'चीन-पाक आर्थिक गलियारे से बलूचिस्‍तान को उजाड़ने की तैयारी'

punjabkesari.in Monday, May 15, 2017 - 05:20 PM (IST)

उबरहाउसेन (जर्मनी): 51.5 बिलियन डॉलर की लागत वाले चीन-पाक आर्थिक गलियारे से बलूचवासियों पर होने वाले व्‍यापक प्रभाव की बात करते हुए जर्मन वकील व मानवाधिकार कार्यकर्ता क्‍लाउडिया वॉल्‍डिच ने कहा, बलूचिस्‍तान के लोगों से 40 साल पहले ही ग्‍वादर बंदरगाह तक पहुंचने का अधिकार ले लिया गया था जबकि चीन के पास यह अधिकार है।

वॉल्‍डिच ने चेताया, ‘जब चीन अपने कामगारों को बलूचिस्‍तान लाएगा तब यहां आबादी का समीकरण बदल जाएगा। बलूचों को उनके गांवों और घरों से निकाल दिया जाएगा।‘ उन्‍होंने आरोप लगाया कि पाकिस्‍तान आर्मी ने बलूच लोगों को उजाड़ने  के अपने लक्ष्‍य को हासिल करने के लिए काम पहले ही शुरू कर दिया है।


वॉल्‍डिच ने कहा कि केवल स्‍थानीय सुरक्षा अधिकारियों को काम मिलेगा और बाकियों को नई नौकरी का वादा कर निकाल दिया जाएगा। पाकिस्‍तान समर्थित CPEC की विशेष परिस्‍थितियों के जरिए क्षेत्र में चीन अपना राजनीतिक व आर्थिक प्रभाव बढ़ाना चाहता है। वॉल्‍डिच ने आगे कहा कि बलूचिस्‍तान अभी भी राज्‍य के तौर पर मौजूद है और कहा कि पाकिस्‍तान के संस्‍थापक मोहम्‍मद अली जिन्‍ना ने बलूचिस्‍तान को आजाद कर दिया था और यह कागजात में भी दर्ज है।
 


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