देश में बढ़ रहा रिश्वतखोरी का रोग पटवारी भी ले रहे उचित काम के बदले ‘रिश्वत’

punjabkesari.in Friday, Dec 13, 2024 - 04:53 AM (IST)

देश में रिश्वतखोरी का रोग लगातार बढ़ रहा है और इसमें नीचे से ऊपर तक के अनेक कर्मचारी एवं अधिकारी संलिप्त हैं। यहां तक कि चंद पटवारी और उनके कारिंदे भी इस काम में शामिल पाए जा रहे हैं जिसके चंद उदाहरण निम्न में दर्ज हैं :

* 13 जून को श्रीनगर (जम्मू-कश्मीर) में राजस्व विभाग के पटवारी ‘परवेज अहमद’ तथा उसके साथी को भ्रष्टïाचार निरोधक कानून के अंतर्गत शिकायतकत्र्ता  के एक प्लाट का राजस्व रिकार्ड में इंद्राज करने के बदले 30,000 रुपए रिश्वत लेने के आरोप में गिरफ्तार किया गया। 

* 11 अक्तूबर को कांगड़ा (हिमाचल प्रदेश) के सतर्कता एवं भ्रष्टïाचार निरोधक ब्यूरो की टीम ने नगरोटा बगवां तहसील के पटवारी कपिल देव को शिकायतकत्र्ता की शिकायत पर 20,000 रुपए लेते हुए गिरफ्तार किया।
* 16 अक्तूबर को भिंड (मध्य प्रदेश) के ‘रमा’ गांव में तैनात पटवारी ‘आदित्य कुशवाहा’ को लोकायुक्त पुलिस ने फरियादी से जमीन विवाद के निपटारे के बदले में 8000 रुपए रिश्वत लेते हुए गिरफ्तार किया। 
* 21 अक्तूबर को जम्मू में जम्मू-कश्मीर भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो की टीम ने ‘मुलगुंड’ हलका के पटवारी ‘रूमन क्यूम’ को भूमि की रजिस्ट्री के लिए शिकायतकत्र्ता से 50,000 रुपए रिश्वत लेते हुए रंगे हाथों गिरफ्तार किया। 
* 15 नवम्बर को जबलपुर (मध्य प्रदेश) लोकायुक्त पुलिस ने ‘कुंडम’ तहसील में तैनात पटवारी ‘सन्नी द्विवेदी’ को शिकायतकत्र्ता से उसकी जमीन का रजिस्टर बनाने के बदले 13,000 रुपए रिश्वत लेते हुए रंगे हाथों पकड़ा।

* 21 नवम्बर को गुना (मध्य प्रदेश) जिले के ‘राधोगढ़’ इलाके में तैनात एक पटवारी ‘मेघा राजौरिया’ को शिकायतकत्र्ता की जमीन की ऑनलाइन एंट्री करने के बदले में उससे ऑनलाइन 5000 रुपए रिश्वत लेने के आरोप में सस्पैंड किया गया। 
* 26 नवम्बर को कोटा (राजस्थान) में एक पटवारी ‘रॉकी अरोड़ा’ को शिकायतकत्र्ता से उसके प्लाट का पट्टïा बनाने की एवज में 12,000 रुपए रिश्वत लेने के बाद 3000 रुपए की और रिश्वत लेते हुए पकड़ा। 
* 27 नवम्बर को बलरामपुर (छत्तीसगढ़) जिले की ‘राजपुर’ तहसील में भ्रष्टïाचार निरोधक ब्यूरो की टीम ने हलका पटवारी ‘पवन पांडे’ को एक व्यक्ति से उसकी भूमि का रिकार्ड दुरुस्त करने के बदले में उससे 12,000 रुपए रिश्वत लेते हुए गिरफ्तार किया। 

* 28 नवम्बर को ‘बैतूल’ (मध्य प्रदेश) में लोकायुक्त टीम ने एक किसान की भूमि की पैमाइश और सीमा निर्धारण के बदले में उससे 4000 रुपए रिश्वत लेने के आरोप में ‘प्रफुल्ल बारस्कर’ नामक पटवारी को गिरफ्तार किया। 
* 3 दिसम्बर को करौली (राजस्थान) में भ्रष्टाचार निरोधक टीम ने ‘सायपुर गुनेसरा’ हलका में पटवारी ‘पूरन चंद खारवाल’ को 6500 रुपए रिश्वत लेते हुए रंगे हाथों पकड़ा। 

* 6 दिसम्बर को रतलाम (मध्य प्रदेश) में शिकायतकत्र्ता की भूमि का सीमांकन कर रिपोर्ट पेश करने के लिए उससे 40,000 रुपए की रिश्वत लेते हुए उज्जैन लोकायुक्त की टीम ने ‘रमेश चंद्र बैरागी’ नामक पटवारी को रंगे हाथों गिरफ्तार किया। 
* 7 दिसम्बर को शाजापुर (मध्य प्रदेश) में ‘सलसलाई’ के हलका नंबर 116 के पटवारी ‘दिनेश कलमोदिया’ पर एक किसान ने 50,000 रुपए रिश्वत लेने के बावजूद काम न करने का आरोप लगाया।
* और अब 11 दिसम्बर को पंजाब विजीलैंस ब्यूरो के स्टाफ ने गुरदासपुर (पंजाब) के गांव ‘किला लाल सिंह’ में तैनात पटवारी सुरजीत सिंह को शिकायतकत्र्ता से 20,000 रुपए रिश्वत लेने के आरोप में पकड़ा। आरोपी पटवारी ने शिकायतकत्र्ता से उसके पक्ष में मौजूद 3 बोरवैलों के संबंध में रिपोर्ट देने के बदले उससे उक्त राशि की रिश्वत मांगी थी। उक्त उदाहरणों से स्पष्ट है कि पटवारियों का एक वर्ग किस कदर रिश्वतखोरी के महारोग की चपेट में आ चुका है। इसे दूर करने के लिए आरोपियों के विरुद्ध तुरंत कठोर कार्रवाई तेज करने की जरूरत है।—विजय कुमार


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