हमें सुनिश्चित करना चाहिए की चक्रवात के दौरान जनहानि न हो: गोयल
punjabkesari.in Monday, May 24, 2021 - 06:15 PM (IST)
नयी दिल्ली, 24 मई (भाषा) वाणिज्य एवं उद्योग मंत्री पीयूष गोयल ने सोमवार को कहा कि सभी हितधारकों द्वारा मिलकर काम करने से यह सुनिश्चित किया जा सकता है कि चक्रवता यास से कोई भी जनहानि न हो।
उन्होंने कहा कि चक्रवात के बाद एक व्यवस्थित योजना के तहत राहत और पुनर्वास उपायों को सुनिश्चित करने के लिए केंद्र और राज्य सरकारें मिलकर काम कर रही हैं।
गोयल ने चक्रवात यास की तैयारियों पर उद्योग जगत के प्रतिनिधियों के साथ बातचीत करते हुए कहा, ‘‘हमें पूरी तरह से सुनिश्चित करना चाहिए कि कोई जनहानि न हो। केंद्र और राज्य सरकारों तथा उद्योग के प्रतिभागियों के सामूहिक प्रयास से ऐसा किया जा सकता है।’’
इससे पहले ताउते से कई लोगों की मौत हो चुकी है।
मंत्री ने बिजली और संचार सुविधाओं में भी न्यूनतम बाधा सुनिश्चित करने पर भी जोर दिया। उन्होंने कहा कि काम को कुशलतापूर्वक करने के लिए सभी आवश्यक संसाधन उपलब्ध कराए जाएं।
उन्होंने कहा, ‘‘रेलवे ने दुर्घटना राहत ट्रेनों, चिकित्सा राहत वैन और टॉवर वैगन जैसे बचाव उपकरणों को तैयार रखा है। हम सभी को छोटे उद्योगों की रक्षा के लिए काम करना चाहिए और बड़े उद्योगों को यह सुनिश्चित करना चाहिए कि आपूर्तिकर्ताओं को सभी आवश्यक सहायता दी जाए।’’
गोयल ने कहा कि चक्रवात के गुजरते ही ऑक्सीजन संयंत्र और ऑक्सीजन एक्सप्रेस अस्पतालों की सेवा करना शुरू कर देंगे।
पेट्रोलियम मंत्री धर्मेंद्र प्रधान ने कहा कि ऑक्सीजन आपूर्ति के संबंध में कोई चुनौती नहीं है, लेकिन चक्रवात के कारण बिजली आपूर्ति के मोर्चे पर चुनौती खड़ी हो सकती है।
उन्होंने कहा, ‘‘मुझे लगता है कि राज्य खुद को उसी के अनुसार तैयार कर रहे हैं’’
केंद्रीय बंदरगाह, नौवहन और जलमार्ग मंत्री मनसुख मंडाविया ने कहा कि इस स्थिति में विभिन्न हितधारकों के बीच समन्वय महत्वपूर्ण है।
बैठक में मौसम विभाग के अधिकारियों, पश्चिम बंगाल, झारखंड, आंध्र प्रदेश और ओडिशा की राज्य सरकारों के प्रतिनिधियों के अलावा उद्योग के वरिष्ठ सदस्यों ने भाग लिया।
यह आर्टिकल पंजाब केसरी टीम द्वारा संपादित नहीं है, इसे एजेंसी फीड से ऑटो-अपलोड किया गया है।
उन्होंने कहा कि चक्रवात के बाद एक व्यवस्थित योजना के तहत राहत और पुनर्वास उपायों को सुनिश्चित करने के लिए केंद्र और राज्य सरकारें मिलकर काम कर रही हैं।
गोयल ने चक्रवात यास की तैयारियों पर उद्योग जगत के प्रतिनिधियों के साथ बातचीत करते हुए कहा, ‘‘हमें पूरी तरह से सुनिश्चित करना चाहिए कि कोई जनहानि न हो। केंद्र और राज्य सरकारों तथा उद्योग के प्रतिभागियों के सामूहिक प्रयास से ऐसा किया जा सकता है।’’
इससे पहले ताउते से कई लोगों की मौत हो चुकी है।
मंत्री ने बिजली और संचार सुविधाओं में भी न्यूनतम बाधा सुनिश्चित करने पर भी जोर दिया। उन्होंने कहा कि काम को कुशलतापूर्वक करने के लिए सभी आवश्यक संसाधन उपलब्ध कराए जाएं।
उन्होंने कहा, ‘‘रेलवे ने दुर्घटना राहत ट्रेनों, चिकित्सा राहत वैन और टॉवर वैगन जैसे बचाव उपकरणों को तैयार रखा है। हम सभी को छोटे उद्योगों की रक्षा के लिए काम करना चाहिए और बड़े उद्योगों को यह सुनिश्चित करना चाहिए कि आपूर्तिकर्ताओं को सभी आवश्यक सहायता दी जाए।’’
गोयल ने कहा कि चक्रवात के गुजरते ही ऑक्सीजन संयंत्र और ऑक्सीजन एक्सप्रेस अस्पतालों की सेवा करना शुरू कर देंगे।
पेट्रोलियम मंत्री धर्मेंद्र प्रधान ने कहा कि ऑक्सीजन आपूर्ति के संबंध में कोई चुनौती नहीं है, लेकिन चक्रवात के कारण बिजली आपूर्ति के मोर्चे पर चुनौती खड़ी हो सकती है।
उन्होंने कहा, ‘‘मुझे लगता है कि राज्य खुद को उसी के अनुसार तैयार कर रहे हैं’’
केंद्रीय बंदरगाह, नौवहन और जलमार्ग मंत्री मनसुख मंडाविया ने कहा कि इस स्थिति में विभिन्न हितधारकों के बीच समन्वय महत्वपूर्ण है।
बैठक में मौसम विभाग के अधिकारियों, पश्चिम बंगाल, झारखंड, आंध्र प्रदेश और ओडिशा की राज्य सरकारों के प्रतिनिधियों के अलावा उद्योग के वरिष्ठ सदस्यों ने भाग लिया।
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