दिल्ली में जल संकट

punjabkesari.in Wednesday, Jan 17, 2018 - 11:08 AM (IST)

नई दिल्ली: मंगलवार को भी यमुना में अमोनिया की मात्रा कम नहीं हुई जिससे राजधानी के पांच दर्जन इलाकों में पानी सप्लाई प्रभावित रही। सुुबह और शाम को लोग पानी के आने का इंतजार करते रहे लेकिन नल सूखे ही रहे। बता दें कि पिछले एक सप्ताह से दिल्ली में पानी की दिक्कत चल रही है। यमुना में अमोनिया बढऩे के कारण जल बोर्ड के दो जल शोधन संयंत्र चंद्रावल और वजीराबाद बुरी तरह से प्रभावित हो गए हैं। इससे करीब एक तिहाई दिल्ली में पानी की परेशानी चल रही है। मंगलवार को भी हालात बेहद खाराब रहे। जानकारी के मुताबिक यमुना में पानी कम है जिसके कारण अमोनिया कम नहीं हो पा रहा है। मंगलवार को पानी की परेशानी के चलते जल बोर्ड ने पानी की राशङ्क्षनग की। जिन इलाकों में सुबह और शाम को दो-दो घंटे पानी सप्लाई किया जाता है, उन इलाकों में मंगलवार को समय की कमी कर पानी सप्लाई भेजा गया ताकि प्रभावित इलाकों में भी थोड़ी देर के लिए पानी सप्लाई किया जा सके। लेकिन इससे सभी प्रभावित इलाकों को फायदा नहीं हुआ, सिर्फ कुछ प्रभावित इलाकों में ही पानी सप्लाई किया गया।

बताया जाता है कि बुधवार को भी पांच दर्जन इलाकों में पानी की सप्लाई बाधित रहेगी। बता दें कि चंद्रावल और वजीराबाद संयंत्र अपनी आधी क्षमता से ही काम कर रहे हैं जिसके कारण राजधानी के तमाम इलाकों में पानी की दिक्कत चल रही है। बोर्ड के अनुसार, चंद्रावल और वजीराबाद संयंत्र पूरी तरह यमुना पर निर्भर हैं। इस समय इन दोनों प्लांट की क्षमता आधी हो गई है। चंद्रावल प्लांट की क्षमता 90 एमजीडी और वजीराबाद की क्षमता 120 एमजीडी की है। प्लांट की क्षमता आधी होने की वजह से दिल्ली की डिमांड पूरी नहीं हो पा रही है। अधिकारियों के अनुसार कुछ क्षेत्रों में एक दिन छोड़कर पानी सप्लाई की प्लानिंग की गई है।

जनकपुरी में रसोई, बाथरूम हर जगह आ रहा है सीवर का पानी
जनकपुरी डीडीए फ्लैट्स के लोग पिछले दो साल से गंदा पानी पीने को मजबूर हैं। रसोई, बाथरूम हर जगह नल से सीवर का पानी सप्लाई हो रहा है। दिल्ली जल बोर्ड से कई बार लिखित शिकायत करने के बाद भी समस्या का समाधान नहीं हो सका। जल बोर्ड के अधिकारी शिकायत मिलने के बाद एक दो बार आए पर खानापूर्ति करके चलते बने। जनकपुरी के बी2ए ब्लॉक में डीडीए फ्लैट््स बने हुए हैं जहां कई परिवार रहते हैं। लोगों की शिकायत है कि वर्ष 2016 से ही नल से सीवर का पानी आ रहा है। डीडीए फ्लैट्स निवासी डॉ गीता शर्मा ने बताया कि पिछले दो साल से लोग सीवर के पानी से किसी तरह घर के दूसरे जरूरी काम करते हैं लेकिन पीने के लिए पानी बाजार से खरीदकर लाना पड़ता है जिससे लोगों का बजट भी बिगड़ गया है।

निवासी गीता बुधोलिया का कहना है कि पानी पर ही हर महीने डेढ़ से दो हजार रुपए खर्च हो जाते हैं जिससे घर का बजट भी बिगड़ जाता है। वहीं पुष्पा कुमारी भी गंदे पानी की समस्या से परेशान है। निवासी सचिन ने कहा कि इलाके से आप पार्टी के विधायक है और लोग विधायक से भी मिलकर अपनी पेरशानी बता चुके हैं। विधायक ने भरोसा तो दिया है कि वो अपने विधायक फंड से पाइप लाइन बदलवा देंगे लेकिन इस आश्वासन को भी लंबा समय हो गया है पर पाइप लाइन नहीं बदली गई। जानकारी के मुताबिक इस कॉलोनी में बिछी जल बोर्ड की पाइप लाइन बहुत साल पुरानी है और उसके साथ बिछी सीवर लाइन व पानी की लाइन में लीकेज की बात कही जा रही है जिसके कारण सीवर का पानी घरों में पहुंच रहा है। बोर्ड के अधिकारियों का कहना है कि अगर लाइन बदलवानी है तो लोग अपने निजी पैसे से लाइन को बदलवाएं, यह काम उनका नहीं है।

किन इलाकों में है सबसे ज्यादा दिक्कत
डियर पार्क, किशनगंज, महरौली, ग्रीन पार्क, मुनिरका, मालवीय नगर, चितरंजन पार्क डी और ई ब्लॉक, नीति बाग, नेहरू नगर, ए-2 ब्लॉक जनकपुरी, सुल्तानपुर, पूठ खुर्द, माजरा डबास, चंदनपुर, बुराड़ी, गीता कॉलोनी, लक्ष्मी नगर, रमेश पार्क, एनडीएमसी क्षेत्र, दिल्ली कैंट, पटेल नगर, पहाडग़ंज, वजीराबाद, राजेंद्र नगर, झंडेवालान, कनॉट प्लेस, करोल बाग, चांदनी चौक, दिल्ली गेट, दरियागंज, सिविल लाइन एरिया पानी की किल्लत से सबसे अधिक प्रभावित हैं।


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