‘लगातार बढ़ रही हैं’ ‘चंद पुलिस कर्मचारियों की लापरवाही और मनमानियां’

punjabkesari.in Wednesday, May 28, 2025 - 04:33 AM (IST)

यह विडम्बना ही है कि अपराधों और अपराधियों पर अंकुश लगाने के लिए जिम्मेदार पुलिस बलों के चंद सदस्य स्वयं अपराधों में संलिप्त होकर पुलिस विभाग की बदनामी का कारण बन रहे हैं जिनके मात्र लगभग सवा 2 महीनों के चंद उदाहरण पाठकों के लिए निम्न में दर्ज हैं : 

* 8 मार्च को महिला दिवस पर ‘सांगानेर’ (राजस्थान) पुलिस थाने में तैनात ‘भागा राम’ नामक एक पुलिस कांस्टेबल द्वारा एक गर्भवती दलित महिला के मुंह में कपड़ा ठूंस कर उसके बेटे के सामने उससे बलात्कार की घटना को लेकर राजस्थान विधानसभा में 11 मई को भारी हंगामा हुआ।
* 25 मार्च को ‘पलवल’ (हरियाणा) में पुलिस कर्मी की गाड़ी को ओवरटेक करना एक युवक, जिसकी 11 माह पहले ही शादी हुई थी, को बहुत महंगा पड़ा। पुलिस कर्मियों ने युवक को जबरन गाड़ी में बिठाकर रास्ते में 2-3 घंटे तक उसे बेरहमी से पीटा और फिर थाने में ले जाकर छोड़ दिया। इससे आहत होकर युवक ने आत्महत्या कर ली।  
* 10 अप्रैल को ‘गुरुग्राम’ (हरियाणा) में अस्थायी झोंपड़ी बना कर रहने और चाय-परांठे की रेहड़ी लगाने वाले प्रवासी को उसकी रेहड़ी बंद करवा देने की धमकी देकर उससे हफ्ता वसूली करने के आरोप में 4 पुलिस कर्मियों को निलंबित करने के बाद जेल भेजा गया। 

* 10 अप्रैल को ही ‘जोधपुर’ (राजस्थान) में 2 पुलिस कर्मियों को थाने के मालखाने में जब्त करके रखे हुए डोडा-पोस्त को बेच कर उनकी जगह कट्टों में अरंडी के छिलके रखने के आरोप में निलंबित किया गया। 
* 20 मई को ‘मुजफ्फरनगर’ (उत्तर प्रदेश) में कोर्ट द्वारा जारी वारंट की तामील करवाने पहुंचे 2 पुलिस कर्मचारियों ने ‘महाराज सिंह’ नामक किसान को गिरफ्तारी से बचने के लिए 10,000 रुपए रिश्वत देने को कहा।
जब किसान ने उनसे अपना ‘आई-कार्ड’ दिखाने को कहा तो पुलिस कर्मियों ने महिलाओं सहित किसान के परिवार के सदस्यों से गाली-गलौच करने के अलावा उन सबसे मारपीट की और किसान को घसीटा जिस पर पुलिस कर्मियों के विरुद्ध केस दर्ज हुआ। 

* 25 मई को ‘खन्ना (पंजाब) में पुलिस ने काऊंटर इंटैलीजैंस, लुधियाना में तैनात हैड कांस्टेबल ‘अरविंदर सिंह’ सहित 11 लोगों को नशा तस्करी में शामिल होने के आरोप में गिरफ्तार किया।
* 26 मई को ‘बठिंडा’ (पंजाब) जिले के ‘गोनियाना’ के नरेंद्रदीप सिंह नामक युवक की पुलिस हिरासत में मौत के मामले में थाना कैनाल कालोनी की पुलिस ने 4 पुलिस कर्मचारियों सहित  6 आरोपियों पर केस दर्ज किया। मृतक के परिजनों का आरोप है कि पुलिस की हिरासत में युवक को थर्ड डिग्री टार्चर और उसके सिर व गुप्तांगों पर करंट लगाने से उसकी मौत हुई। 

* 26 मई को ही ‘बंठिडा’ में पंजाब पुलिस की बर्खास्त महिला कांस्टेबल अमनदीप कौर को विजीलैंस ब्यूरो ने आय के ज्ञात स्रोतों से अधिक सम्पत्ति बनाने के आरोप में गिरफ्तार करके उसकी सम्पत्ति को फ्रीज (जाम) कर दिया।
* 26 मई को ही ‘खैरागढ़’ (आगरा) में 2 पक्षों के बीच कहा-सुनी के बाद पुलिस दोनों पक्षों के लोगों को थाने में लेकर गई जहां उन्होंने कुछ समय के बाद एक पक्ष के लोगों को तो छोड़ दिया लेकिन दूसरे पक्ष के लोगों में से एक व्यक्ति के पैरों और हाथों को बेरहमी से जूतों से बुरी तरह पीटा और उसके भाई को खंभे से बांध कर रिश्वत मांगी जो न मिलने पर शांति भंग की कार्रवाई करते हुए उनका चालान कर दिया।

इस तरह की घटनाओं ने पुलिस विभाग में पारदर्शिता के अभाव तथा जिम्मेदारी को लेकर सवाल खड़े कर दिए हैं। ऐसी घटनाओं का लगातार होना सिद्ध करता है कि देश में कानून-व्यवस्था लागू करने वाली मशीनरी को चंद भ्रष्टï और अनुशासनहीन पुलिस कर्मचारी घुन की तरह खोखला और पुलिस की छवि को धूमिल कर रहे हैं। अत: समय की मांग है कि ऐसे भ्रष्टï पुलिस कर्मचारियों को कठोरतम दंड दिया जाए ताकि दूसरे भी ऐसा करने से बाज आएं और रक्षक रक्षक ही बने रहें, भक्षक न बनें।—विजय कुमार


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