब टाइल्स बिछाने पर कंपनी को 17.83 लाख का मुआवजा देने का आदेश दिया है। 31 जुलाई, 2024 को एर्नाकुलम जिला उपभोक्ता विवाद निवारण आयोग (DCDRC) ने पाया कि टाइल्स बिछाने वालों ने लापरवाही की थी। उन्होंने टाइल्स में किसी भी दोष को ठीक करने का आश्वासन भी दिया था। DCDRC के अध्यक्ष डी.बी. बिनू और सदस्य रामचंद्रन वी. और श्रीविद्या टी.एन. ने कहा कि कम्पनी ने अशोकन का विश्वास तोड़ा है।
यह है मामला
हरिश्री अशोकन ने पीके टाइल्स सैंटर से 2,500 वर्ग फुट टाइल्स खरीदी थी। सैंटर ने इसे केरल एजीएल वर्ल्ड से मंगवाया था। इन टाइल्स की कीमत 2.75 रुपए लाख थी और इन्हें एन.एस. मार्बल वर्क्स द्वारा बिछाया गया था। हालांकि, निर्माण पूरा होने से पहले ही टाइल्स फीकी पड़ने लगीं और दरारों से पानी व मिट्टी अंदर आने लगी। अशोकन ने कम्पनी को कई बार समस्या का हल करने के कहा मगर वह असफल रहा। परेशान होकर उसने उपभोक्ता अदालत का दरवाजा खटखटाया।
क्या कहना है विपक्ष का
अदालत के समक्ष अशोकन के वकील ने कहा कि उनके घर में बिछाई गई टाइल्स घटिया क्वालिटी की थी। पीके टाइल्स और केरल एजीएल वर्ल्ड (आयातक) के वकीलों ने कहा कि शिकायत टाइल्स की खरीद के 4 साल बाद दायर की गई थी और वे टाइल्स में दोष के लिए जिम्मेदार नहीं थे। एनएस मार्बल वर्क्स ने दावा किया कि उसे काम सौंपा नहीं गया था और केवल मामले को मजबूत करने के लिए शामिल किया गया था। हालांकि, अशोकन ने एनएस मार्बल वर्क्स को भुगतान का प्रमाण प्रस्तुत किया ताकि यह साबित हो सके कि उनके घर में टाइल्स उसके द्वारा बिछाई गई है।
अदालत का फैसला
DCDRC ने निष्कर्ष निकाला कि टाइल्स द्वारा हुई नुकसान एनएस मार्बल वर्क्स द्वारा अपनाई गई अनुचित तकनीकों के कारण हुआ। फोरम ने यह भी जोर दिया कि उपभोक्ता को उत्पाद मानकों और सेवा विवरण के बारे में सूचित किया जाना चाहिए ताकि वह सही निर्णय ले सके। कम्पनी ने सभी तथ्यों को छिपाया है जिस कारण उपभोक्ता फोरम ने एनएस मार्बल वर्क्स को खराब कार्य के कारण अशोकन को 16,58,641 रुपए का भुगतान करने का आदेश दिया।
इसके अतिरिक्त, फोरम ने सभी विपरीत पक्षों को संयुक्त रूप से 1 लाख का मुआवजा और 25,000 की कार्रवाई की लागत एक महीने के भीतर भुगतान करने का निर्देश दिया।