स्कूल बस चालकों की लापरवाही से खतरे में पड़ रही मासूम बच्चों की जान

punjabkesari.in Saturday, Jan 20, 2024 - 03:57 AM (IST)

देश में सड़क दुर्घटनाओं की बाढ़-सी आई हुई है। स्कूल बसों के चालक भी मोबाइल पर बात करते हुए तथा नशे की हालत में तेज रफ्तार से वाहन चलाने आदि कारणों से लगातार मासूम बच्चों की दुखद मौत का कारण बन रहे हैं: 

* 17 जुलाई, 2023 को सिरसा (हरियाणा) के मंडी डबवाली में एक स्कूल बस के ड्राइवर ने ऊबड़-खाबड़ रास्ते से गुजरते हुए भी अपने फोन पर व्यस्त रहने के कारण बस उलटा दी जिससे कई बच्चे घायल हो गए। 

* 30 अक्तूबर, 2023 को बदायूं (उत्तर प्रदेश) के ‘उसावां’ में एक स्कूल बस व वैन की टक्कर में 4 बच्चों की मौत हो गई।
* 2 दिसम्बर, 2023 को अजमेर (राजस्थान) में एक बस और स्कूल बस में भीषण टक्कर के चलते स्कूल के एक बच्चे की जान चली गई।
* 14 दिसम्बर, 2023 को जयपुर (राजस्थान) के भगवाड़ा गांव में एक स्कूल बस के चालक ने एक 3 वर्षीय बच्चे को कुचल दिया। 
* 20 दिसम्बर, 2023 को नारनौल (हरियाणा) में एक स्कूल बस चालक ने स्कूल में बच्चों को उतारने के बाद लापरवाही से गाड़ी चलाते हुए उसी बस से उतरे एक 6 वर्षीय बच्चे को कुचल कर मार डाला। 

* 21 दिसम्बर, 2023 को शाहजहांपुर (उत्तर प्रदेश) के ‘खुटार’ थाना क्षेत्र में स्कूल जाने के लिए सड़क के किनारे खड़े 2 सगे भाइयों को वहां से गुजर रही एक तेज रफ्तार स्कूल बस ने कुचल दिया। 
* 22 दिसम्बर, 2023 को गोरखपुर (उत्तर प्रदेश) में एक डम्पर को ओवरटेक करने के चक्कर में एक स्कूल बस के बेकाबू होकर उलट जाने से 2 बच्चों की मौत और 15 बच्चे घायल हो गए। 
* 5 जनवरी, 2024 को भोपाल (मध्य प्रदेश) में एक स्कूल बस चालक  द्वारा लापरवाही से बस चलाने के कारण बस बेकाबू होकर डिवाइडर को तोड़ते हुए खाई में जा गिरी जिससे 12 बच्चे घायल हो गए। 

* 11 जनवरी, 2024 को सुमेरपुर (पाली, राजस्थान) में एक स्कूल बस और ट्रक की टक्कर के परिणामस्वरूप 11 बच्चे घायल हो गए।
* 18 जनवरी, 2024 को सरिता विहार, दिल्ली में एक तेज रफ्तार स्कूल बस ने सड़क पर अपनी मां के साथ जा रही एक बच्ची को कुचल दिया।
* 18 जनवरी, 2024 को ही सागर (मध्य प्रदेश) में एक तेज रफ्तार स्कूल बस के नशे में धुत्त चालक ने बस एक पेड़ से टकरा दी जिससे 14 बच्चों को गंभीर चोटें आईं। 
* और अब 18 जनवरी, 2024 को गोराया (पंजाब) के गांव ‘चक्क देसराज’ में नशे में धुत्त स्कूल बस चालक द्वारा लापरवाहीपूर्ण तेज रफ्तार से बस चलाने के कारण उसमें सवार बच्चों की जान पर बन आई। 

कई जगह बस टकराते-टकराते बची। किसी तरह बच्चों ने बस रुकवाई और बस चालक अपनी सीट पर ही पैर पसार कर सो गया जिसके बाद वहां एकत्रित लोगों ने पुलिस को बुला कर बस चालक को उसके हवाले कर दिया। इस तरह की घटनाओं को देखते हुए स्कूल बसों के सुरक्षित परिचालन के लिए कुछ सावधानियां बरतना जरूरी है। सभी स्कूल बसों में फस्र्ट-एड बॉक्स रखना और एमरजैंसी नंबर प्रदॢशत करना अनिवार्य होना चाहिए। 

स्कूल बसों में स्पीड गवर्नर लगाना, पुरानी और खटारा बसों के स्थान पर अच्छी हालत वाली बस का ही इस्तेमाल यकीनी बनाने के अलावा वाहन चालकों की आयु एवं स्वास्थ्य संबंधी पड़ताल करना भी आवश्यक है। स्कूल बसों की खिड़कियों पर पर्दे व इनमें म्यूजिक सिस्टम भी नहीं होना चाहिए। गीत सुनना भी ध्यान भंग होने से दुर्घटना का कारण बनता है। स्कूलों के प्रबंधक नाबालिगों, शारीरिक रूप से अशक्त और नशा करने वालों को वाहन चालक और उनके सहायक न रखें। उनका शिक्षित व सभ्य होना भी जरूरी है ताकि वे बच्चों सेे अच्छा व्यवहार करें। कुछ स्कूलों के प्रबंधक अपनी बसों के चालकों संबंधी शिकायतों और उनके द्वारा की गई दुर्घटनाओं को गंभीरता से नहीं लेते और न ही उनके विरुद्ध प्रभावशाली कार्रवाई करते हैं। ऐसा आचरण करने वाले स्कूल प्रबंधकों के विरुद्ध भी कार्रवाई करने की जरूरत है।—विजय कुमार


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