बाबा साहेब अंबेडकर ने इस ब्राह्मण लड़की से की थी दूसरी शादी! जानें परिवार का क्या था रिएक्शन
punjabkesari.in Monday, Apr 14, 2025 - 03:04 PM (IST)

नेशनल डेस्क: डॉ. भीमराव अंबेडकर का जीवन संघर्ष और समाज सुधार के लिए समर्पण की मिसाल है। लेकिन उनके निजी जीवन की एक कहानी ऐसी भी है, जो आज भी बहुत से लोग नहीं जानते। एक ब्राह्मण डॉक्टर से हुई उनकी दूसरी शादी ने न सिर्फ उनके जीवन को सहारा दिया बल्कि समाज को यह भी बताया कि जाति से ऊपर इंसानियत होती है। यह कहानी है डॉ. सविता अंबेडकर की, जो पहले डॉक्टर सविता कबीर के नाम से जानी जाती थीं।
दूसरी शादी, जिसने बदल दी ज़िंदगी की दिशा
डॉ. अंबेडकर ने अपनी पहली पत्नी रमाबाई की मृत्यु के बाद, 15 अप्रैल 1948 को दूसरी शादी की। यह शादी उन्होंने डॉ. सविता कबीर से की जो एक पढ़ी-लिखी, पेशे से डॉक्टर और ब्राह्मण परिवार से थीं। इस शादी को लेकर उनके अपने परिवार और कुछ साथियों ने नाराज़गी जताई, क्योंकि वह एक अलग जाति की थीं। लेकिन डॉ. अंबेडकर ने समाज के विरोध से ऊपर उठकर यह फैसला लिया। यह वही अंबेडकर थे जिन्होंने जीवनभर छुआछूत और जाति के खिलाफ संघर्ष किया और उसी सोच पर चलकर उन्होंने अपने लिए भी समानता का उदाहरण पेश किया।
कौन थीं डॉ. सविता अंबेडकर?
डॉ. सविता का जन्म पुणे के एक मराठी ब्राह्मण परिवार में हुआ था। उन्होंने पुणे में प्रारंभिक शिक्षा लेने के बाद मुंबई से एमबीबीएस की डिग्री हासिल की। वे एक कुशल चिकित्सक थीं और सामाजिक मुद्दों के प्रति भी संवेदनशील रहीं। साल 1947 में जब वे 38 साल की थीं, तब डॉ. अंबेडकर की तबीयत काफी बिगड़ चुकी थी। उन्हें अनिद्रा, मधुमेह और पैरों में असहनीय दर्द रहता था। तभी उनका इलाज करने के लिए डॉ. सविता को बुलाया गया। यहीं से शुरू हुई एक मानवीय संबंध की कहानी।
इलाज से रिश्ते तक का सफर
डॉ. अंबेडकर का स्वास्थ्य 1940 के दशक के आखिर में लगातार गिरने लगा था। भारतीय संविधान का मसौदा तैयार करने में उन्होंने दिन-रात एक कर दिया था। उनकी हालत देखकर डॉक्टरों ने सलाह दी कि उन्हें ऐसे जीवनसाथी की ज़रूरत है जो न सिर्फ देखभाल कर सके बल्कि मेडिकल ज्ञान भी रखता हो। डॉ. सविता ने न सिर्फ इलाज किया बल्कि पूरी निष्ठा से सेवा की। डॉ. अंबेडकर उनकी देखभाल से इतने प्रभावित हुए कि उन्होंने विवाह का प्रस्ताव रखा। सविता ने यह प्रस्ताव स्वीकार कर लिया और दोनों ने 15 अप्रैल 1948 को दिल्ली में शादी कर ली।