भारत को लेकर पाकिस्तान के रवैये में आ रहे अच्छे बदलाव

punjabkesari.in Friday, Feb 08, 2019 - 03:14 AM (IST)

पूर्व क्रिकेटर और पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ पार्टी के नेता इमरान खान ने 18 अगस्त, 2018 को पाकिस्तान के प्रधानमंत्री पद की शपथ ली जिससे भारत-पाक रिश्तों में नया अध्याय शुरू होने की आशा बंधी थी। इमरान ने 29 नवम्बर, 2018 को पहली बार कहा कि ‘‘आतंकवाद के लिए पाकिस्तान की धरती का इस्तेमाल हमारे हित में नहीं है।’’ उन्होंने भारत की ओर दोस्ती का हाथ बढ़ाते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से मुलाकात करने की बात कही और यह भी कहा था कि पाकिस्तान के लोग भी भारत के साथ संबंध सुधारना चाहते हैं।

इस बीच हालांकि पाकिस्तान की ओर से भारतीय सीमाओं पर युद्ध विराम का उल्लंघन लगातार जारी है परंतु दोनों देशों के बीच कुछ सकारात्मक घटनाक्रम देखने को मिले हैं। गत वर्ष अगस्त में इस्लामाबाद में इमरान खान के शपथ ग्रहण समारोह से लौटने के बाद पंजाब सरकार में मंत्री नवजोत सिंह सिद्धू ने पाकिस्तान के सेना प्रमुख कमर जावेद बाजवा के हवाले से कहा था कि पाकिस्तान सरकार गुरु नानक देव जी की 550वीं जयंती पर डेरा बाबा नानक (श्री करतारपुर साहिब) गलियारा खोलेगी। इसी सिलसिले में 26 नवम्बर, 2018 कोउपराष्ट्रपति वैंकेया नायडू ने पंजाब के गुरदासपुर जिले के मान गांव में डेरा बाबा नानक-करतारपुर साहिब गलियारे (अंतर्राष्ट्रीय सीमा तक) की आधारशिला रखी जिसमें अन्यों के अलावा केंद्रीय मंत्री हरसिमरत कौर बादल भी शामिल हुई थीं। 

इसके बाद 28 नवम्बर को इमरान खान ने पाकिस्तान में 4 किलोमीटर लम्बे करतारपुर गलियारे की नींव रखी। वहां इसका लगभग 40 प्रतिशत काम पूरा भी हो चुका है। इसके बनने के बाद भारतीय सिख बिना वीजा के इस पवित्र स्थान के दर्शन करने जा सकेंगे। उल्लेखनीय है कि करतारपुर साहिब में सिखों के प्रथम गुरु नानक देव जी ने अपने जीवन के अंतिम 18 वर्ष बिताए थे। एक ओर पाकिस्तान सरकार ने करतारपुर कॉरीडोर के निर्माण की पहल की है तो दूसरी ओर कुछ महत्वपूर्ण सरकारी पदों पर हिन्दुओं और सिखों को नियुक्त किया है। गत 12 जनवरी को गवर्नर हाऊस, लाहौर के इतिहास में पहली बार सिख समुदाय से संबंधित पवन सिंह अरोड़ा को पंजाब के गवर्नर चौधरी मोहम्मद सरवर का जनसंपर्क अधिकारी नियुक्त किया गया। 29 जनवरी को पाकिस्तान में पहली हिन्दू महिला सुमन कुमारी को कम्बर शाह कोट में सिविल जज नियुक्त किया गया और 4 फरवरी को सिंध प्रांत के जिला जैकबाबाद की रहने वाली दानिया किंगरानी की नियुक्ति सिविल जज/ ज्यूडीशियल मैजिस्ट्रेट के रूप में की गई है। 

इसके अलावा इमरान खान ने पाकिस्तान के सिंध प्रांत में गत सप्ताह बदमाशों द्वारा एक हिन्दू मंदिर में की गई तोड़-फोड़ और पवित्र ग्रंथों एवं मूर्तियों को अग्नि भेंट किए जाने की घटना का नोटिस लेते हुए दोषियों के विरुद्ध ठोस कार्रवाई करने के अधिकारियों को आदेश दिए हैं। इतना ही नहीं, पाक सुप्रीमकोर्ट ने देश की सेना और गुप्तचर एजैंसी आई.एस.आई. के भी पर कतर दिए हैं जिन पर भारत विरोधी गतिविधियों में संलिप्त होने तथा आतंकी कार्रवाई करवाने के आरोप लगते हैं। सुप्रीमकोर्ट ने पाकिस्तान सरकार को घृणा, चरमपंथ और आतंकवाद फैलाने वाले लोगों के विरुद्ध कार्रवाई का आदेश देते हुए सेना और अन्य सशस्त्र बलों के सदस्यों के राजनीतिक गतिविधियों में भाग लेने पर रोक लगा दी है और निर्देश दिया है कि सेना एवं आई.एस.आई. जैसी सरकारी एजैंसियां कानून के दायरे में ही रह कर काम करें।

उल्लेखनीय है कि अतीत में भारत से संबंध सुधारने की दिशा में पाकिस्तान के पूर्व प्रधानमंत्री नवाज शरीफ भी इस तरह के प्रयास कर चुके हैं परंतु परवेज मुशर्रफ के गलत रवैये ने उनके प्रयासों को सफल नहीं होने दिया। 1999 में जब श्री अटल बिहारी वाजपेयी बस लेकर लाहौर गए थे तब भी इस कॉरीडोर के निर्माण की बात चली थी परंतु तभी मुशर्रफ द्वारा कारगिल का युद्ध करवा दिए जाने के कारण बात सिरे नहीं चढ़ सकी थी। अब इमरान सरकार द्वारा कॉरीडोर निर्माण की पहल, सिख-हिन्दुओं की उच्च पदों पर नियुक्ति, मंदिर पर हमला करने वालों के विरुद्ध कार्रवाई और पाक सुप्रीमकोर्ट द्वारा अपनी सेना व आई.एस.आई. को कानून के दायरे में काम करने के निर्देश पाकिस्तानी शासकों की विचारधारा में आ रहे सकारात्मक बदलाव का संकेत देते हैं। यदि यह सिलसिला जारी रहा तो भारत-पाक संबंधों में सुधार आने में अवश्य मदद मिलेगी परंतु क्या यह निरंतरता बनी रहेगी और पाकिस्तान के कुछ शासक आतंकवादियों को प्रोत्साहन देना बंद करेंगे, यह आने वाला समय ही बताएगा।—विजय कुमार 


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