खतरनाक हद तक बढ़ रहा लोगों में आत्महत्याओं का रुझान

punjabkesari.in Sunday, Feb 25, 2018 - 04:39 AM (IST)

एक ओर देश में आर्थिक तंगी के कारण किसान बड़ी संख्या में आत्महत्याएं कर रहे हैं, वहीं विभिन्न कारणों से विरोध करने के एक तरीके के रूप में लोगों में आत्महत्या करने की दुष्प्रवृत्ति बड़ी तेजी से बढ़ रही है जिस कारण अनेक परिवार उजड़ रहे हैं। यहां प्रस्तुत हैं ऐसी ही कुछ हृदय विदारक घटनाएं : 

09 फरवरी को नोएडा के बरौला गांव में मां द्वारा डांटने पर 14 वर्षीय बच्चे ने क्षुब्ध होकर फंदा लगा आत्महत्या कर ली। 15 फरवरी को पाटन स्थित कलैक्टर के कार्यालय में एक व्यक्ति ने सरकार के साथ अपना भूमि विवाद न सुलझने के कारण आत्मदाह कर लिया। 16 फरवरी को बीमारी से परेशान एक व्यक्ति ने मुम्बई के के.ई.एम. अस्पताल की छत से छलांग लगाकर जीवनलीला समाप्त कर ली। 

17 फरवरी को बङ्क्षठडा के गांव पथराला में दुकान में घाटा पडऩे पर एक युवक ट्रेन के आगे कूद गया। इसी दिन बङ्क्षठडा में बहन के अंतर्जातीय विवाह से परेशान युवक ने घर में फंदा लगा लिया, एक अन्य युवक ने संतान न होने के कारण पंखे से लटक कर तथा मलूका निवासी एक मजदूर ने घरेलू परेशानी के चलते प्राण गंवाए। 17 फरवरी को पुणे में 38 वर्षीय एक व्यक्ति ने आर्थिक संकट के कारण पत्नी और 2 बेटियों की हत्या करने के बाद स्वयं भी फंदा लगा लिया। 17 फरवरी को ही अबोहर के पन्नीवाला महला गांव में एक खेत मजदूर ने पत्नी, 3 बेटियों, 1 बेटे व माता-पिता का पालन-पोषण करने में असमर्थ रहने के कारण फंदा लगाकर आत्महत्या कर ली। 19 फरवरी को बुढलाडा के गांव कुलहैरी में एक महिला ने आॢथक तंगी के चलते फंदा लगाकर अपनी जीवनलीला समाप्त कर ली। 

19 फरवरी को होशियारपुर के बबाक गांव में एक व्यक्ति ने रिटायरमैंट के बाद बकाया राशि न मिलने के कारण हताश होकर आत्महत्या की। 20 फरवरी को मोगा के गांव तलवंडी मल्लियां में करियाना दुकानदार ने कारोबार न चलने के कारण जान दे दी। 20 फरवरी को छत्तीसगढ़ में रायपुर के उरला क्षेत्र के स्कूल में दूसरी कक्षा के छात्र को क्लास ले रहे हैडमास्टर ने दीर्घ शंका निवारण हेतु कक्षा से बाहर जाने की अनुमति नहीं दी जिस पर बालक ने घर आकर आत्मदाह कर लिया। 20 फरवरी को सूरतगढ़ में एक व्यक्ति ने अपने रिश्तेदारों के साथ सम्पत्ति के विवाद के चलते आत्मदाह करके प्राणों का अंत कर दिया। 21 फरवरी को लुधियाना में पति के व्यवहार से तंग महिला ने नहर में कूद कर जान दे दी। 

22 फरवरी को कमेटियों के पैसे के लेन-देन के चक्कर में लुधियाना में रहने वाली महिला ने जहरीला पदार्थ निगल कर जीवनलीला समाप्त की। 22 फरवरी को गुरदासपुर के गांव दोरांगला में धार्मिक कार्यक्रम में शामिल होने ससुराल पहुंचे सैनिक ने शराब न मिलने पर पत्नी की पिटाई कर दी जिससे आहत होकर उसने प्राण दे दिए। 22 फरवरी को कुरुक्षेत्र रोडवेज वर्कशाप में रोडवेज के एक कर्मचारी ने पंखे से लटक कर जान दी। 22 फरवरी को ही तेलंगाना में मेडक के ब्रह्मïपल्ली रेलवे स्टेशन पर एक दम्पति ने अपनी 2 वर्ष की बेटी को प्लेटफार्म पर छोड़ा और स्वयं रेलगाड़ी के आगे कूद गए। उन्होंने अपने सुसाइड नोट में लिखा कि उन्होंने अपनी मर्जी से शादी की थी परंतु दोनों के परिवारों द्वारा उन्हें अलग करने की कोशिशों के कारण वे जान दे रहे हैं। 23 फरवरी को गुरुहरसहाय के गांव भूरान भट्टïी में झगड़ा करके मायके गई पत्नी को मनाने गए युवक ने घर लौट कर जहरीला पदार्थ निगल लिया। 

उक्त घटनाओं से स्पष्टï है कि जहां माता-पिता के डांटने पर बच्चे यह भयावह पग उठा रहे हैं, वहीं परिवार के सदस्यों में नशे की लत, दाम्पत्य विवाद, आर्थिक तंगी, सरकार द्वारा विभिन्न मामलों में बरती जाने वाली उदासीनता तथा सिर पर चढ़ा कर्ज आदि आत्महत्या का कारण बन रहे हैं। यह इस बात का प्रमाण है कि लोगों में निराशा और हताशा किस हद तक बढ़ रही है जिस पर रोक लगाने के लिए उनमें संयम, सहनशीलता और जुझारू भावना बढ़ाने की जरूरत है।—विजय कुमार 


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