कार या बाइक खरीदने जा रहे हैं तो हो जाएं अलर्ट? 31 मार्च से बदल रहे ये नियम

punjabkesari.in Saturday, Feb 15, 2020 - 11:22 AM (IST)

बिजनेस डेस्कः अगर आप कार या बाइक खरीदने की सोच रहे हैं तो आपके लिए एक जरूरी खबर है। दरअसल, सुप्रीम कोर्ट ने शुक्रवार को वाहन निर्माता कंपनियों की उस मांग को ठुकरा दिया जिसमें BS-IV वाहनों को बेचने के लिए अप्रैल तक का समय मांगा गया था। कोर्ट ने ऑटोमोबाइल डीलर्स फेडरेशन की याचिका खारिज करते हुए कहा 31 मार्च, 2020 के बाद BS-IV प्रदूषण मानक वाले वाहन नहीं बिकेंगे। इस फैसले के बाद अब भारत में कोई भी वाहन बनाने वाली कंपनी BS-IV वाहनों की बिक्री नहीं कर सकती।

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इससे पहले, सुप्रीम कोर्ट ने अक्टूबर, 2018 में अपने एक फैसले में कहा था कि 31 मार्च, 2020 के बाद बीएस4 मानक के वाहनों का रजिस्ट्रेशन और बिक्री पर रोक लगेगी। इसी आदेश पर फेडरेशन ऑफ ऑटोमोबाइल डीलर्स (FADA) ने याचिका दायर करके एक महीने का एक्सटेंशन मांगा था ताकि इन्वेंट्री क्लियर किया जा सके लेकिन सुप्रीम कोर्ट ने राहत देने से इनकार कर दिया।

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जानकारों का कहना है कि सुप्रीम कोर्ट के इस नए फैसले के बाद अब वाहन कंपनियों को सभी BS4 वाहनों को मार्केट से हटाना होगा। वाहन कंपनियों को पहले से ही तैयार अपनी कार और गाड़ियों को 31 मार्च से पहले बेचने का दबाव होगा। ऐसे परिस्थति में ग्राहकों को भारी छूट मिलने की संभावना है। ग्राहक के लिए एक बुरी खबर भी है। वो यह है कि अगर कोई ग्राहक अगले 3-6 महीनें में गाड़ी खरीदने के लिए पैसा जोड़ रहा है तो उसे अब मौजूदा दामों पर वाहन खरीदना मुश्किल होगा।

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ऐसा इसलिए क्योंकि 1 अप्रैल से BS6 लागू होने की वजह से सभी वाहनों के दाम बढ़ जाएंगे। एक अन्य महत्वपूर्ण बात यह है कि यदि कोई व्यक्ति 31 मार्च तक अपने वाहन का किसी कारणवश रजिस्ट्रेशन नहीं करवा पाता है तो उसका वाहन कबाड़ बन जाएगा। 31 मार्च के बाद ऐसे वाहन का किसी भी परिस्थति में रजिस्ट्रेशन नहीं करवाया जा सकेगा।

क्‍या है BS वाहन का मतलब?
जब भी गाड़ी की बात होती है तो उससे जुड़े एक नाम 'BS' का भी जिक्र होता है। दरअसल, बीएस का मतलब भारत स्टेज से है। यह एक ऐसा मानक है जिससे भारत में गाड़ियों के इंजन से फैलने वाले प्रदूषण को मापा जाता है। इस मानक को भारत सरकार ने तय किया है। वहीं बीएस के आगे नंबर (बीएस-3, बीएस-4, बीएस-5 या बीएस-6) भी लगता है। बीएस के आगे नंबर के बढ़ते जाने का मतलब है उत्सर्जन के बेहतर मानक, जो पर्यावरण के लिए सही हैं।

आसान भाषा में समझें तो बीएस के आगे जितना बड़ा नंबर लिखा होता है उस गाड़ी से उतने ही कम प्रदूषण होने की संभावना होती है। बहरहाल, आगामी 1 अप्रैल से बीएस-6 वाहन को अनिवार्य कर दिया गया है।
 


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jyoti choudhary

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