पाकिस्तान बना आतंकवाद की शरणस्थली ‘कुवैत’ के प्रतिबंध से भारत के आरोपों की पुष्टि

punjabkesari.in Friday, Feb 03, 2017 - 11:11 PM (IST)

आज विश्व के अधिकांश देश इस्लामी आतंकवाद की लपेट में आए हुए हैं। ग्लोबल पीस इंडैक्स (जी.पी.एस.) के अनुसार विश्व में आतंकवादी घटनाओं से होने वाली 74 प्रतिशत मौतों के लिए 4 इस्लामी आतंकवादी गिरोह आई.एस.आई.एस., बोको हराम, तालिबान एवं अल कायदा ही जिम्मेदार हैं।

एक ओर उक्त आतंकवादी संगठनों ने विश्व में तबाही मचा रखी है तो दूसरी ओर पाकिस्तान, सीरिया, ईराक, ईरान आदि अनेक देश आतंकी गिरोहों को पनाह देने के साथ-साथ उनकी गतिविधियों को खुला समर्थन दे रहे हैं। इसी के दृष्टिगत 11 सितम्बर, 2001 को अमरीका में मुसलमान आतंकवादियों द्वारा किए गए हमलों में असंख्य लोगों की मृत्यु के परिप्रेक्ष्य में अमरीका के नए राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प ने सीरिया तथा 6 अन्य मुस्लिम देशों ईरान, ईराक, लीबिया, यमन, सूडान और सोमालिया के नागरिकों के अमरीका में प्रवेश और अमरीका के शरणार्थी पुनर्वास कार्यक्रम पर रोक लगा दी है।

इसके साथ ही अमरीका ने पाकिस्तान, अफगानिस्तान और सऊदी अरब को भी निगरानी सूची में डाल दिया है जिसका मतलब है कि अमरीका सरकार इन देशों पर भी ऐसा ही प्रतिबंध लगाने के विषय में सोच रही है। ट्रम्प ने भविष्य में अमरीका आने वाले पाकिस्तानियों की कड़ी पड़ताल करने की बात भी कही है।

ट्रम्प के इस निर्णय पर विश्व भर में शोर मचा हुआ है जिस पर उन्होंने कहा कि ‘‘यह प्रतिबंध मुसलमानों पर नहीं और न ही इसका धर्म से कोई लेना-देना है। इसका संबंध तो अमरीका को आतंकवाद से बचाने से है।’’ अमरीका के बाद इसके घनिष्ठï सहयोगी देशों में से एक मुस्लिम देश ‘कुवैत’ ने भी, जहां 2011 में एक शिया मस्जिद में बम ब्लास्ट में 27 लोग मारे गए थे, आतंकवाद पर नकेल कसने की दिशा में एक बड़ा पग उठाया और ट्रम्प का अनुसरण करते हुए पाकिस्तान सहित 5 मुस्लिम बहुल देशों सीरिया, ईराक, अफगानिस्तान व ईरान के नागरिकों को वीजा जारी करने और इन देशों के साथ व्यापार करने पर प्रतिबंध लगा दिया है।

‘कुवैत’ पश्चिम एशिया में एक सम्प्रभु अरब अमीरात (देश) है। ‘कुवैत’ देश की आॢथक और राजनीतिक राजधानी है। तेल भंडारण के मामले में यह दुनिया का पांचवां सबसे अमीर देश व प्रति व्यक्ति आय के मामले में दुनिया का ग्यारहवां सबसे धनी देश है। लगभग 30 लाख की आबादी वाले इस संवैधानिक राजशाही वाले देश में संसदीय शासन प्रणाली है।

‘कुवैत’ सरकार पिछले वर्ष से ही ‘सीरिया’ पर प्रतिबंध लगाने के संबंध में विचार कर रही थी और अब अमरीका द्वारा 7 इस्लामी  देशों पर प्रतिबंध लगाए जाने के बाद ‘कुवैत’ सरकार ने भी ऐसा ही कदम उठाते हुए  सीरिया और पाकिस्तान सहित 5 मुस्लिम देशों पर प्रतिबंध लगा दिया है।

चूंकि पाकिस्तान अब तक ‘कुवैत’ को अपना महत्वपूर्ण व्यापारिक भागीदार बताता रहा है और ‘कुवैत’ के शाही परिवार के सदस्य शिकार खेलने के लिए पाकिस्तान आते रहे हैं। इसी लिए ‘कुवैत’ सरकार द्वारा पाकिस्तान पर लगाया  प्रतिबंध विश्व समुदाय के लिए आश्चर्य का विषय बन गया है।

उल्लेखनीय है कि अमरीका ने तो अभी पाकिस्तान को चंद अन्य देशों के साथ निगरानी सूची में ही रखा था परंतु ‘कुवैत’ ने तो उससे भी एक कदम आगे बढ़ कर मुस्लिम होते हुए भी पाकिस्तान पर प्रतिबंध लगा दिया है।

अमरीका द्वारा पाकिस्तान को निगरानी सूची में डालने व ‘कुवैत’ द्वारा उस पर प्रतिबंध लगाने से भारत द्वारा बार-बार लगाए जाने वाले इस आरोप की पुष्टिï हो गई है कि पाकिस्तान आज विश्व में ‘आतंकवाद’ की सुरक्षित शरणस्थली बन गया है। यदि ऐसी बात न होती तो पाकिस्तान पर ‘कुवैत’ सरकार यह प्रतिबंध किसी भी हालत में न लगाती।

आतंकी गतिविधियों को समर्थन और बढ़ावा देने के कारण ही पाश्चात्य देशों में पाकिस्तान ‘स्नेक कंट्री’ पुकारा जाने लगा है तथा इसकी छवि एक आतंकी देश की बन गई है। अभी तो सिर्फ ‘कुवैत’ ने ही इस पर प्रतिबंध लगाया है यदि अमरीका व अन्य देशों ने भी उस पर प्रतिबंध लगा दिया तो वह कितने संकट में पड़ जाएगा इसका अनुमान लगाया जा सकता है।

अत: पाकिस्तानी शासकों के लिए यह ङ्क्षचतन की घड़ी है कि उनके पाले हुए आतंकवादी जो उनके लिए संकट बन चुके हैं, जितनी जल्दी वे इनसे छुटकारा पा लेंगे उनके और पाकिस्तान की जनता की सुख-शांति और खुशहाली के लिए उतना ही अच्छा होगा।
  —विजय कुमार 


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