Cancer Alert: जागरूक न हुए तो बढ़ेगा कैंसर का संकट, ये Virus बन सकता है आपकी मौत की वजह

punjabkesari.in Thursday, Jul 31, 2025 - 12:48 PM (IST)

इंटरनेशनल डेस्क: विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) से जुड़ी अंतरराष्ट्रीय एजेंसी IARC यानी इंटरनेशनल एजेंसी फॉर रिसर्च ऑन कैंसर ने हाल ही में एक महत्वपूर्ण घोषणा की है। इस संस्था ने हेपेटाइटिस D वायरस (HDV) को इंसानों में कैंसर का कारण मान लिया है। अब यह वायरस भी उन्हीं घातक श्रेणियों में शामिल हो गया है जिनमें हेपेटाइटिस B और C पहले से मौजूद थे। स्वास्थ्य विशेषज्ञों ने इस निर्णय को गंभीरता से लेने की अपील की है और चेतावनी दी है कि अगर समय रहते टीकाकरण, जांच और इलाज की व्यवस्था नहीं की गई, तो यह वायरस लाखों लोगों की जान के लिए खतरा बन सकता है।

क्या है Hepatitis D वायरस और कैसे फैलता है?

Hepatitis D एक ऐसा वायरस है जो अपने आप सक्रिय नहीं होता। यह केवल उन लोगों को संक्रमित करता है जो पहले से हेपेटाइटिस B से पीड़ित हैं। यानी यह वायरस अकेले असर नहीं करता, बल्कि HBV (Hepatitis B Virus) की मौजूदगी में ही शरीर में फैलता है। Hepatitis D से संक्रमण के बाद शरीर का लीवर बुरी तरह प्रभावित होता है। यह वायरस धीरे-धीरे लीवर की कोशिकाओं को नुकसान पहुंचाता है और लंबे समय में लीवर कैंसर (Liver Cancer) का खतरा कई गुना बढ़ जाता है।

IARC की घोषणा क्यों है बेहद जरूरी?

IARC की यह घोषणा इसलिए अहम है क्योंकि अब HDV को भी उतनी ही गंभीरता से लिया जाएगा जितनी हेपेटाइटिस B और C को। यह न केवल इलाज और जागरूकता के नजरिए से महत्वपूर्ण है बल्कि नीति निर्माण और वैश्विक स्वास्थ्य योजनाओं में बदलाव की दृष्टि से भी जरूरी कदम है। WHO के मुताबिक, दुनियाभर में 1.2 से 2 करोड़ लोग Hepatitis D से प्रभावित हैं, लेकिन इनमें से अधिकांश को पता ही नहीं कि वे संक्रमित हैं। यह स्थिति और भी चिंताजनक है क्योंकि इलाज की शुरुआत में ही पहचान बेहद जरूरी होती है।

किन कारणों से छुपा रह जाता है यह संक्रमण?

Hepatitis D को पहचानने और रोकने में कई बड़ी बाधाएं हैं, जैसे:

  • सीमित जांच की सुविधाएं: खासकर ग्रामीण और दूरदराज के क्षेत्रों में HDV की पहचान के लिए जरूरी टेस्ट उपलब्ध नहीं होते।

  • कमजोर स्वास्थ्य व्यवस्था: कई जगहों पर स्वास्थ्य सेवाओं की कमी के कारण समय पर जांच और इलाज नहीं हो पाता।

  • सामाजिक कलंक: हेपेटाइटिस को लेकर कई जगह अब भी भ्रांतियां और डर फैला हुआ है जिससे लोग जांच कराने से कतराते हैं।

क्या है इससे बचाव का सबसे मजबूत उपाय?

चूंकि हेपेटाइटिस D वायरस (HDV) अकेले नहीं फैल सकता और इसके लिए हेपेटाइटिस B वायरस (HBV) का होना जरूरी है, इसलिए HDV से बचाव का सबसे प्रभावी तरीका है हेपेटाइटिस B से सुरक्षा। इस सुरक्षा के लिए सबसे कारगर उपाय है टीकाकरण। विशेषज्ञों का कहना है कि हेपेटाइटिस B का टीका लगवाने से न केवल HBV से बल्कि HDV से भी बचाव होता है। खासकर नवजात बच्चों और उन लोगों को जो जोखिम में रहते हैं, जैसे स्वास्थ्यकर्मी या संक्रमित परिवार के सदस्य, उन्हें प्राथमिकता देकर टीकाकरण करना बेहद जरूरी है। इसके अलावा, जो लोग पहले से हेपेटाइटिस B से संक्रमित हैं, उनकी नियमित जांच कराते रहना चाहिए ताकि समय रहते HDV संक्रमण का पता चल सके और उचित इलाज शुरू किया जा सके। साथ ही, देश के दूरदराज और गरीब इलाकों में मुफ्त जांच और इलाज की सुविधाएं उपलब्ध कराना भी आवश्यक है। इसके साथ ही जन जागरूकता अभियान चलाकर लोगों को HDV के बारे में सही जानकारी देना और सतर्क करना जरूरी है ताकि वे इस गंभीर बीमारी से बचाव के लिए सही कदम उठा सकें।

HDV से निपटने के लिए अब देर नहीं करनी चाहिए

Hepatitis D एक 'साइलेंट किलर' की तरह शरीर को नुकसान पहुंचाता है। यह धीमी गति से लीवर की कार्यक्षमता को खत्म कर देता है और अंत में गंभीर बीमारियों जैसे लिवर सिरोसिस और कैंसर का कारण बनता है। अगर अब भी हमने जागरूकता, टीकाकरण, और नियमित जांच को प्राथमिकता नहीं दी, तो आने वाले समय में यह वायरस एक बड़ी सार्वजनिक स्वास्थ्य चुनौती बन सकता है।


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Content Editor

Ashutosh Chaubey

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