‘विष बेल की तरह बढ़ रही’ हमारे राजनीतिक ‘नेताओं की दबंगई’

punjabkesari.in Tuesday, Jul 02, 2019 - 03:40 AM (IST)

देश में राजनीतिक दलों के नेताओं और कार्यकत्र्ताओं की गुंडागर्दी तथा दबंगई का एक दुष्चक्र सा चल पड़ा है और प्रभावशाली लोगों द्वारा अपने पद के दुरुपयोग का रोग विष बेल की तरह ही फैलता जा रहा है। अभी भाजपा के राष्ट्रीय महासचिव कैलाश विजयवर्गीय के विधायक बेटे आकाश विजयवर्गीय द्वारा 26 जून को इंदौर नगर निगम अधिकारी की क्रिकेट बैट से पिटाई से उत्पन्न विवाद की स्याही सूखी भी नहीं थी कि सत्तारूढ़ दलों के नेताओं के मात्र 5 दिनों में दबंगई के और कई मामले सामने आ गए हैं : 

27 जून को विदिशा (मध्य प्रदेश) जिले के ‘गंजबा सौदा’ से भाजपा विधायक लीना जैन एक अधिकारी से इसलिए नाराज हो गईं क्योंकि वह कथित तौर पर उन्हें एक सरकारी कार्यक्रम में आमंत्रित करना भूल गया था। लीना जैन ने उसे धमकाते हुए कहा, ‘‘चौधरी जी, आप यहां नौकरी नहीं कर पाएंगे।’’ 27 जून को दमोह ‘भाजयुमो’ के जिला उपाध्यक्ष विवेक अग्रवाल ने दमोह नगर पालिका के लेखा अधिकारी अनिल गुप्ता को क्रिकेट का बैट दिखा कर धमकी दी, ‘‘यदि तुमने ठीक से काम नहीं किया तो मुझे मजबूर होकर आकाश विजयवर्गीय की तरह बैट का इस्तेमाल करना पड़ेगा।’’ 

28 जून को मध्य प्रदेश के जल संसाधन मंत्री हुकम सिंह कराड़ा (कांग्रेस) को एक जन अदालत के दौरान लगातार सिगरेट के कश लगाते हुए देखा गया जबकि देश में सार्वजनिक स्थानों पर धूम्रपान पर प्रतिबंध और जुर्माने का प्रावधान है। 28 जून को मध्य प्रदेश में सतना की राम नगर पंचायत के अध्यक्ष राम सुशील पटेल ने सी.एम.ओ. (चीफ मैडीकल आफिसर) के साथ किसी बात को लेकर हुए विवाद में उनके कार्यालय में घुस कर उनसे दुव्र्यवहार करते हुए मारपीट करके उन्हें लहूलुहान कर दिया। 28 जून को कोटकपूरा पुलिस ने कांग्रेस नेता रविंद्र सिंह द्वारा सरकारी काम में बाधा डालने और हवाई फायर करने के कथित आरोप में उनके विरुद्ध केस दर्ज किया। 

29 जून को दिल्ली की एक अदालत ने 2015 में एक व्यक्ति को पीटने के मामले में ‘आम आदमी पार्टी’ के विधायक सोम दत्त को दोषी करार दिया। 29 जून को तेलंगाना में सत्तारूढ़ पार्टी टी.आर.एस. के विधायक ‘कोनेरू कोनप्पा’ के भाई कृष्णा के नेतृत्व में पार्टी कार्यकत्र्ताओं ने ‘सिरपुर कागज नगर’ इलाके में तैनात पुलिस के जवानों और महिला वन अधिकारी की बुरी तरह पिटाई कर दी जिससे वह घायल हो गई। 

30 जून को जमानत मिलने पर जिला जेल से छूटने की खुशी में आकाश विजयवर्गीय के समर्थक ढोल की थाप पर नाचे और हवा में फायरिंग भी की। इस मौके पर आकाश ने कहा कि उसे अपने किए का कोई पछतावा नहीं है। सामने आ रहे सत्ता प्रतिष्ठान से जुड़े माननीयों की दबंगई के ये मामले सरकारी पद के दुरुपयोग के मुंह बोलते उदाहरण हैं जिनसे स्पष्टï है कि ये लोग सत्ता के मद में किस कदर आपा खो बैठते हैं और ऐसे लोगों की देखादेखी दूसरे लोगों में भी यह बीमारी लगातार फैलती जा रही है।—विजय कुमार 


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