इन्सॉल्वेंसी एंड बैंकरप्सी कोड में होगा बदलाव, अब खरीदारों पर नहीं चलेगा मुकदमा
punjabkesari.in Thursday, Dec 12, 2019 - 11:00 AM (IST)
नई दिल्लीः प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में केंद्रीय मंत्रिमंडल ने इन्सॉल्वेंसी एंड बैंकरप्सी कोड (सेकंड एमेंडमेंट) बिल, 2019 के माध्यम से इन्सॉल्वेंसी एंड बैंकरप्सी कोड, 2016 (कोड) में अनेक संशोधन करने के प्रस्ताव को मंजूरी दे दी है। इस संशोधन के तहत कंपनी के पूर्व प्रमोटर्स के अपराधों के लिए उसके नए खरीदारों के खिलाफ कोई आपराधिक मामला नहीं चलाया जाएगा। संशोधन का लक्ष्य कोड के उद्देश्यों की पूर्ति करना और कारोबार में और अधिक सुगमता सुनिश्चित करने के लिए दिवाला समाधान प्रक्रिया में आ रही विशेष कठिनाइयों को दूर करना है।
कानून में संशोधन के फायदे
- कोड में संशोधन से बाधाएं दूर होंगी। कॉरपोरेट इन्सॉल्वेंसी रिजॉल्यूशन प्रक्रिया (सीआईआरपी) सरल होगी। लास्ट माइल फंडिंग को मिलेगी सुरक्षा। अंतिम विकल्प वाले वित्तपोषण के संरक्षण से वित्तीय संकट का सामना कर रहे सेक्टरों में निवेश को बढ़ावा मिलेगा।
- कॉरपोरेट दिवाला समाधान प्रक्रिया (सीआईआरपी ) शुरू करने में होने वाली गड़बड़ियों की रोकथाम के लिए व्यापक वित्तीय कर्जदाताओं के लिए अतिरिक्त आरंभिक सीमा शुरू की गई है, जिनका प्रतिनिधित्व एक अधिकृत प्रतिनिधि करेगा।
- यह सुनिश्चित किया जाएगा कि कॉरपोरेट कर्जदार के कारोबार का आधार कमजोर न पड़े और उसका व्यवसाय निरंतर जारी रहे। इसके लिए यह स्पष्ट किया जाएगा कि कर्ज स्थगन (मोरेटोरियम) अवधि के दौरान लाइसेंस, परमिट, रियायतों, मंजूरी इत्यादि को समाप्त अथवा निलंबित नहीं किया जा सकता। साथ ही इनका नवीकरण भी नहीं किया जा सकता है।
- आईबीसी के तहत कॉरपोरेट कर्जदार को संरक्षण प्रदान किया जाएगा। इसके तहत पूर्ववर्ती प्रबंधन/प्रमोटरों द्वारा किए गए अपराधों के लिए सफल दिवाला समाधान आवेदक पर कोई आपराधिक कार्रवाई नहीं की जाएगी।