भारी उद्योग मंत्रालय ने हीरो इलेक्ट्रिक और बेनलिंग EV incentive schemes से किया बाहर

punjabkesari.in Wednesday, May 22, 2024 - 05:11 PM (IST)

ऑटो डेस्क: भारी उद्योग मंत्रालय ने इलेक्ट्रिक दोपहिया बनाने वाली हीरो इलेक्ट्रिक और बेनलिंग इंडिया को भविष्य में किसी भी सरकारी प्रोत्साहन योजना में शिरकत करने से रोक दिया है। दोनों कंपनियों ने देश में इलेक्ट्रिक वाहनों के प्रयोग और निर्माण में तेजी लाने की मंत्रालय की योजना (फेम) के दूसरे चरण में दी गई सब्सिडी नहीं लौटाई है।

वरिष्ठ अधिकारियों ने मीडिया कंपनी को बताया कि मंत्रालय की जांच में पता लगा है कि दोनों कंपनियों ने चरणबद्ध विनिर्माण कार्यक्रम (पीएमपी) का उल्लंघन किया है। फेम योजना के अंतर्गत देश में मूल्य वर्द्धन के लिए पीएमपी दिशानिर्देशों का ढांचा तैयार किया गया है।

एक वरिष्ठ सरकारी अधिकारी ने बताया, 'हीरो इलेक्ट्रिक और बेनलिंग इंडिया दोनों को भारी उद्योग मंत्रालय की सभी योजनाओं से दो साल के लिए बाहर कर दिया गया है। दोनों के खिलाफ यह कदम जनरल फाइनेंशियल रुल्स 2017 के तहत उठाया गया है।' आधिकारिक अनुमानों के अनुसार सरकार सब्सिडी नहीं लौटाने वाली इन दोनों डीफॉल्टर कंपनियों से 200 करोड़ रुपये वापस मांग रही है।

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हीरो इलेक्ट्रिक के प्रवक्ता बोले-

हीरो इलेक्ट्रिक के प्रवक्ता ने इस पर कहा, 'चूंकि यह मामला अदालत में है, इसलिए हम इस पर कुछ नहीं कह सकते।' बेनलिंग को भी ई- मेल भेजा गया मगर खबर लिखे जाने तक इसका कोई जवाब नहीं आया।

मंत्रालय ने इन कंपनियों को किया बाहर-

मंत्रालय ने उल्लंघन करने वाली सभी कंपनियों- हीरो इलेक्ट्रिक, ओकीनावा ऑटोटेक एम्पीयर व्हीकल्स (ग्रीव्स कॉटन), बेनलिंग इंडिया, रिवॉल्ट इंटेलिकॉर्प और एमो मोबिलिटी को पिछले साल मई में ही फेम योजना से बाहर कर दिया था। छहों कंपनियों से कुल 469 करोड़ रुपये के करीब लौटाने को कहा गया था। इन छह कंपनियों में एमो मोबिलिटी, ग्रीव्स इलेक्ट्रिक और रिवॉल्ट इंटेलिकॉर्प ने सब्सिडी की रकम ब्याज के साथ लौटा दी। मगर हीरो इलेक्ट्रिक, ओकीनावा ऑटोटेक और बेनलिंग इंडिया ने सब्सिडी और प्रोत्साहन की रकम वापस नहीं की, जिस कारण पिछले साल अक्टूबर- नवंबर में उनके नाम हटा दिए गए।

भारी उद्योग मंत्रालय के मुताबिक फेम-2 में हीरो इलेक्ट्रिक ने 133 करोड़ रुपये, ओकीनावा ने 116 करोड़ रुपये और बेनलिंग ने 48 करोड़ रुपये सब्सिडी का दावा किया था। इस योजना के तहत कुछ चुनिंदा कंपनियों को इलेक्ट्रिक वाहन बेचने पर आने वाले खर्च की भरपाई सब्सिडी के जरिये की जाती है। मगर कंपनियों ने योजना के दिशानिर्देशों को ताक पर रखकर सब्सिडी की रकम ले ली, जिसे डीफॉल्ट माना गया।

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ओकीनावा ऑटोटेक पहुंची दिल्ली उच्च न्यायालय-

ओकीनावा ऑटोटेक डीफॉल्ट करने वाली इकलौती कंपनी है, जिसका नाम नहीं काटा गया क्योंकि वह इस मसले पर दिल्ली उच्च न्यायालय पहुंच चुकी है। अधिकारी ने कहा, 'मामला न्यायालय में विचाराधीन होने के कारण ओकीनावा को फेम योजना से बाहर नहीं किया गया है।' हीरो इलेक्ट्रिक ने भी सब्सिडी लौटाने से बचने के लिए पंजाब एवं हरियाणा उच्च न्यायालय का दरवाजा खटखटाया है।

इन कंपनियों का नाम हटाने के अलावा भारी उद्योग मंत्रालय इन कंपनियों को केंद्र सरकार की किसी भी योजना में शामिल होने से रोके जाने का एक प्रस्ताव वित्त मंत्रालय को सौंपने जा रहा है। अधिकारी ने कहा, 'हम इन कंपनियों को सरकार की सभी योजनाओं से किनारे करने के लिए वित्त मंत्रालय को एक प्रस्ताव सौंपने की तैयारी कर रही हैं। हम चाहते हैं कि उन्हें किसी भी मंत्रालय की योजना में शामिल नहीं होने दिया जाए


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News Editor

Radhika

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