वित्त वर्ष 2022 में उर्वरकों की आपूर्ति के लिए रूसी फर्म के साथ करार किया
punjabkesari.in Tuesday, Nov 30, 2021 - 06:27 PM (IST)
नयी दिल्ली, 30 नवंबर (भाषा) कम से कम चार भारतीय सार्वजनिक क्षेत्र के उपक्रमों (पीएसयू) ने चालू वित्त वर्ष में डीएपी सहित पांच प्रकार के उर्वरकों की आपूर्ति करने के लिए रूसी फर्म फॉस एग्रो के साथ एक दीर्घकालिक समझौता किया है। उर्वरक मंत्री मनसुख मंडाविया ने मंगलवार को राज्यसभा में यह जानकारी दी।
मंडाविया ने उच्च सदन को एक प्रश्न के लिखित उत्तर में बताया कि मोरक्को, सऊदी अरब,रूस सहित विभिन्न देशों से भारत को डाई-अमोनियम फॉस्फेट (डीएपी) और इसके कच्चे माल की उचित कीमतों पर नियमित और पर्याप्त आपूर्ति सुनिश्चित करने के लिए एक तंत्र स्थापित करने के प्रयास किए जा रहे हैं।
उन्होंने कहा, ‘‘चार भारतीय सार्वजनिक उपक्रमों और रूसी कंपनी फॉस एग्रो के बीच वर्ष 2021/2022 में डीएपी सहित पांच प्रकार के उर्वरकों की आपूर्ति के लिए एक समझौते पर हस्ताक्षर किए गए हैं।’’ मंत्री ने कहा कि उर्वरकों के घरेलू उत्पादन को बढ़ाने के लिए, सरकार ने हाल ही में मध्य भारत एग्रो प्रोडक्ट लिमिटेड यूनिट- दो को 1.20 लाख टन प्रति वर्ष उत्पादन की अनुमति दी थी। इसका उत्पादन अक्टूबर में शुरू हुआ था।
उन्होंने देश में उर्वरकों की किसी भी कमी से इनकार करते हुए बताया कि देश में डीएपी की पर्याप्त और समय पर आपूर्ति सुनिश्चित करने के लिए कई उपाय किये गये हैं।
विभिन्न राज्यों में उर्वरक पहुंचाना सुनिश्चित करने के संदर्भ में, मंत्री ने - राज्यसभा में अपने लिखित उत्तर में - कहा कि केंद्र एक नियंत्रण कक्ष और वेब प्लेटफॉर्म के माध्यम से राज्य सरकारों, उर्वरक कंपनियों और रेलवे के साथ चौबीसों घंटे बातचीत चला रहा है।
उन्होंने कहा कि विनिर्माताओं, बंदरगाहों और रेलवे जैसे अंशधारकों को उर्वरकों के उत्पादन, लोड और लक्षित गंतव्यों तक ले जाने के लिए अपने अधिकतम क्षमता के साथ काम करने के लिए कहा गया है।
इसके अलावा, आयातित डीएपी खेप की ढुलाई और यात्रा समय की दैनिक आधार पर निगरानी की जा रही है और समय-समय पर उपयुक्त हस्तक्षेप किए जा रहे हैं।
यह आर्टिकल पंजाब केसरी टीम द्वारा संपादित नहीं है, इसे एजेंसी फीड से ऑटो-अपलोड किया गया है।
मंडाविया ने उच्च सदन को एक प्रश्न के लिखित उत्तर में बताया कि मोरक्को, सऊदी अरब,रूस सहित विभिन्न देशों से भारत को डाई-अमोनियम फॉस्फेट (डीएपी) और इसके कच्चे माल की उचित कीमतों पर नियमित और पर्याप्त आपूर्ति सुनिश्चित करने के लिए एक तंत्र स्थापित करने के प्रयास किए जा रहे हैं।
उन्होंने कहा, ‘‘चार भारतीय सार्वजनिक उपक्रमों और रूसी कंपनी फॉस एग्रो के बीच वर्ष 2021/2022 में डीएपी सहित पांच प्रकार के उर्वरकों की आपूर्ति के लिए एक समझौते पर हस्ताक्षर किए गए हैं।’’ मंत्री ने कहा कि उर्वरकों के घरेलू उत्पादन को बढ़ाने के लिए, सरकार ने हाल ही में मध्य भारत एग्रो प्रोडक्ट लिमिटेड यूनिट- दो को 1.20 लाख टन प्रति वर्ष उत्पादन की अनुमति दी थी। इसका उत्पादन अक्टूबर में शुरू हुआ था।
उन्होंने देश में उर्वरकों की किसी भी कमी से इनकार करते हुए बताया कि देश में डीएपी की पर्याप्त और समय पर आपूर्ति सुनिश्चित करने के लिए कई उपाय किये गये हैं।
विभिन्न राज्यों में उर्वरक पहुंचाना सुनिश्चित करने के संदर्भ में, मंत्री ने - राज्यसभा में अपने लिखित उत्तर में - कहा कि केंद्र एक नियंत्रण कक्ष और वेब प्लेटफॉर्म के माध्यम से राज्य सरकारों, उर्वरक कंपनियों और रेलवे के साथ चौबीसों घंटे बातचीत चला रहा है।
उन्होंने कहा कि विनिर्माताओं, बंदरगाहों और रेलवे जैसे अंशधारकों को उर्वरकों के उत्पादन, लोड और लक्षित गंतव्यों तक ले जाने के लिए अपने अधिकतम क्षमता के साथ काम करने के लिए कहा गया है।
इसके अलावा, आयातित डीएपी खेप की ढुलाई और यात्रा समय की दैनिक आधार पर निगरानी की जा रही है और समय-समय पर उपयुक्त हस्तक्षेप किए जा रहे हैं।
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