‘बे सिर-पैर’ बयान देने वालों पर ‘भाजपा रोक लगाए’

punjabkesari.in Tuesday, Feb 04, 2020 - 01:14 AM (IST)

हम समय-समय पर लिखते रहते हैं कि हमारे माननीयों को हर बयान सोच-समझ कर ही देना चाहिए ताकि समाज में कटुता और अनावश्यक विवाद पैदा न हों। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी भी एक से अधिक बार अपनी पार्टी के सभी सदस्यों को यह सलाह दे चुके हैं परंतु हमारे नेताओं पर इसका कोई असर नहीं हुआ जिनके कुछ ताजा उदाहरण निम्र में दर्ज हैं : 

22 जनवरी को मध्य प्रदेश के पूर्व मंत्री बद्री लाल यादव (भाजपा) ने भोपाल में एक समारोह में राजगढ़ की एक उच्चाधिकारी पर अभद्रतापूर्ण एवं आपत्तिजनक टिप्पणी की और कहा, ‘‘मेरी बात को गलत मत समझना लेकिन एक बात मेरे मन में आई इसलिए बोल रहा हूं कि ...कांग्रेसियों को गोद में बिठा कर दूध पिलाती हैं और बीजेपी वालों को चांटा मारती हैं।’’28 जनवरी को भाजपा सांसद प्रवेश वर्मा ने चेतावनी दी, ‘‘शाहीन बाग में मौजूद सी.ए.ए. विरोधी प्रदर्शनकारी आपके घरों में घुस कर बहन-बेटियों से बलात्कार और हत्या कर सकते हैं। अगर दिल्ली में भाजपा सत्ता में आई तो एक महीने में सरकारी जमीन पर बनी सभी मस्जिदें हटा देंगे।’’ 

29 जनवरी को प्रवेश वर्मा ने अरविंद केजरीवाल को आतंकवादी और नक्सली बताते हुए कहा, ‘‘जैसे नक्सली और आतंकवादी सरकारी सम्पत्ति को नुक्सान पहुंचाते हैं, वही काम दिल्ली के मुख्यमंत्री भी कर रहे हैं।’’29 जनवरी को ही उत्तर प्रदेश के श्रम राज्यमंत्री रघुराज सिंह बोले, ‘‘कुत्ते की मौत मारे जाएंगे ये लोग जो देशद्रोह का काम करते हैं। पुलिस को निर्देश दिया गया है कि वह ऐसे राष्ट्र विरोधी तत्वों को गोली मार दे।’’ इससे कुछ ही दिन पहले इन्होंने कहा था, ‘‘प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और योगी आदित्यनाथ के विरुद्ध बोलने वालों को जिंदा दफन कर दिया जाएगा।’’ एक अन्य बयान में उन्होंने चेतावनी दी, ‘‘अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय का नाम बदल कर ‘हिन्दुस्तान विश्वविद्यालय’ रख दिया जाएगा।’’ 

29 जनवरी को ही उत्तर प्रदेश के जेल मंत्री जयकुमार सिंह ने सीतापुर में एक कालेज के समारोह में बोलते हुए शिक्षा को राजनीतिज्ञों के लिए गैर जरूरी बताया। उन्होंने फरमाया, ‘‘कई बार शिक्षित लोग खराब वातावरण पैदा कर देते हैं। किसी नेता के लिए शिक्षित होना जरूरी नहीं है।’’ 30 जनवरी को बंगाल भाजपा के अध्यक्ष दिलीप घोष ने कहा, ‘‘बिना जेल गए कोई व्यक्ति अच्छा नेता नहीं बन सकता। आप सभी को सक्रिय होना पड़ेगा और काम करना पड़ेगा ताकि पुलिस आपको गिरफ्तार करने के लिए मजबूर हो जाए। तृणमूल कांग्रेस के गुंडों की धमकियों से डरें नहीं।’’ 31 जनवरी को भाजपा विधायक संगीत सोम ने कहा, ‘‘नागरिकता कानून के खिलाफ जो महिलाएं धरने पर बैठी हैं उनके पास काम नहीं है। भारत को तोडऩे की बात करने वाले शरजील इमाम जैसे लोगों को गोली मार देनी चाहिए।’’ 

01 फरवरी को पूर्व केंद्रीय मंत्री अनंत कुमार हेगड़े (भाजपा) ने बेंगलूरू में एक जनसभा में महात्मा गांधी के नेतृत्व में लड़े गए स्वाधीनता आंदोलन को नाटक बताया और बोले : ‘‘पूरा स्वतंत्रता आंदोलन अंग्रेजों की सहमति और समर्थन से खेला गया एक बड़ा नाटक था। ये तथाकथित नेता एक बार भी पुलिस द्वारा पीटे नहीं गए। इनका स्वतंत्रता संघर्ष दिखावा था। ऐसे लोग भारत में ‘महात्मा’ पुकारे जाते हैं। अंग्रेज शासक सत्याग्रह के कारण नहीं बल्कि निराशा और कुंठा के कारण देश छोड़ कर गए।’’02 फरवरी को वायरल हुए एक वीडियो में महाराष्ट्र के पूर्व मंत्री बबन राव लोणीकर (भाजपा) एक महिला तहसीलदार को कह रहे हैं कि वह हीरोइन जैसी दिखती है। 

औरंगाबाद में एक समारोह में उन्होंने कहा :‘‘अगर किसान सरकार से मदद चाहते हैं तो हम यहां मराठवाड़ा में ‘परतुर’ में बड़ी रैली करने की योजना बना सकते हैं। आप बताओ किसे बुलाना चाहिए? हम इसके लिए एक हीरोइन को बुला सकते हैं अगर नहीं तो हमारे पास अपनी हीरोइन तहसीलदार मैडम हैं।’’02 फरवरी को महाराष्ट्र के गंगापुर से विधायक प्रशांत बम्ब (भाजपा) ने नांदेड़ से अपनी पार्टी के सांसद प्रताप पाटिल चिखलकर को नोटिस भेजकर आरोप लगाया कि, ‘‘हाल ही में चिखलकर ने पी.डब्ल्यू.डी. अधिकारियों को भेजे पत्र में मुझे ‘ब्लैकमेलर’ कहा है।’’ समझ से बाहर है कि ऐसे बयान देकर भाजपा के नेतागण अपनी पार्टी का कौन सा भला कर रहे हैं! न सिर्फ इससे देश का राजनीतिक, सामाजिक और साम्प्रदायिक माहौल खराब होता है बल्कि विदेशों में भी भारत की छवि खराब होती है। अत: ऐसी बयानबाजी तुरंत बंद होनी चाहिए ताकि देश का माहौल खराब न हो और लोगों में सद्भाव बढ़े।—विजय कुमार 


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