मोदी सरकार ने साढ़े तीन साल में एक भी वायदा पूरा नहीं किया

punjabkesari.in Saturday, Oct 07, 2017 - 03:27 AM (IST)

नरेंद्र मोदी नीत भाजपा गठजोड़ ने 2014 के लोकसभा चुनावों में झूठे वायदे करके केंद्र की सत्ता पर कब्जा तो कर लिया लेकिन अपने चुनावी वायदों जिनमें विदेशों से काला धन वापस लाना, प्रत्येक भारतीय नागरिक के खाते में 15-15 लाख रुपए जमा कराना, प्रत्येक वर्ष 2 करोड़ बेरोजगारों को रोजगार देना, देश से भ्रष्टाचार समाप्त करना, बिजली, पानी, सड़क उपलब्ध करवाना तथा महिलाओं पर अत्याचार बंद करने में से एक भी चुनावी वायदा पूरा नहीं किया।

इतना कुछ होने के बाद भी नरेंद्र मोदी से लेकर अमित शाह और अरुण जेतली तक अपनी पीठ थपथपा रहे हैं कि हमने साढ़े 3 वर्षों में ही सारे वायदे पूरे कर दिए हैं और कांग्रेस के पास इस बात का कोई जवाब नहीं है और न ही उसमें हमारी बातों को झुठलाने की ही हिम्मत है। पिछले सप्ताह प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी गुजरात में अपना 67वां जन्मदिन मनाने गए और अखबारी खबरों के अनुसार जापान के प्रधानमंत्री के साथ 8 मील लम्बा रोड शो निकाला। उसके बाद सरदार सरोवर बांध का उद्घाटन करते हुए मोदी ने अपने भाषण में कहा कि यद्यपि पर्यावरणवादियों ने इस बांध को  रोकने की पूरी कोशिश की लेकिन मैं तो जिस बात की ठान लेता हूं, उसे करके ही रहता हूं।

ऐसा करते समय शायद वह यह बात भूल गए कि इसका नींव पत्थर तो पंडित जवाहर लाल नेहरू जी ने 1961 में ही रख दिया था लेकिन 1962 में चीन के साथ युद्ध और फिर 1964 में उनकी मृत्यु के बाद यह काम दूसरों को करना था। 1965 में  पाकिस्तान से युद्ध हो गया और 1966 में ताशकंद समझौते मौके पर देश के तत्कालीन प्रधानमंत्री लाल बहादुर शास्त्री की अकस्मात मृत्यु हो गई। अगर ऐसा न भी हुआ होता तो भी बांध का निर्माण करना और कार्य को आगे बढ़ाना राज्य सरकार का काम था, केंद्र तो केवल आर्थिक मदद ही दे सकता है। अब क्या मोदी बांध पूरा होने तक स्वयं वहां बैठे रहेंगे? नरेंद्र मोदी तो केवल चुनावी दिनों में ही घोषणाएं करते हैं। पता नहीं वे कभी पूर्ण होंगी भी या नहीं, यह तो केवल ऊपर वाला ही जानता है क्योंकि अभी तक (साढ़े 3 वर्षों में) तो घोषणाएं ही की जा रही हैं। क्या मोदी जी ऐसा एक भी उदाहरण बता सकते हैं जिस पर देश की जनता को गर्व हो। 

अगर जनता खुश हो तो वह स्वयं कहे कि हम खुश  हैं।  ‘अपने मुंह मियां मिट्ठू बनने से कोई खुशी नहीं होती। मोदी जी केवल बातें बनाते आ रहे हैं। आज मोदी विरोधी को देश विरोधी बताया जा रहा है जबकि मोदी तो लोकतंत्र की परिभाषा ही भूल गए हैं। लोकतंत्र में विपक्ष की बात हर हालत में सुनी जानी चाहिए। आज साढ़े 3 वर्षों बाद भी कश्मीर जल रहा है। उड़ी में तो एक दिन में 21 भारतीय सैनिकों को शहीद होना पड़ा। पत्रकारों, लेखकों को गोलियों से भूना जा रहा है। बेंगलूर की गौरी लंकेश की हत्या इसका ताजा उदाहरण है। 

मोदी जी अपने भाषणों में रोज कहते थे कि हम जी.डी.पी. बढ़ाएंगे। लोग समझते थे कि इससे शायद देश का विकास होगा और हमारे खातों में भी कुछ रुपए डाले जाएंगे लेकिन इसका मतलब कल भूतपूर्व केंद्रीय मंत्री कपिल सिब्बल ने बता दिया है कि जी.डी.पी. बढ़ाने का मतलब गैस, डीजल और पैट्रोल के दामों में बेतहाशा वृद्धि करना है। आज एक लीटर पैट्रोल पर 45 रुपए का लाभ भारत सरकार की तेल कम्पनियों को हो रहा है और मध्यम वर्ग पर इसका बुरा असर हो रहा है और इससे महंगाई भी त्यौहारी सीजन में जरूर बढ़ेगी लेकिन मोदी के मंत्री कहते हैं कि तेल, पैट्रोल के बड़े दामों से कार, स्कूटर वाले मर तो नहीं जाएंगे। मोदी राज में आर्थिक वृद्धि हमने अगर करनी है तो टैक्स तो हम और बढ़ाएंगे। एक भाजपा नेता ने तो यहां तक कहा कि पैट्रोल तो अब 100 रुपए प्रति लीटर में मिलेगा। मैं यही चाहता हूं कि तथ्यों पर बात करें मोदी जी, आप प्रधानमंत्री हैं, झूठ बोलकर देश की जनता को गुमराह न करें।


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