उपभोक्ताओं को GST रेट में कटौती का फायदा नहीं देती हैं ब्रांडेड कंपनियांः सर्वे

punjabkesari.in Friday, Dec 20, 2019 - 11:52 AM (IST)

नई दिल्लीः माल एवं सेवा कर (जीएसटी) में कटौती का लाभ उपभोक्ताओं को देने में ब्रांड सुस्ती दिखाते हैं। एक सर्वे में कहा गया है कि उपभोक्ता चाहते हैं कि मुनाफाखोरी रोधक जांच का मामला सिर्फ उस उत्पाद तक सीमित नहीं रहनी चाहिए जिसके बारे में शिकायत की गई है। लोकल सर्किल्स ने जीएसटी कटौती का लाभ उपभोक्ताओं तक स्थानांतरित होने के बारे में एक सर्वे किया है।

सर्वे के अनुसार, ‘‘सिर्फ 12 फीसदी लोगों का कहना था कि निचले कर का पूरा लाभ उन्हें मिला है। वहीं 23 फीसदी ने कहा कि कर में कटौती का आंशिक लाभ ही उपभोक्ताओं को दिया जाता है। वहीं 47 फीसदी की राय थी कि कर कटौती का कोई लाभ उपभोक्ताओं को नहीं दिया जाता। 18 फीसदी ने कहा कि उन्हें इसके बारे में पूरी जानकारी नहीं है।'' माल एवं सेवा कर (जीएसटी) का उद्देश्य देश में कर ढांचे को सुगम करना है। जीएसटी लागू होने के बाद से जीएसटी परिषद की कई बैठकें हो चुकी हैं। इन बैठकों में विभिन्न उत्पादों और सेवाओं पर कर की दर घटाई गई है।

वस्तुओं और सेवाओं पर लगने वाले विभिन्न प्रकार के टैक्स को खत्म कर एक देश-एक टैक्स की भावना से 2017 में जीएसटी लागू किया था। इसके लागू होने के बाद से अब तक जीएसटी काउंसिल कई उत्पादों और सेवाओं पर कर दी दरों में कमी कर चुकी है। सर्वे रिपोर्ट में कहा गया है कि उत्पादों और सेवाओं पर की गई कर की दरों में कटौती का मुख्य मकसद उपभोक्ताओं के लिए खरीदारी किफायती बनाना था। लेकिन कई ब्रांडेड कंपनियों ने जीएसटी दरों में कटौती का लाभ उपभोक्ताओं तक नहीं पहुंचाया और खुद मुनाफाखोरी में लग गईं।


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Supreet Kaur

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