Budget 2021: भारत के इतिहास में पहली बार पेपरलेस होगा बजट, जानिए क्यों?
punjabkesari.in Monday, Feb 01, 2021 - 10:35 AM (IST)

बिजनेस डेस्कः वित्तमंत्री निर्मला सीतारमण 1 फरवरी यानी आज देश का आम बजट पेश करने वाली हैं। हालांकि सही मायनों में कहा जाए तो यह बजट सामान्य तौर पर पेश किए जाने वाले बजट से थोड़ा अलग होगा। क्योंकि इस बार बजट पेपरलेश होगा यानी कि बजट में पेपर के इस्तेमाल के बजाय पीडीएफ फॉर्मेट का इस्तेमाल किया जाएगा। यह पीडीएफ फाइल सभी के लिए उनके फोन पर उपलब्ध होगा। यह फैसला कोरोना महामारी के मद्देनजर लिया गया ताकि कोरोना के प्रभाव को कम किया जा सके।
वित्त मंत्री का पूरा बजट डिजिटल फॉर्म में उपलब्ध होगा। इस बार बजट की प्रिंटिंग नहीं की गई है। इस बार हर कोई एक ऐप के जरिए इस बजट को अपने मोबाइल पर देख सकता है। सरकार ने Union Budget App लॉन्च किया है। यह ऐप Android और iOS दोनों तरह के स्मार्टफोन्स के लिए हैं। आप इसे Google Play Store और Apple App Store से आसानी से डाउनलोड कर सकते हैं।
बता दें कि इतिहास में ऐसा पहली बार होगा जब बजट किसी बैग, थैले में नहीं होगा और पेपरलेस होगा। हालांकि बजट की सॉफ्ट कॉपी सभी के लिए कुछ ही देर में ऑनलाइन उपलब्ध होगी। बता दें कि निर्मला सीतारमण आज संसद में यूनियन बजट के एक टैब के माध्यम से पढ़ेंगी जो कि पारंपरिक बही खाते से बिल्कुल अलग होगा। वित्त मंत्री ने स्वदेशी बही खाते को टैबलेट से बदल दिया है। ऐसे में बजट अब डिजिटल रूप में उपलब्ध होगा।
इस साल पेश किया गया था पहला बजट
आपको बता दें कि देश का पहला बजट 1947 में छापा गया था। उसके बाद बजट पेश करने की एक परंपरा रही है। हर साल बजट दस्तावेज की छपाई होती थी और सीलबंद कर इसे ट्रक से संसद भवन लाया जाता थी। परंपरा के मुताबिक, छपाई की प्रक्रिया शुरू होने से पहले नॉर्थ ब्लॉक में ही हलवा सेरेमनी का आयोजन किया जाता है। यह आयोजन बजट पेश करने से 15 दिन पहले किया जाता है।
पहले ब्रीफकेस लेकर आते थे वित्तमंत्री
पहले एक चमड़े के ब्रीफकेस के साथ वित्त मंत्री संसद भवन पहुंचते थे लेकिन निर्मला सीतारमण ने वित्त मंत्री के सदन में ब्रीफ़केस लेकर जाने की परंपरा को भी ख़त्म कर दिया था और वो उसकी जगह पिछले साल ‘बही-खाता’ लेकर गई थीं। इसके अलावा 2016 में रेल बजट को आम बजट में शामिल कर लिया गया। उससे पहले यह अलग से पेश किया जाता था। उसी साल बजट की तारीख को बदल कर 1 फरवरी कर दिया गया था।