अनुच्छेद 370 के मुद्दे पर पाकिस्तान के भारत विरोधी तेवर जारी

punjabkesari.in Wednesday, Aug 28, 2019 - 02:04 AM (IST)

संविधान के अनुच्छेद 370 को समाप्त किए जाने पर तिलमिलाए पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान तथा अन्य नेताओं द्वारा भारत के विरुद्ध विषवमन का सिलसिला लगातार जारी है और उनके भारत विरोधी तेवर ठंडे नहीं पड़ रहे। यू.एन. से लेकर मुस्लिम देशों तक का दरवाजा खटखटा कर निराशा हाथ लगने पर भी पाकिस्तान के नेताओं ने अपनी अकड़ नहीं छोड़ी है। 

हालांकि फ्रांस में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के साथ भेंट के बाद अमरीका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प भी कह चुके हैं कि कश्मीर का मामला द्विपक्षीय है परन्तु  इसके कुछ देर बाद ही इमरान खान ने भारत पर परमाणु हमले की गीदड़ भभकी दे डाली और कहा कि वह कश्मीर के लिए किसी भी हद तक जाएंगे और हर अंतर्राष्ट्रीय मंच पर यह मुद्दा उठाएंगे। इतना ही नहीं इमरान खान ने 26 अगस्त को एक महीने में दूसरी बार अपने सहयोगी देश सऊदी अरब के ‘वली अहद’ मोहम्मद बिन सलमान से कश्मीर के मुद्दे पर बातचीत की और उन्हें भारत सरकार द्वारा जम्मू-कश्मीर का विशेष दर्जा समाप्त करने और इसे दो केंद्र शासित क्षेत्रों में बांटने के बाद के घटनाक्रम के बारे में बताया। 

इससे पहले इमरान ने 7 अगस्त को भी सऊदी अरब के ‘वली अहद’ से इसी मुद्दे पर बात की थी जब 2 दिन पहले ही भारत ने जम्मू-कश्मीर को विशेष दर्जा देने वाला अनुच्छेद 370 हटाया था। यही नहीं, 26 अगस्त को ही पाकिस्तानी सेना के प्रमुख कमर जावेद बाजवा ने रावलपिंडी स्थित पाकिस्तान सेना के मुख्यालय में चीन के केंद्रीय सैन्य आयोग के उपाध्यक्ष जनरल जू-किली-यांग से भेंट की जिसमें दोनों देशों के बीच सैन्य सहयोग एवं पाकिस्तानी सेना की निर्माण क्षमता बढ़ाने के लिए एक एम.ओ.यू. पर हस्ताक्षर करने के अलावा कश्मीर की स्थिति पर विशेष रूप से चर्चा की गई। 

भारत अंतर्राष्ट्रीय समुदाय को स्पष्टï रूप से बताता आ रहा है कि अनुच्छेद 370 के प्रावधानों को हटाना भारत का आंतरिक मामला है और पाकिस्तान को इसे स्वीकार करना चाहिए तथा कश्मीर के मुद्दे पर विश्व भर में निराशा का मुंह देखने के बाद अब इमरान खान को अपने ही घर में भी भारी आलोचना का सामना करना पड़ रहा है। ‘पाकिस्तान पीपुल्स पार्टी’ के चेयरमैन बिलावल भुट्टïो ने भी सरकार को पूरी तरह नाकाम बताते हुए कहा है कि ‘‘पहले हमारी नीति थी कि श्रीनगर कैसे हासिल करें परन्तु अब मुजफ्फराबाद बचाना भी मुश्किल हो गया है। इमरान खान तो नरेन्द्र मोदी के सामने चूं भी नहीं कर सकते और भीगी बिल्ली बन जाते हैं।’’ 

इसके साथ ही बिलावल ने कहा, ‘‘इमरान खान पाकिस्तान के ‘इलैक्टेड’ प्रधानमंत्री नहीं बल्कि ‘सिलैक्टेड’ प्रधानमंत्री हैं जिन्हें कुछ लोगों ने कठपुतली बनाकर सत्ता पर बिठाया है। इमरान केवल अपने ‘सिलैक्टर्स’ को खुश रखते हैं। यहां की जनता महंगाई की सुनामी में डूब रही है और कश्मीर हमारे हाथ से चला गया।’’ स्पष्टï है कि एक ओर जहां इमरान खान को अंतर्राष्ट्रीय मंच पर अनुच्छेद 370 के मामले पर मुंह की खानी पड़ी है वहीं अपने देश में भी उन्हें विरोधी दलों की भारी आलोचना का सामना करना पड़ रहा है। 

लिहाजा उनके लिए  भारत और अनुच्छेद 370 के प्रति अपना पूर्वाग्रहयुक्त दृष्टिïकोण त्याग कर भारत के साथ शांतिपूर्ण सह-अस्तित्व की भावना के साथ वार्ता के मंच पर आना ही बेहतर है। अन्यथा भारत के विरुद्ध नकारात्मक रवैया जारी रख कर तो वह बेशुमार घरेलू समस्याओं और आॢथक कंगाली के शिकार पाकिस्तान का अहित ही करेंगे।—विजय कुमार 


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