623 करोड़ की ठगी! 27 क्रिप्टो एक्सचेंजों के जरिए चला सबसे बड़ा मनी-लॉन्ड्रिंग नेटवर्क

punjabkesari.in Tuesday, Nov 18, 2025 - 01:05 PM (IST)

बिजनेस डेस्कः भारत में ऑनलाइन फ्रॉड के मामले तेजी से बढ़ते जा रहे हैं। जनवरी 2024 से सितंबर 2025 के बीच हुए साइबर अपराधों की जांच में एक बड़ा खुलासा हुआ है। गृह मंत्रालय (MHA) की रिपोर्ट बताती है कि अपराधियों ने 27 भारतीय क्रिप्टोकरेंसी एक्सचेंजों का इस्तेमाल मनी लॉन्ड्रिंग के लिए किया। इन 21 महीनों में करीब 2,872 लोगों से 623.63 करोड़ रुपए ठगकर उसे क्रिप्टो वॉलेट्स के जरिए इधर-उधर घुमाया गया। यह पूरी जांच NCRP और I4C ने मिलकर की है और इसे अब तक का सबसे जटिल साइबर मनी लॉन्ड्रिंग नेटवर्क माना गया है।

कैसे होता था फ्रॉड? लोगों को पता भी नहीं चलता था

ज्यादातर लोग यह सोचकर किसी ऐप या वेबसाइट में पैसे लगाते थे कि वे ट्रेडिंग या निवेश कर रहे हैं लेकिन उनका पैसा चुपचाप क्रिप्टोकरेंसी में बदल दिया जाता था। फिर अपराधी उस क्रिप्टो को कई डिजिटल वॉलेटों में घुमा देते थे, जिससे ट्रैक करना almost असंभव हो जाता था। इंडियन साइबर क्राइम कोऑर्डिनेशन सेंटर (I4C) ने ऐसे 27 प्लेटफ़ॉर्म्स की एक लिस्ट तैयार कर सभी जांच एजेंसियों के साथ साझा की है ताकि इस नेटवर्क को खत्म किया जा सके।

क्रिप्टो एक्सचेंजों के नाम भी आए सामने

MHA की सूची में भारत के बड़े-बड़े एक्सचेंज शामिल हैं—
CoinDCX, WazirX, CoinSwitch, ZebPay, Giottus, Mudrex
हालांकि, इन प्लेटफ़ॉर्म्स ने किसी भी गलत गतिविधि में शामिल होने से साफ इंकार किया है।

  • CoinSwitch का दावा है कि उनके प्लेटफ़ॉर्म पर ऐसा कोई ट्रांसफर हुआ ही नहीं।
  • CoinDCX ने कहा कि वे मल्टी-लेयर सिक्योरिटी और KYC/AML नियमों का कड़ाई से पालन करते हैं।
  • Mudrex और Giottus के अनुसार प्लेटफ़ॉर्म केवल लेन-देन की सुविधा देते हैं, अपराध के लिए यूजर खुद जिम्मेदार होता है।

Giottus के CEO ने उदाहरण देते हुए कहा कि यदि कोई अपराधी Swiggy पर खाना ऑर्डर करे, तो क्या Swiggy अपराधी हो जाता है? यही तर्क उन्होंने क्रिप्टो एक्सचेंजों पर लागू बताया।

क्रिप्टो मार्केट पर भरोसा क्यों कम हो रहा है?

क्रिप्टो दुनिया पहले से ही कई चुनौतियों से जूझ रही है—

  • KYC में गड़बड़ी
  • यूजर शिकायतों का समाधान न होना
  • अकाउंट से अचानक पैसे कटना
  • निकासी रोक देना

2024 में WazirX पर बड़ा साइबर हमला हुआ जिसमें 235 मिलियन डॉलर का नुकसान हुआ था। इसके बाद से यूजर्स का भरोसा और कमजोर हुआ है।

GST और ED की जांच भी सक्रिय

क्रिप्टो एक्सचेंजों पर पहले भी कई आरोप लगे हैं। 2022 में GST विभाग ने 17 एक्सचेंजों की जांच की थी, जिसमें 824 करोड़ रुपए का GST न चुकाने का मामला निकला। अब ED और FIU यह जांच कर रहे हैं कि कहीं भारतीय प्लेटफ़ॉर्म अपराधियों के ‘क्रिप्टो म्यूल’ बनने का काम तो नहीं कर रहे।

सबसे बड़े फ्रॉड ट्रांसफर भी सामने आए

NCRP डेटा के मुताबिक—

  • सबसे बड़ा ट्रांसफर 10.09 करोड़ रुपए का था, जो UK/US आधारित Onlychain Vilnius के जरिए भेजा गया।
  • दूसरा सबसे बड़ा 8.13 करोड़ रुपये Mauritius के Ezipay Ebene के जरिए गया।

इन कंपनियों में से Onlychain ने कोई जवाब नहीं दिया।
 
 


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Content Writer

jyoti choudhary

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