क्रिकेट जगत को दिग्गज खिलाड़ी ने कहा अलविदा, 85 अंतर्राष्ट्रीय मैच खेलने वाले स्टार प्लेयर अचानक लिया संन्यास
punjabkesari.in Friday, Jul 11, 2025 - 01:38 PM (IST)

नेशनल डेस्क: आयरलैंड के बल्लेबाज पीटर मूर ने 34 साल की उम्र में अंतर्राष्ट्रीय क्रिकेट से संन्यास की घोषणा कर सबको चौंका दिया है। 85 अंतर्राष्ट्रीय मैच खेलने वाले मूर ने अपने करियर में दो देशों की जर्सी पहनकर क्रिकेट का आनंद लिया। उन्होंने ज़िम्बाब्वे और आयरलैंड दोनों के लिए अंतर्राष्ट्रीय क्रिकेट खेला। अब वह इस खेल से दूर हो रहे हैं, जिससे क्रिकेट जगत में चर्चा का विषय बन गए हैं। पीटर मूर का जन्म 2 फरवरी 1991 को ज़िम्बाब्वे की राजधानी हरारे में हुआ। उन्होंने अंतर्राष्ट्रीय क्रिकेट में अपना डेब्यू ज़िम्बाब्वे की तरफ से 26 नवंबर 2014 को किया था। उन्होंने ज़िम्बाब्वे के लिए टेस्ट, वनडे और टी20 तीनों फॉर्मेट में खेला। ज़िम्बाब्वे के लिए उन्होंने कुल 8 साल तक क्रिकेट खेला और यहां तक कि 2019 में उन्हें उपकप्तान भी बनाया गया।मूर के करियर में 2023 में बड़ा बदलाव आया जब उन्हें आयरिश पासपोर्ट मिला। इसके बाद उन्होंने आयरलैंड क्रिकेट टीम के लिए अंतर्राष्ट्रीय क्रिकेट खेलना शुरू किया। ढाका में उन्होंने 32 साल की उम्र में आयरलैंड के लिए अपना टेस्ट डेब्यू किया। आयरलैंड के लिए उन्होंने केवल टेस्ट मैच खेले।
अंतिम मैच ज़िम्बाब्वे के खिलाफ ही खेला
10 फरवरी 2025 को पीटर मूर ने ज़िम्बाब्वे के खिलाफ अपना आखिरी टेस्ट मैच खेला। इस मैच में उन्होंने 34 रन बनाए। दिलचस्प बात यह है कि उन्होंने अपना पहला और आखिरी टेस्ट मैच दोनों ज़िम्बाब्वे के खिलाफ ही खेले। ज़िम्बाब्वे के लिए उनके करियर में तीनों फॉर्मेट में मैच खेलने का अनुभव रहा, लेकिन आयरलैंड के लिए उन्होंने केवल टेस्ट फॉर्मेट में खेला।
अंतर्राष्ट्रीय करियर के आंकड़े
पीटर मूर ने अपने करियर में कुल 15 टेस्ट, 49 वनडे और 21 टी20 अंतर्राष्ट्रीय मैच खेले। इन मैचों में उन्होंने क्रमशः 734, 827 और 364 रन बनाए। हालांकि वह कोई शतक नहीं लगा पाए, लेकिन उनके नाम 11 अर्धशतक दर्ज हैं जो उनकी निरंतरता और योगदान को दर्शाते हैं।
क्यों लिया संन्यास?
पीटर मूर ने संन्यास लेने का कारण अभी सार्वजनिक नहीं किया है। हालांकि विशेषज्ञ मानते हैं कि उम्र, फिटनेस या व्यक्तिगत कारण उनकी वजह हो सकते हैं। दो देशों के लिए खेलना और इतने वर्षों तक क्रिकेट में बने रहना ही उनके करियर की बड़ी उपलब्धि है। संन्यास की खबर ने क्रिकेट प्रेमियों को हैरान कर दिया है, लेकिन उनका योगदान हमेशा याद रखा जाएगा।