इस देश 12 नहीं 13 महीने होते हैं, वहां अभी चल रहा साल 2017, जानें क्यों ये देश दुनिया से है 7 साल पीछे
punjabkesari.in Monday, Jul 07, 2025 - 05:47 PM (IST)

नेशनल डेस्क: जब पूरी दुनिया 12 महीनों और ग्रेगोरियन कैलेंडर को मानती है, तब एक देश ऐसा भी है जो आज भी अपने पारंपरिक कैलेंडर के साथ चलता है। यह देश है इथियोपिया, जो अपने खास ‘गीत’ (Ge'ez) कैलेंडर के कारण पूरी दुनिया से अलग पहचाना जाता है। इथियोपिया में साल भर में 12 नहीं बल्कि 13 महीने होते हैं। इनमें से 12 महीने पूरे 30-30 दिन के होते हैं जबकि 13वां महीना ‘पागूमे’ कहलाता है जिसमें 5 दिन होते हैं और लीप ईयर (Leap Year) में यह 6 दिन का हो जाता है। इस तरह पूरे साल में कुल 365 या 366 दिन होते हैं।
नया साल 1 जनवरी को नहीं, 11 सितंबर को मनाते हैं
जहां पूरी दुनिया 1 जनवरी को नया साल मनाती है, वहीं इथियोपिया में नया साल 11 सितंबर को मनाया जाता है। इस दिन वहां "एनकुटताश" (Enkutatash) नामक उत्सव होता है, जो वहां का पारंपरिक नववर्ष होता है। यह दिन खुशियों और परंपराओं से भरा होता है, जिसे बड़े धूमधाम से मनाया जाता है।
दुनिया से 7-8 साल पीछे है इथियोपिया का समय
आज जब बाकी दुनिया 2025-26 में है, इथियोपिया अभी भी 2017 में है। इसका कारण यह है कि इथियोपिया ने रोमन चर्च द्वारा 525 ईस्वी में किए गए कैलेंडर में बदलाव को कभी स्वीकार नहीं किया। यही वजह है कि यहां की समयगणना बाकी दुनिया से 7 से 8 साल पीछे चल रही है।
कैलेंडर का नाम और आधार
इथियोपियाई कैलेंडर को स्थानीय भाषा में ‘गीत कैलेंडर’ कहा जाता है। यह प्राचीन कॉप्टिक और जूलियन कैलेंडर पर आधारित है, जिसे इथियोपिया ने अब तक अपनी संस्कृति और पहचान का हिस्सा बनाकर रखा है।
हफ्ते के दिन और महीने के नाम भी हैं अलग
इथियोपिया का कैलेंडर सिर्फ महीने और तारीख में ही नहीं बल्कि हफ्ते के दिनों में भी अलग है। यहां एक सप्ताह में 5 दिन होते हैं और एक महीने में लगभग 6 से 7 सप्ताह माने जाते हैं। वहीं, महीनों के नाम भी दुनिया से बिल्कुल अलग हैं। जैसे: Meskerem, Tikimt, Hidar, Tahsas, Tir, Yekatit, Megabit, Miyazya, Ginbot, Sene, Hamle, Nehase और Pagumē।इथियोपिया सिर्फ अपने अनोखे कैलेंडर के लिए ही नहीं जाना जाता, बल्कि यह अफ्रीका का एकमात्र देश है जिसे कभी ब्रिटिश साम्राज्य ने गुलाम नहीं बनाया। इसकी सांस्कृतिक विरासत और आज़ादी की भावना ने इसे बाकी अफ्रीकी देशों से बिल्कुल अलग पहचान दी है।
कोरोना काल में भी रहा कैलेंडर चर्चा में
जब साल 2019-2020 में पूरी दुनिया कोरोना महामारी से जूझ रही थी, तब इथियोपिया में साल 2012 चल रहा था। इसी अनोखे कैलेंडर के कारण यह दुनिया से 7-8 साल पीछे है।
इथियोपिया का यह कैलेंडर सिर्फ तिथियों की गिनती नहीं बल्कि धार्मिक मान्यताओं, परंपराओं और ऐतिहासिक घटनाओं से भी जुड़ा हुआ है। यही कारण है कि आज भी इथियोपिया अपने प्राचीन समय चक्र को नहीं भूला और गर्व से उसका पालन करता है।