कैंसर से बचाव के लिए डाइट में शामिल करें ये ड्रिंक्स, जानिए पूरी जानकारी

punjabkesari.in Wednesday, Sep 03, 2025 - 08:49 PM (IST)

नेशनल डेस्कः कैंसर जैसी गंभीर बीमारी से बचाव सिर्फ लाइफस्टाइल में बदलाव, संतुलित डाइट और नियमित मेडिकल स्क्रीनिंग तक सीमित नहीं है। विशेषज्ञों का मानना है कि कुछ खास हेल्दी ड्रिंक्स भी शरीर की नैचुरल डिफेंस को मजबूत कर कैंसर के जोखिम को कम करने में सहायक हो सकती हैं। हार्वर्ड से प्रशिक्षित गैस्ट्रोएंटेरोलॉजिस्ट डॉ. सौरभ सेठी के अनुसार, इन पेय पदार्थों में मौजूद एंटीऑक्सीडेंट्स और एंटी-इन्फ्लेमेटरी तत्व सेल्स को नुकसान से बचाते हैं और क्रॉनिक डिजीज़ के खतरे को घटाते हैं। आइए जानते हैं कौन-सी हैं ये ड्रिंक्स और कैसे ये कैंसर के जोखिम को कम करने में मदद कर सकती हैं।

डॉ. सेठी का कहना है कि भले ही कोई भी ड्रिंक कैंसर से बचाव के लिए कोई "जादुई सुरक्षा कवच" न हो, लेकिन इनमें मौजूद एंटीऑक्सीडेंट्स और एंटी-इन्फ्लेमेटरी तत्व शरीर को भीतर से मजबूत बनाते हैं। आइए जानते हैं कौन-सी ड्रिंक्स कैंसर के खतरे को कम करने में सहायक मानी जाती हैं:

ग्रीन टी: एंटीऑक्सीडेंट्स से भरपूर सुपर ड्रिंक

ग्रीन टी को अक्सर "सुपर ड्रिंक" कहा जाता है। इसमें मौजूद कैटेचिन्स, खासकर Epigallocatechin Gallate (EGCG), शक्तिशाली एंटीऑक्सीडेंट्स हैं जो शरीर की कोशिकाओं को डैमेज से बचाते हैं।
अध्ययनों में पाया गया है कि ग्रीन टी ब्रेस्ट, प्रोस्टेट और कोलोरेक्टल कैंसर जैसी बीमारियों में कैंसर सेल्स की ग्रोथ को धीमा कर सकती है। हालांकि, अकेले ग्रीन टी कैंसर से बचाव नहीं कर सकती, लेकिन यह क्रॉनिक इन्फ्लेमेशन और ऑक्सीडेटिव स्ट्रेस को कम कर, शरीर को हेल्दी बनाए रखने में योगदान देती है।

ग्रीन स्मूदी: न्यूट्रिएंट्स का पावरहाउस

पालक, ककड़ी, अजवाइन (सेलरी) और अदरक से बनी ग्रीन स्मूदी को अक्सर डिटॉक्स ड्रिंक कहा जाता है। लेकिन इसकी असली ताकत इसके न्यूट्रिएंट डेंसिटी में छिपी होती है। पालक और सेलरी में फाइबर और फोलेट होता है, जो खासकर गैस्ट्रोइंटेस्टाइनल कैंसर के खतरे को कम करने से जुड़े हैं। ककड़ी शरीर को हाइड्रेट करती है और एंटीऑक्सीडेंट्स प्रदान करती है। अदरक में मौजूद जिंजरोल एक शक्तिशाली एंटी-इन्फ्लेमेटरी तत्व है। यह ड्रिंक न केवल शरीर को क्लिंज़ करती है, बल्कि हेल्दी सेल्स को पोषण भी देती है और इन्फ्लेमेशन को नियंत्रित रखती है।

हल्दी लाटे: क्यूरक्युमिन से कैंसर से लड़ाई

हल्दी में पाया जाने वाला क्यूरक्युमिन एक नैचुरल कैंसर-फाइटिंग कंपाउंड है। जब इसमें काली मिर्च (ब्लैक पेपर) मिलाई जाती है, तो उसमें मौजूद पाइपरिन इसकी एब्जॉर्प्शन को कई गुना बढ़ा देता है। लैब स्टडीज़ में यह पाया गया है कि क्यूरक्युमिन कैंसर सेल्स की ग्रोथ को धीमा कर सकता है और ट्यूमर बनने की प्रक्रिया को रोक सकता है। हालांकि इंसानों में इसका क्लिनिकल एविडेंस अभी सीमित है, लेकिन नियमित रूप से हल्दी लाटे का सेवन एंटी-इन्फ्लेमेटरी लाइफस्टाइल का हिस्सा बन सकता है।


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News Editor

Rahul Rana

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