सोने की लंका के स्वामी दशानन रावण पर भी पड़ी GST की मार

punjabkesari.in Monday, Sep 25, 2017 - 09:56 AM (IST)

नई दिल्लीः रावण के पुतलों का बाजार भी इस बार माल एवं सेवा कर (जी.एस.टी.) की मार से बच नहीं पाया है। पुतला बनाने में काम आने वाली तमाम सामग्रियों के दाम बढ़ चुके हैं, जिससे पिछले साल की तुलना में लागत में काफी इजाफा हुआ है। कारीगरों का कहना है कि लागत बढऩे की वजह से इस बार छोटे पुतलों के आर्डर आ रहे हैं, वहीं कुंभकर्ण और मेघनाद के पुतलों की तो मांग ही न के बराबर रह गई है।

पुतले बनाने का सामान महंगा
पश्चिमी दिल्ली का तातारपुर गांव राजधानी में रावण के पुतलों का प्रमुख बाजार है। यहां 1973 में सिकंदराबाद से आए छुट्टन लाल ने पुतले बनाने शुरू किए थे और तब से यह परंपरा चली आ रही है। बाद में उनका नाम ‘रावण वाला बाबा’ पड़ गया था। आज उनके कई शार्गिद इस परंपरा को आगे बढ़ा रहे हैं। रावण वाले बाबा के शार्गिद रहे संजय बताते हैं कि वैसे हर साल पुतले महंगे हो जाते हैं, लेकिन इस साल जी.एस.टी. के बाद तमाम सामान काफी महंगा हो गया है। बांस की एक कौड़ी (20 बांस) का दाम इस साल 1,000 से 1,200 रुपए हो गया है। पिछले साल इसका दाम 700-800 रुपए कौड़ी था। इसी तरह पुतलों को बांधने के लिए इस्तेमाल होने वाले तार का दाम भी 40-50 रुपए किलो तक चला गया है। कागज 25 रुपए किलोग्राम पर पहुंच गया है।

छोटे कद वाले पुतलों की मांग
सुभाष एंड कौशल रावण वाले के कौशल के मुताबिक इस बार पुतलों का दाम 300 से 350 रुपए फुट पर पहुंच गया है, जबकि पिछले साल यह 250 रुपए फुट था। पिछले 30 साल से यह काम करने वाले महेंद्र के मुताबिक अब अधिक लंबाई के पुतलों की मांग नहीं रह गई है। ज्यादातर आयोजकों द्वारा 30 से 40 फुट तक के ही पुतलों की मांग की जाती है। वहीं गली मोहल्लों में जलाने के लिए लोग 10-20 फुट के पुतलों की मांग करते हैं। तातारपुर के पुतले दिल्ली के अलावा उत्तर प्रदेश, बिहार, राजस्थान, पंजाब, मध्य प्रदेश और गुजरात तक भी जाते हैं। इसके अलावा कई बार विदेशों से भी आर्डर मिलते हैं। संजय का कहना है कि यहां एक-एक अस्थायी दुकान पर 20-30 कारीगर काम करते हैं। तातारपुर में पुतले बनाने का काम विजयदशमी से 50 दिन पहले शुरू हो जाता है। अमरोहा से यहां पिछले 25 साल से लगातार आने वाले कृपाल कहते हैं कि  आखिरी दिन तक ग्राहकों का इंतजार रहता हैं। 40 फुट के रावण का दाम 12,000 से 15,000 रुपए है। पिछले साल यह 10,000-11,000 रुपए था। 


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