मारुति सुजुकी इंडिया को छोटी कार श्रेणी को नए उत्पादों से ''''ऊर्जावान'''' बनाए रखने की जरूरत: ताकेयूची
punjabkesari.in Thursday, Aug 18, 2022 - 02:00 PM (IST)
नयी दिल्ली, 18 अगस्त (भाषा) देश की सबसे बड़ी कार कंपनी मारुति सुजुकी इंडिया (एमएसआई) का मानना है कि छोटी कार खंड को नए उत्पादों के साथ ''ऊर्जावान'' बनाए रखने की जरूरत है। कंपनी के प्रबंध निदेशक (एमडी) और मुख्य कार्यपालक अधिकारी (सीईओ) हिसाशी ताकेयूची ने बृहस्पतिवार को यह बात कही।
ताकेयूची ने कहा कि एसयूवी की बिक्री में वृद्धि के बावजूद ग्राहकों का एक बड़ा वर्ग अभी भी हैचबैक को पसंद करता है।
एमएसआई ने अपनी छोटी कार ''ऑल्टो के10'' का बिल्कुल नया संस्करण बृहस्पतिवार को बाजार में उतारा है। इसकी शोरूम कीमत 3.99 से 5.83 लाख रुपये के बीच निर्धारित की गई है।
कंपनी उन्नत तकनीक और अधिक फीचर वाले उत्पाद लाने तक अपने नवीनतम श्रेणी समेत सभी श्रेणियों पर ध्यान देना जारी रखेगी।
एमएसआई प्रमुख ने कहा कि भारत में ग्राहकों की आवश्यकताएं और प्राथमिकताएं जगहों के हिसाब से बदलती रहती है... हालांकि एसयूवी ने हाल के दिनों में निश्चित रूप से लोकप्रियता हासिल की है, लेकिन ग्राहकों का एक बड़ा वर्ग अभी भी हैचबैक को ही पसंद करता है।
उन्होंने आगे कहा कि पिछले वित्त वर्ष 2021-22 में हमने 11.5 लाख से अधिक हैचबैक बेचे थे। इस खंड में हमारे पास 68 प्रतिशत से अधिक बाजार हिस्सेदारी है।
यह आर्टिकल पंजाब केसरी टीम द्वारा संपादित नहीं है, इसे एजेंसी फीड से ऑटो-अपलोड किया गया है।
ताकेयूची ने कहा कि एसयूवी की बिक्री में वृद्धि के बावजूद ग्राहकों का एक बड़ा वर्ग अभी भी हैचबैक को पसंद करता है।
एमएसआई ने अपनी छोटी कार ''ऑल्टो के10'' का बिल्कुल नया संस्करण बृहस्पतिवार को बाजार में उतारा है। इसकी शोरूम कीमत 3.99 से 5.83 लाख रुपये के बीच निर्धारित की गई है।
कंपनी उन्नत तकनीक और अधिक फीचर वाले उत्पाद लाने तक अपने नवीनतम श्रेणी समेत सभी श्रेणियों पर ध्यान देना जारी रखेगी।
एमएसआई प्रमुख ने कहा कि भारत में ग्राहकों की आवश्यकताएं और प्राथमिकताएं जगहों के हिसाब से बदलती रहती है... हालांकि एसयूवी ने हाल के दिनों में निश्चित रूप से लोकप्रियता हासिल की है, लेकिन ग्राहकों का एक बड़ा वर्ग अभी भी हैचबैक को ही पसंद करता है।
उन्होंने आगे कहा कि पिछले वित्त वर्ष 2021-22 में हमने 11.5 लाख से अधिक हैचबैक बेचे थे। इस खंड में हमारे पास 68 प्रतिशत से अधिक बाजार हिस्सेदारी है।
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