भारतीय छात्र का कमाल, नासा ने लॉन्च की दुनिया की सबसे छोटी सैटेलाइट 'कलामसैट'

punjabkesari.in Thursday, Jun 22, 2017 - 05:34 PM (IST)

नई दिल्ली : तमिलनाडु के रिफत शारूक(18) ने दुनिया का सबसे छोटा और हल्का सैटेलाइट डिजाइन तैयार कर मिसाल कायम की है। अमरीकी स्पेस एजेंसी नासा साउडिंग रॉकेट के तहत 64 ग्राम का सैटेलाइट लॉन्च किया है । पूर्व राष्ट्रपति एपीजे अब्दुल कलाम के नाम पर सैटेलाइट को 'कलामसैट'  का नाम मिला। इसे बनाने में 1 लाख रुपए का खर्च आया। इस डिजाइन को बनाने वाले रिफत 12वीं क्लास में पढ़ते है। उनकी टीम में विनय भारद्वाज, तनिष्क द्विवेदी, यग्नासाई, अब्दुल कासिफ और गोबी नाथ शामिल हैं।

16 मई को रिफत ने बताया
जानकारी के मुताबिक, नासा के 240 मिनट के मिशन में कलामसैट 12 मिनट के बाद ऑर्बिट में छोड़ा जाएगा। सैटेलाइट में कई तरह के सेंसर और सोलर पैनल लगाए गए हैं। नासा पहली बार किसी भारतीय स्टूडेंट के एक्सपीरियमेंट को अपने मिशन में शामिल कर रहा है। इसे 'क्यूब्स इन स्पेस' कॉन्टेस्ट के तहत डेवलप किया गया। दरअसल,16 मई को रिफत ने बताया था, ''नासा के 'क्यूब्स इन स्पेस' कॉन्टेस्ट में 57 देशों के 86,000 मॉडल्स पेश किए गए थे। जिसमें ले कुल 80 मॉडल सिलेक्ट हुए, इनमें कलामसैट भी शामिल है। इस कॉन्टेस्ट को नासा और 'आई डूडल लर्निंग' ने मिलकर कराया।'' बताया जा रहा है कि ''कलामसैट को कॉर्बन फाइबर पॉलिमर से बनाया है, इसका वजन स्मार्टफोन से भी हल्का है। सैटेलाइट एक टेक्नोलॉजी डेमोन्सटेटर की तरह काम करेगा। इसका काम टेम्परेचर, रेडिएशन लेवल, रोटेशन बकलिंग और मैग्नेटोस्फेयर को कैप्चर और रिकॉर्ड करना होगा।''
PunjabKesari

सैटेलाइट बनाने के लिए सबसे कठिन काम
''सैटेलाइट बनाने के लिए सबसे कठिन काम हल्के मटेरियल को खोजना था। इसके लिए करीब 2 साल तक रिसर्च करनी पड़ी। कमालसैट नासा के मिशन में 3D प्रिंटेड कॉर्बन फाइबर की परफार्मेंस को डेमोन्सट्रेट करेगा।'' ''नासा के साइंटिस्ट और इंजीनियर्स टेलेंट को जज करने के लिए यह कॉन्टेस्ट कराते हैं। सैटेलाइट बनाने के लिए 'स्पेस किड्ज इंडिया' अॉर्गेनाइजेशन ने काफी सपोर्ट किया।"


सबसे ज्यादा पढ़े गए

Recommended News

Related News