BSE अगले हफ्ते लॉन्च करेगा T+0 settlement का बीटा वर्जन, जानिए क्या है नियम

punjabkesari.in Saturday, Mar 23, 2024 - 01:40 PM (IST)

नई दिल्लीः BSE में 28 मार्च से T+0 सेटलमेंट सिस्टम के तहत ट्रेडिंग शुरू हो जाएगी। 28 मार्च को इसके बीटा वर्जन को लॉन्च किया जाना है। फिलहाल भारतीय शेयर मार्केट सभी शेयरों के लिए T+1 सेटलमेंट साइकल पर काम करता है।

क्या है T+0 सेटलमेंट

T+0 सेटलमेंट में शेयर की खरीदारी और बिक्री का सेटलमेंट एक ही दिन में होगा। T+0 सेटलमेंट के पहले फेज में सेम-डे सेटलमेंट लागू किया जाएगा, जिसके बाद खरीदार को उसी दिन शेयर अलॉटमेंट और बेचने वालों को उसी दिन फंड मिल जाएगा।

इसमें अगर आप ट्रेडिंग-डे पर 1:30 बजे तक शेयरों का कारोबार करेंगे तो शाम 4:30 बजे तक उनका सेटलमेंट हो जाएगा। वहीं, दूसरे फेज में 3:30 बजे तक किए गए सभी लेनदेन के लिए एक ऑप्शनल इमीडिएट ट्रेड-बाय-ट्रेड सेटलमेंट की सुविधा दी जाएगी।

SEBI ने 21 मार्च को T+0 सेटलमेंट सिस्टम के बीटा वर्जन के लिए फ्रेमवर्क जारी किया था। अभी इस सेटलमेंट सिस्टम को विकल्प के रूप में शुरू किया जा रहा है। इसका मतलब है कि T+1 सेटलमेंट जारी रहेगा।

मार्केट टाइमिंग्स: इसके लिए समय 9:15 बजे से 1:30 बजे तक है। वहीं क्लाइंट कोड मॉडिफिकेशन विंडो न1:45 बजे तक रहेगा। बता दें, T+0 स्टॉक्स में ट्रेडिंग सेटलमेंट हॉलीडे पर नहीं होगी।

क्या है T+1, T+2 और T+3 सेटलमेंट

सेटलमेंट सिस्टम की बात करें तो इसका मतलब है कि शेयर बाजार मे शेयर खरीदने वाले यानी कि बायर्स के अकाउंट में शेयर्स का ट्रांसफर और बेचने वाले के अकाउंट में जो शेयर बेचे गए हैं उसका अमाउंट ट्रांसफर  ही सेटलमेंट है। भारतीय स्टॉक एक्सचेंज में इस समय T+1 को फॉलो किया जाता है यानि कि ऑर्डर के पूरा होने के 24 घंटे में फंड और सिक्योरिटी खरीदने और बेचने वाले के अकाउंट में आते हैं। 

उदाहरण के तौर पर समझें तो T+1 सेटलमेंट में 1 कारोबारी दिन में इन शेयरों के पैसे आपके अकाउंट में ट्रांसफर हो जाएंगे। वहीं आपने शेयर खरीदे हैं तो ये शेयर 1 दिन में आपके डीमैट अकाउंट में क्रेडिट हो जाएंगे। यहीं नियम T+2 और T+3 सेटलमेंट में भी लागू होता है।


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Content Writer

jyoti choudhary

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