‘भ्रष्टाचार का बदलता रूप’ ‘अब पंचायतें भी ठेके पर दी जाने लगीं’

punjabkesari.in Friday, May 23, 2025 - 05:03 AM (IST)

आज जहां देश में ऊपर से नीचे तक भ्रष्टाचार व्याप्त है, वहीं चंद पंचायतें भी इससे अछूती नहीं रहीं तथा इनमें भी भ्रष्टाचार शिखर पर है। यहां तक कि अब तो पंचों-सरपंचों व अन्यों द्वारा रिश्वतखोरी और गबन के अलावा निर्वाचित सरपंच अपनी जगह पर दूसरों को सरपंची ‘ठेके’ पर भी देने लगे हैं जिनके मात्र पिछले दो सप्ताह के कुछ उदाहरण निम्न में दर्ज हैं : 

* 8 मई को ‘अलीगढ़’ (उत्तर प्रदेश) की ग्राम पंचायत ‘महुआ’ में पौधारोपण और तालाब की सफाई के लिए आबंटित राशि में से सवा तीन लाख रुपए के गबन की वसूली के लिए ग्राम प्रधान ‘प्रेम पाल सिंह’ तथा अन्य पर मुकद्दमा दर्ज करने का आदेश लोकपाल ने दिया।
* 14 मई को ‘सासाराम’ (बिहार) की ‘बरूना’  पंचायत में एक ‘कम्युनिटी हाल’ के निर्माण के लिए जारी किए गए 66,000 रुपए हड़पने के आरोप में तत्कालीन पंचायत सचिव ‘राजीव कुमार’ को निलंबित किया गया। 
* 17 मई को ‘भभुआ’ (बिहार) में ‘कुडारी’ ग्राम पंचायत के लोगों ने चंद पंचायत सदस्यों के विरुद्ध पटना के आयुक्त को आवेदन देकर ‘नल-जल और नाली-गली’ योजनाओं के काम में अनियमितता बरतने तथा उनके द्वारा लगभग 86 लाख रुपए की हेराफेरी करने की शिकायत दर्ज करवाई। 
* 17 मई को ही ‘बागपत’ (उत्तर प्रदेश) में ग्राम पंचायत ‘सादिकपुर सिनौली’ के प्रधान द्वारा गांव के प्रवेश द्वार पर लगे साइन बोर्ड का फ्लैक्स बदलवाने के नाम पर ही 1.31 लाख रुपए का खर्च दिखाने के मामले में उसके विरुद्ध जिला अधिकारी के पास शिकायत दर्ज करवाई गई। 
* 19 मई को ‘चित्रकूट’ (उत्तर प्रदेश) की एक ग्राम पंचायत में लगे हैंडपंप की मुरम्मत के नाम पर लाखों रुपए का गबन किए जाने के मामले में गांव के प्रधान और सचिव के विरुद्ध केस दर्ज किया गया। आरोप है कि न तो किसी हैंडपम्प की मुरम्मत हुई और न ही किसी को मजदूरी दी गई। 
* 21 मई को ‘अनूपपुर’ (मध्य प्रदेश) में ‘लोकायुक्त पुलिस’ ने ‘बाद’ ग्राम पंचायत के सचिव ‘ब्रजेश तिवारी’ को एक पुलिया के निर्माण के लिए ठेकेदार से 15,000 रुपए रिश्वत लेते हुए गिरफ्तार किया।
* 21 मई को ही ‘जौनपुर’ (उत्तर प्रदेश) में अधिकारियों ने ‘बदलापुर’ ब्लाक के ग्राम पंचायत अधिकारी ‘दुर्गेश तिवारी’ और ‘मनरेगा’ से जुड़े क्लर्क ‘सिद्धार्थ’ के विरुद्ध आय से अधिक सम्पत्ति बनाने के मामले में उन दोनों के विरुद्ध जांच के आदेश दिए। 

* 21 मई को ही मध्य प्रदेश के ‘गुना’ जिले की ‘करोद’ तथा ‘चाचौड़ा’ की ‘रामनगर’ पंचायतों में भ्रष्टाचार के अनोखे मामले सामने आए। ‘करोद’ पंचायत की सरपंच ‘लक्ष्मी बाई’ ने बाकायदा 100 रुपए वाले स्टैम्प पेपर पर एग्रीमैंट करके पंचायत चलाने का ‘ठेका’ गांव के पंच ‘रणवीर सिंह कुशवाह’  को देकर उसे पंचायत का कामकाज सौंप दिया। इसके बदले में ‘रणवीर सिंह कुशवाह’ ने पंचायत के कामकाज से होने वाली आमदनी का 5 प्रतिशत हिस्सा ‘लक्ष्मी बाई ’ को देने के अलावा उसके चुनाव पर खर्च हुए 20 लाख रुपए की भरपाई करने की जिम्मेदारी भी ले ली। मामला अधिकारियों के संज्ञान में आने के बाद ‘गुना’ पुलिस ने ‘रणवीर सिंह कुशवाह’ के विरुद्ध धोखाधड़ी की धाराओं में मामला दर्ज करवाने के अलावा सरपंच ‘लक्ष्मी बाई’ को उसके पद से हटा दिया है। 

इसी प्रकार ‘चाचौड़ा’ की ‘राम नगर’ पंचायत की सरपंच ‘मुन्नी बाई सहरिया’ को भी अधिकारियों ने सरपंची से हटा दिया। उसको ‘राम सेवक मीणा’ नामक व्यक्ति ने चुनाव लड़वाया था। ‘मुन्नी बाई’ ने भी बाकायदा स्टैम्प पेपर पर एग्रीमैंट करके ‘राम सेवक मीणा’ को प्रतिवर्ष 1 लाख रुपए के बदले में सरपंची का ‘ठेका’ दे दिया।   
* 22 मई को ‘ललितपुर’ (उत्तर प्रदेश) में एक ग्राम पंचायत सचिव ‘उमा शंकर’ को 23,000 रुपए रिश्वत लेते हुए रंगे हाथों गिरफ्तार किया। 
भारत ग्राम प्रधान देश है तथा ग्राम पंचायतें लोकतंत्र की पहली सीढ़ी मानी जाती हैं। ग्राम पंचायतों में आए दिन भ्रष्टाचार की शिकायतें उच्चाधिकारियों तक पहुंचती हैं परंतु इसके बावजूद यह सब थमने में नहीं आ रहा। अत: दोषियों के विरुद्ध तुरंत कठोर कार्रवाई करना समय की मांग है।—विजय कुमार 


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