बैटिंग ऐप मामला: अभिनेता सोनू सूद और पूर्व क्रिकेटर युवराज सिंह को ED ने जारी किया समन

punjabkesari.in Tuesday, Sep 16, 2025 - 12:32 PM (IST)

नेशनल डेस्क: बैटिंग ऐप मामले से जुड़ी एक बड़ी खबर सामने आई है। इस मामले में अभिनेता सोनू सूद और पूर्व क्रिकेटर युवराज सिंह, रॉबिन उथप्पा को ED ने समन जारी किया है। उथप्पा को 22 सितंबर और युवराज को 23 सितंबर को दिल्ली में ED के मुख्यालय में पेश होने के लिए कहा गया है। यह मामला 1xBet नामक एक अवैध ऑनलाइन सट्टेबाजी प्लेटफॉर्म से जुड़ा है, जिस पर करोड़ों रुपये की धोखाधड़ी और टैक्स चोरी का आरोप है।

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ED की पूछताछ का मुख्य मकसद-

ED की जांच का मुख्य मकसद यह जानना है कि क्या युवराज और उथप्पा ने 1xBet ऐप का प्रचार किया था और इसके बदले कोई भुगतान लिया था। PMLA के तहत इन क्रिकेटरों की भूमिका की जांच कर रही है। दोनों के बयान इसी कानून के तहत दर्ज किए जाएंगे। ईडी इस अवैध नेटवर्क में उनकी किसी भी वित्तीय या गैर-वित्तीय भागीदारी का पता लगाने की कोशिश कर रही है।

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कई बड़े नाम पहले भी हो चुके हैं तलब-

इससे पहले भी ED ने पूर्व भारतीय क्रिकेटर सुरेश रैना और शिखर धवन से भी दिल्ली में इसी मामले में पूछताछ की गई थी। इसके अलावा सोमवार को पूर्व TMC सांसद और अभिनेत्री मिमी चक्रवर्ती का बयान भी दर्ज किया गया। बंगाली अभिनेता अंकुश हाजरा ने मंगलवार को अपना बयान दर्ज कराया। 1xBet की इंडिया ब्रांड एंबेसडर अभिनेत्री उर्वशी रौतेला अभी तक ED के सामने पेश नहीं हुई हैं।

अवैध बेटिंग ऐप्स पर ED ने तेज की कार्रवाई-

ED इस समय कई ऐसे मामलों की जांच कर रही है जो अवैध बेटिंग ऐप्स से जुड़े हैं। जांच एजेंसी का मानना है कि ये ऐप्स न केवल गैरकानूनी हैं, बल्कि इनका इस्तेमाल बड़े पैमाने पर money laundering के लिए भी होता है। इन ऐप्स पर लाखों लोगों और निवेशकों को करोड़ों रुपये का चूना लगाने और बड़े पैमाने पर टैक्स चोरी करने का आरोप है। ईडी ने विशेष रूप से उन विज्ञापनों पर कार्रवाई तेज की है, जिनमें फिल्मी सितारे और क्रिकेटर शामिल हैं।

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ऑनलाइन बेटिंग का बढ़ता बाजार और सरकार की कार्रवाई

मार्केट रिसर्च एजेंसियों के मुताबिक भारत में करीब 22 करोड़ लोग ऑनलाइन बेटिंग एप्लिकेशन का इस्तेमाल करते हैं, जिनमें से आधे से ज्यादा रेगुलर यूजर्स हैं। अनुमान है कि भारत का ऑनलाइन बेटिंग बाजार 100 अरब अमेरिकी डॉलर से ज्यादा का है और यह हर साल 30% की दर से बढ़ रहा है। सरकार भी इस पर नजर बनाए हुए है। संसद में दी गई जानकारी के अनुसार साल 2022 से जून 2025 के बीच 1,524 ऐसे प्लेटफॉर्म्स को ब्लॉक करने का निर्देश दिया गया था।


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News Editor

Radhika

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