इस सरकारी स्कीम से डबल हो सकता है आपका पैसा, लाखों लोग आज भी अनजान, जल्दी देखें

punjabkesari.in Monday, Aug 11, 2025 - 12:40 PM (IST)

नेशनल डेस्क: अगर आप भी ऐसी सुरक्षित और भरोसेमंद योजना की तलाश में हैं जहां आपका पैसा बिना किसी जोखिम के बढ़े, तो पोस्ट ऑफिस की किसान विकास पत्र (KVP) स्कीम आपके लिए शानदार विकल्प हो सकती है। यह योजना भारत सरकार द्वारा चलाई जाती है और इसका उद्देश्य छोटे से लेकर बड़े निवेशकों तक सभी को एक ऐसा मंच देना है जहां उनका पैसा सुरक्षित रहे और निश्चित समय में दोगुना भी हो जाए। किसान विकास पत्र की सबसे बड़ी खासियत है इसकी सरकारी गारंटी। यह स्कीम पिछले कई दशकों से चल रही है और लाखों लोगों का भरोसा जीत चुकी है। यहां आप बिना बाजार के उतार-चढ़ाव के सीधा और गारंटीड रिटर्न प्राप्त कर सकते हैं। इस स्कीम में फिलहाल 7.5% सालाना ब्याज मिल रहा है और ब्याज कंपाउंडिंग के साथ जुड़ता है, जिससे निवेश की राशि तेजी से बढ़ती है।

कितने समय में डबल होता है पैसा?

वर्तमान में किसान विकास पत्र की मैच्योरिटी अवधि 115 महीने यानी करीब 9 साल 7 महीने की है। इसका मतलब है कि अगर आपने इसमें आज ₹1 लाख निवेश किया तो तय अवधि पूरी होने पर आपको ₹2 लाख मिलेंगे। इस योजना में निवेश पर चक्रवृद्धि ब्याज मिलता है, यानी हर साल का ब्याज मूलधन में जुड़ता है और अगले साल बढ़े हुए अमाउंट पर ब्याज मिलता है।

क्या किसान ही कर सकते हैं निवेश?

नाम से ऐसा लगता है कि किसान विकास पत्र केवल किसानों के लिए है, लेकिन यह एक बड़ा भ्रम है। हकीकत में, कोई भी भारतीय नागरिक इसमें निवेश कर सकता है — चाहे वह नौकरीपेशा हो, व्यवसायी हो, रिटायर्ड हो या गृहिणी। इस योजना की सबसे खास बात यह है कि इसमें अधिकतम निवेश की कोई सीमा नहीं है। आप जितना चाहें उतना निवेश कर सकते हैं, जबकि न्यूनतम निवेश मात्र ₹1,000 से शुरू हो जाता है।

खाता खोलने की सुविधा

इस योजना में आप सिंगल या जॉइंट अकाउंट दोनों तरह से निवेश कर सकते हैं। इसके अलावा, नाबालिग के नाम से भी खाता खोला जा सकता है, बशर्ते उनके माता-पिता या अभिभावक उनकी देखरेख करें। यह स्कीम देश के सभी पोस्ट ऑफिसों में उपलब्ध है और इसका संचालन पूरी तरह पारदर्शी होता है।

लॉक-इन पीरियड और निकासी नियम

हालांकि किसान विकास पत्र की मैच्योरिटी अवधि 9 साल 7 महीने की है, लेकिन इसका लॉक-इन पीरियड 2 साल 6 महीने (ढाई साल) का होता है।
इसका मतलब है कि आप ढाई साल से पहले इसमें निवेश की गई राशि नहीं निकाल सकते। इससे पहले निकासी सिर्फ विशेष परिस्थितियों में ही संभव होती है, जैसे मृत्यु या कोर्ट के आदेश पर।

कैसे दोगुना होता है पैसा? उदाहरण से समझें

मान लीजिए आपने किसान विकास पत्र में ₹1 लाख का निवेश किया, तो पहले साल के अंत में आपको 7.5% की दर से ₹7,500 ब्याज मिलेगा, जिससे आपकी कुल राशि ₹1,07,500 हो जाएगी। दूसरे साल इस पूरी राशि पर फिर से 7.5% ब्याज मिलेगा यानी ₹8,062, जिससे राशि और बढ़ेगी। इसी तरह हर साल ब्याज मूलधन में जुड़ता रहेगा और चक्रवृद्धि ब्याज (compounding interest) के कारण आपकी पूंजी तेजी से बढ़ती जाएगी। तय अवधि यानी 9 साल 5 महीने के अंत तक यह राशि दोगुनी होकर ₹2 लाख हो जाएगी। यदि आप ₹5 लाख का निवेश करते हैं, तो यही प्रक्रिया अपनाते हुए आपकी राशि मैच्योरिटी पर ₹10 लाख हो जाएगी, जिसमें ₹5 लाख केवल ब्याज के रूप में होंगे। यही इस योजना की सबसे बड़ी खूबी है कि यह सुरक्षित होने के साथ-साथ तय समय में दोगुना रिटर्न भी देती है।

क्या इसमें टैक्स छूट मिलती है?

ध्यान देने वाली बात यह है कि किसान विकास पत्र पर इनकम टैक्स की धारा 80C के तहत कोई टैक्स छूट नहीं मिलती।
यानी यह योजना टैक्स सेविंग के लिए नहीं है, लेकिन सुरक्षित और निश्चित रिटर्न के लिए यह एक बेहतरीन विकल्प है।

(जरूरी सूचना- यह लेख केवल जानकारी के उद्देश्य से तैयार किया गया है। निवेश से पहले कृपया अपने वित्तीय सलाहकार से सलाह अवश्य लें।)


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Content Editor

Ashutosh Chaubey

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