टमाटर, प्याज, दालों आदि की बढ़ती कीमतों ने आम लोगों का जीवन किया दूभर

punjabkesari.in Sunday, Jul 02, 2023 - 05:04 AM (IST)

एक ओर जहां देश में बेरोजगारी ने लोगों के लिए कठिनाई पैदा कर रखी है, तो दूसरी ओर टमाटर, प्याज, दालों आदि की बढ़ती कीमतों ने लोगों का जीवन दूभर कर दिया है और कई राज्यों सहित राजधानी दिल्ली में मौसमी सब्जियों के दाम अढ़ाई गुणा तक बढ़ गए हैं। 20-25 रुपए प्रति किलो बिकने वाले टमाटर के दाम अब 80 रुपए को पार कर गए हैं तथा दिल्ली में 100 रुपए प्रति किलो से ऊपर जा पहुंचे हैं। पिछले 2 वर्षों से टमाटर उगा कर नुक्सान झेेल रहे किसानों द्वारा इस वर्ष कम मात्रा में टमाटर की बुवाई करने से भी भाव बढ़े हैं।

टमाटर के साथ-साथ अब प्याज ने भी लोगों के आंसू निकालने शुरू कर दिए हैं। क्वालिटी के हिसाब से 15 से 20-25 रुपए तक रिटेल में बिकने वाले प्याज के दाम पिछले एक सप्ताह के दौरान 10-12 रुपए प्रति किलो के हिसाब से बढ़े हैं। खीरा रिटेल में 30 रुपए से बढ़कर 60-70 रुपए किलो तक बिक रहा है। सब्जियों में लौकी के दाम 15 रुपए से बढ़ कर 40 रुपए जबकि टिंडे व रामातोरी के दाम 25-30 रुपए से बढ़कर 60 रुपए किलो तक जा पहुंचे हैं। शिमला मिर्च 40 रुपए से बढ़ कर 60 रुपए किलो बिक रही है, वहीं नींबू के दाम 80 रुपए से बढ़ कर 120-125 रुपए किलो तक पहुंच गए हैं। अदरक 120 रुपए से बढ़ कर 160-170 रुपए प्रति किलो हो गया है। वहीं बढिय़ा क्वालिटी का ‘तोहफा लहसुन’ 120-130 रुपए से बढ़ कर 160 रुपए किलो तक बिक रहा है। धनिया और हरी मिर्च के भाव में 20-30 रुपए प्रति किलो की बढ़ौतरी दर्ज हुई है।  

जीरा भी अब आम लोगों की पहुंच से बाहर होता जा रहा है और मात्र 20-25 दिनों में इसका भाव 300 रुपए प्रति किलो से बढ़कर 600-650 रुपए प्रति किलो तक जा पहुंचा है।  2 महीने पहले 150-180 रुपए किलो बिकने वाली सौंफ अब 400 रुपए प्रति किलो हो गई है। मेथी 100-110 से बढ़कर 140 रुपए, अजवाइन 220 से बढ़कर 250 रुपए, हल्दी पाऊडर 150 से बढ़कर 200 रुपए, लाल मिर्च 300 से बढ़कर 360 रुपए तक जा पहुंची है। कुछ मंडियों में सफेद चना 100 रुपए से बढ़कर 130 रुपए तथा उड़द साबुत 90 रुपए से बढ़कर 110 रुपए पहुंच गई है। सरसों के तेल में उतार-चढ़ाव जारी है। खुले में बिकने वाले सरसों के तेल का भाव 120 रुपए लीटर, जबकि बोतल वाला 150 रुपए लीटर के हिसाब से बिक रहा है। 

अमीर वर्ग के लोग तो पैसे के दम पर कोई भी वस्तु खरीद सकते हैं, परंतु वास्तविक समस्या तो मध्यम और निम्न मध्यम वर्ग के उपभोक्ताओं की है, जिनके लिए महंगाई से निपट पाना हमेशा ही कठिन होता है। अत: सरकार को ऐसी व्यवस्था करने की जरूरत है जिससे मध्यम और निम्न मध्यम वर्ग के लोगों की समस्याएं कुछ कम हो सकें। इसके लिए सरकार को सब्जियों तथा अन्य खाद्य वस्तुओं के संरक्षण की ओर ध्यान दे कर सप्लाई को बेहतर बनाने का प्रयास करना चाहिए।—विजय कुमार 


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