Share Market Giravat ke karan: रिकॉर्ड हाई बनाने के बाद अचानक लुढ़का बाजार! 6 वजहों ने बिगाड़ा मूड
punjabkesari.in Monday, Dec 01, 2025 - 02:51 PM (IST)
बिजनेस डेस्कः भारतीय शेयर बाजारों में सोमवार, 1 दिसंबर को जबरदस्त उतार-चढ़ाव देखने को मिला। शुरुआती ट्रेडिंग में सेंसेक्स-निफ्टी दोनों ने नए सर्वकालिक उच्च स्तर छू लिए लेकिन कुछ ही घंटों में मुनाफावसूली और कमजोर घरेलू-वैश्विक संकेतों के कारण बाजार तेज़ी से फिसल गए। रुपए के ऐतिहासिक निचले स्तर पर पहुंचने ने भी निवेशकों की धारणा पर नकारात्मक असर डाला।
सुबह के कारोबार में सेंसेक्स 452 अंकों की छलांग लगाकर 86,159.02 के रिकॉर्ड स्तर पर पहुंचा, जबकि निफ्टी 26,325.80 के नए हाई पर पहुंचा लेकिन दोपहर तक दोनों इंडेक्सों ने अपनी चमक खो दी और तेजी से नीचे आ गए। सेंसेक्स 85,556.80 तक गिर गया, जबकि निफ्टी 26,148.95 तक फिसल गया।
बाजार में गिरावट की 6 बड़ी वजहें
1. रुपया रिकॉर्ड निचले स्तर पर (Rupee hits record low)
मजबूत GDP आंकड़ों के बावजूद रुपया सोमवार को 89.76 प्रति डॉलर पर पहुंच गया, जो इसका नया ऐतिहासिक निचला स्तर है। इससे निवेशकों का भरोसा कमजोर हुआ और बाजार पर दबाव बढ़ा। यह भी पढ़ें: Rupee Hits all time low: डॉलर के मुकाबले रुपया धड़ाम, पहली बार इस लेवल पर
2. RBI से रेट कट की उम्मीदों पर ब्रेक
GDP में तेज़ वृद्धि के कारण बाजार को उम्मीद है कि RBI ब्याज दरों में कोई कटौती नहीं करेगा। बॉन्ड यील्ड में बढ़ोतरी भी बताती है कि मौद्रिक नीति में नरमी की संभावना कम है। ब्रोकरेज फर्मों का भी मानना है कि RBI पॉलिसी में कोई ढील नहीं देगा।
3. ग्लोबल मार्केट से कमजोर संकेत
एशियाई बाजारों में कमजोरी रही। कोरिया का कोस्पी और जापान का निक्केई 225 गिरावट में थे, जबकि अमेरिकी बाजारों के फ्यूचर्स भी लाल निशान में कारोबार कर रहे थे।
4. FII की लगातार बिकवाली
विदेशी निवेशकों ने नवंबर में 17,500 करोड़ रुपए से ज्यादा की बिकवाली की। शुक्रवार को भी 3,795 करोड़ रुपए मूल्य के शेयर बेचे गए। लगातार बिकवाली से बाजार में दबाव बना रहा।
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5. कच्चे तेल की कीमतों में उछाल
OPEC+ के फैसले के बाद ब्रेंट क्रूड करीब 1.6% चढ़कर 63.39 डॉलर प्रति बैरल हो गया। क्रूड महंगा होने से भारत पर आयात और महंगाई का जोखिम बढ़ जाता है।
6. नवंबर का PMI 9 महीने के निचले स्तर पर
मजबूत GDP के बावजूद विनिर्माण गतिविधियों में सुस्ती आई है। अरबों मार्च तिमाही में GDP ग्रोथ धीमी होने की आशंका जताई जा रही है।
