TaxPayers को बड़ी राहत! लेट-फीस के साथ 15 जनवरी तक फाइल कर सकेंगे ITR

punjabkesari.in Tuesday, Dec 31, 2024 - 01:58 PM (IST)

बिजनेस डेस्कः टैक्सपेयर्स अब लेट फीस के साथ 15 जनवरी 2025 तक इनकम टैक्स रिटर्न (ITR) फाइल कर सकते हैं। सरकार ने बिलेटेड और रिवाइज्ड ITR दाखिल करने की अंतिम तिथि 31 दिसंबर से बढ़ाकर 15 जनवरी कर दी है। गौरतलब है कि वित्त वर्ष 2023-24 के लिए बिना किसी लेट फीस के ITR फाइल करने की आखिरी तारीख 31 जुलाई 2024 को समाप्त हो चुकी थी।

लेट फीस के साथ भरना होगा ITR 

अगर आपने 31 दिसंबर 2024 तक ITR फाइल नहीं किया तो आपको अब लेट फीस से साथ 15 जनवरी 2025 तक फाइल करने का अवसर है। यदि आपकी आय 5 लाख रुपए से कम है तो आपको 1,000 रुपए लेट फीस देनी होगी और यदि आय 5 लाख से अधिक है तो 5,000 लेट फीस देनी होगी।

किसे भरना चाहिए कौन-सा ITR फॉर्म

ITR-1: यह फॉर्म उन व्यक्तियों के लिए है जो निवासी हैं (सामान्य तौर पर निवासी नहीं होने के अलावा) जिनकी कुल आय 50 लाख रुपए तक है, जिनकी आय सैलरी, हाउस प्रॉपर्टी, अन्य स्रोतों (ब्याज आदि) से है और कृषि आय 5,000 रुपए तक है।

ITR-2: यह फॉर्म उन व्यक्तियों और HUFs के लिए है जिनकी किसी बिजनेस या किसी पेशे के लाभ और आय से कोई कमाई नहीं है।

ITR-3: आयकर रिटर्न फॉर्म 3 को व्यक्तिगत टैक्सपेयर्स और HUFs द्वारा चुना जाता है जो किसी पेशे या किसी बिजनेस के मालिक होने से आय अर्जित करते हैं। वो टैक्सपेयर्स जिनकी आय किसी अनलिस्टिड शेयर में निवेश से हुई है, किसी कंपनी के पार्टनर हैं, किसी कंपनी के डायरेक्टर हैं या बिजनेस का टर्नओवर 2 करोड़ रुपये से ज्यादा है, इस फॉर्म को भर सकते हैं।

ITR-4: आयकर रिटर्न फॉर्म 4 उन व्यक्तियों, HUFs और फर्मों (LLP के अलावा) के लिए है जो निवासी हैं और जिनकी कुल आय 50 लाख रुपये तक है, और किसी बिजनेस या पेशे से आय अर्जित करते है, जिसकी गणना धारा 44AD, 44ADA या 44AE के तहत की जाती है। इसके अतिरिक्त, करदाता की कृषि आय 5,000 तक नहीं होनी चाहिए।

ITR-5: आयकर रिटर्न फॉर्म 5 संस्थाओं के लिए होता है। ऐसे संस्थान जो फर्म, LLPs, AOPs, BOIs के रूप में रजिस्टर्ड हैं।

ITR-6: यह टैक्स फाइलिंग फॉर्म धारा 11 के तहत छूट का दावा करने वाली संस्थाओं के अलावा कंपनियों के लिए है।

IT रेट घटाने की तैयारी में सरकार: रिपोर्ट

भारत सरकार फरवरी के बजट में 15 लाख रुपए सालाना तक की आय वाले व्यक्तियों के लिए इनकम टैक्स में कटौती पर विचार कर रही है। इसका मकसद मध्यम वर्ग को राहत देना और खर्च बढ़ाना है, क्योंकि धीमी आर्थिक बढ़त और महंगाई ने लोगों की परेशानी बढ़ा दी है।  

सूत्रों ने बताया कि टैक्स कटौती के आकार पर अभी फैसला नहीं हुआ है। इस पर अंतिम निर्णय 1 फरवरी को बजट के करीब लिया जाएगा। हालांकि, उन्होंने यह भी कहा कि टैक्स दरें कम होने से ज्यादा लोग नई प्रणाली को अपनाएंगे, जो सरल है। भारत को इनकम टैक्स का बड़ा हिस्सा उन लोगों से मिलता है, जिनकी आय 1 करोड़ रुपए या उससे अधिक है। इन पर 30% की टैक्स दर लागू होती है।


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Content Writer

jyoti choudhary

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