देश के प्रमुख बंदरगाहों पर अप्रैल-जुलाई में कोयले का आयात 31% घटकर 3.7 करोड़ टन रहा
punjabkesari.in Sunday, Aug 16, 2020 - 02:43 PM (IST)

नई दिल्लीः कोविड-19 की वजह से पैदा हुई अड़चनों के चलते चालू वित्त वर्ष की अप्रैल से जुलाई अवधि में देश के 12 प्रमुख बंदरगाहों पर कोयले का आयात 31 प्रतिशत घटकर 3.67 करोड़ टन रह गया। इसमें तापीय और कोकिंग कोयला दोनों शामिल है। भारतीय बंदरगाह संघ (आईपीए) ने यह जानकारी दी है। इस अवधि में तापीय कोयले का आयात 30 प्रतिशत घटकर 2.31 करोड़ टन रह गया। वहीं कोकिंग कोयले का आयात 32.26 प्रतिशत घटकर 1.35 करोड़ टन पर आ गया।
केंद्र के नियंत्रण वाले इन 12 प्रमुख बंदरगाहों पर जुलाई में लगातार चौथे महीने कोयले का आयात घटा है। इससे पिछले वित्त वर्ष की अप्रैल-जुलाई अवधि में इन बंदरगाहों पर तापीय कोयले का आयात 3.31 करोड़ टन और कोकिंग कोयले का आयात 1.35 करोड़ टन रहा था। आईपीए इन बंदरगाहों पर ढुलाई के आंकड़े रखता है। आईपीए की ताजा रिपोर्ट ‘पिछले साल की तुलना में प्रतिशत में अंतर' में कहा गया है कि इस अवधि में तापीय और कोकिंग कोयले की ढुलाई क्रमश: 30 प्रतिशत और 32.26 प्रतिशत घट गई।
कुल मिलाकर अप्रैल-जुलाई की अवधि में तापीय और कोकिंग कोयले की ढुलाई में 30.83 प्रतिशत की गिरावट आई। तापीय कोयला देश के ऊर्जा कार्यक्रम का अभिन्न अंग है। देश का 70 प्रतिशत बिजली उत्पादन तापीय कोयले पर निर्भर है। वहीं कोकिंग कोयले का इस्तेमाल मुख्य रूप से इस्पात विनिर्माण में होता है। चीन और अमेरिका के बाद भारत तीसरा सबसे बड़ा कोयला उत्पादक है। देश में 299 अरब टन का कोयला भंडार है। इसमें से 123 अरब टन भंडार पहचाना गया आरक्षित भंडार है, जो 100 साल से अधिक समय तक कायम रह सकता है। इन 12 प्रमुख बंदरगाहों ने पिछले वित्त वर्ष में कुल 70.5 करोड़ टन की ढुलाई की थी। वहीं अप्रैल-जुलाई, 2018-19 में इन बंदरगाहों के जरिए 23.60 करोड़ टन की ढुलाई की थी।
केंद्र के नियंत्रण वाले देश के 12 प्रमुख बंदगाहों में दीनदयाल (पूर्व में कांडला), मुंबई, जेएनपीटी, मोरमुगाव, न्यू मेंगलूर, कोच्चि, चेन्नई, कामरजार (पूर्व में एन्नोर), वी ओ चिदंबरनार, विशाखापत्तनम, पारादीप और कोलकाता (हल्दिया सहित) शामिल हैं। देश की कुल माल ढुलाई में इन बंदरगाहों का हिस्सा 61 प्रतिशत है।