राशिनुसार जानिए कर्क में बैठा नीच का मंगल किसे करेगा कंगाल

punjabkesari.in Tuesday, Aug 18, 2015 - 04:36 PM (IST)

शुक्रवार दिनांक 31.07.15 रात्रि 2 बजकर 33 मिनट पर मंगल ग्रह कर्क राशि में प्रवेश कर गए तथा नीच के बन गए हैं। मंगल ग्रह मंगलवार दिनांक 15.09.15 को रात्रि 09 बजकर 43 मिनट तक कर्क राशि में गोचर करेगा। इस संयोग से अत्यधिक वर्षा का योग बन रहा हैं। शुक्रदेव गुरुवार दिनांक 13.08.15 को शाम 05 बजकर 12 मिनट पर अपनी वक्र गति से सिंह राशि से पुनः कर्क राशि में प्रवेश करेंगे तथा मंगल से साथ युति करेंगे। शुक्र मंगल की युति से धान की फसल को फायदा होगा। कर्क चंद्रमा की राशि है। इसे जल तत्व की राशि भी कहा गया है। मंगल अग्नितत्व का कारक ग्रह है और मेष एवं वृश्चिक राशि का स्वामी है। यानी दो विरोधी स्वभाव वाले राशि और ग्रह का संयोग बन रहा है। ज्योतिषीय गणना अनुसार मंगल इस समय अवधि में पूरे उत्तर व पूर्वोत्तर भारत में जमकर बारिश का दौर शुरू होगा जिसे कई प्रदेशों में बाढ़ के भी आसार बनेंगे। आईए जानते हैं के नीच का मंगल द्वादश राशियों पर अपना क्या प्रभाव डालेगा।

मेष: नीच मंगल के चतुर्थ गोचर से अशुभकारक फल मिलेगा। मानसिक संताप, गृह क्लेश, स्वजनों से पीड़ा, कार्य में विघ्न आएंगे।

वृष: नीच मंगल के तृतीय गोचर से पुरुषार्थ व पराक्रम में कमी आएगी। नवीन योजनाएं फलित होंगी। मांगलिक कार्य सम्पन्न होंगे।

मिथुन: नीच मंगल के द्वित्य गोचर से मानसिक भय रहेगा, कार्य-व्यवहार में संकट आएंगे। आर्थिक विषमता व धनहानि होगी।

कर्क: नीच मंगल के लग्न मे गोचर से शारीरिक दुर्बलता आएगी। परिश्रम उपरांत धन की आप्राप्ति रहेगी। योजनाएं असफल होंगी।

सिंह: नीच मंगल के द्वादश गोचर से अशुभ फल मिलेंगे। लाभ व उत्साह में कमी आएगी। पदोन्नति, धन लाभ में विलंब होगा।

कन्या: नीच मंगल के एकादश गोचर से व्यापार कारोबार में लाभ होगा। सम्मान मिलेगा। मांगलिक कार्य, प्रभाव में वृद्धि होगी।

तुला: नीच मंगल के दशम गोचर से सरकार व प्रसाशन से व्यापार में लाभ मिलेगा। भाग्योन्नति होगी। धर्म-कर्म में रुचि बढ़ेगी। 

वृश्चिक: नीच मंगल के भाग्य में गोचर से भाग्योन्नति होगी। रोग, भय, स्वजनों से विवाद समाप्त होंगे। कलह, विघ्न बाधा ।

धनु: नीच मंगल के अष्टम में गोचर से चोट, भय, घाव, दुर्घटना के योग बनेंगे। उद्योग व्यापार में धन लाभ के योग बनेंगे।

मकर: नीच मंगल के सप्तम में गोचर से बनते कामों में अड़चनें, व आय कम खर्च अधिक होंगे। रोग व शत्रु बाधा के योग हैं।

कुंभ: नीच मंगल के षष्ट में गोचर से शत्रु का दमन होगा। रोग-पीड़ा के योग हैं। भाग्योन्नति, धन लाभ, वाहन की प्राप्ति होगी।

मीन: नीच मंगल के पंचम में गोचर से प्रेम संबन्ध में सफलता मिलेगी। सुख होने पर भी मानसिक उद्वेग व चित्त अशांत रहेगा।

आचार्य कमल नंदलाल

ईमेल: kamal.nandlal@gmail.com 


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