टाटा-मिस्त्री विवाद: न्यायालय ने अंतिम सुनवाई के लिये दो दिसंबर की तारीख निर्धारित की

punjabkesari.in Wednesday, Nov 18, 2020 - 08:04 PM (IST)

नयी दिल्ली, 18 नवंबर (भाषा) उच्चतम न्यायालय ने बुधवार को कहा कि नेशनल कंपनी लॉ ट्रिब्यूनल के आदेश के खिलाफ टाटा संस और साइरस इंवेस्टमेन्ट्स की एक दूसरे के खिलाफ दायर अपील पर दो दिसंबर को अंतिम सुनवाई की जायेगी। इस ट्रिब्यूनल ने साइरस मिस्त्री को टाटा समूह के कार्यकारी चेयरमैन पद पर बहाल कर दिया था।

प्रधान न्यायाधीश एस ए बोबडे, न्यायमूर्ति ए एस बोपन्ना और न्यायमूर्ति वी रामसुब्रमणियन की पीठ ने साइरस मिस्त्री और उनकी फर्म की ओर से पेश वरिष्ठ अधिवक्ता सी ए सुंदरम से जानना चाहा कि जब यह मामला पहले ही अंतिम सुनवाई के लिये सूचीबद्ध है तो फिरबार बार आवेदन करने का क्या औचित्य है।

सुंदरम ने जब यह कहा कि वह कुछ नया शीर्ष अदालत के संज्ञान में लाना चाहते थे तो पीठ ने कहा, ‘‘क्या अंतिम सुनवाई में ये मुद्दे नहीं आयेंगे? इन आवेदनों में उठाये जा रहे सारे मुद्दे अंतिम सुनवाई के दौरान उठाये जा सकते हैं।’’
टाटा संस प्रा लि की ओर से वरिष्ठ अधिवक्ता अभिषेक मनु सिंघवी ने कहा कि न्यायालय 22 सितंबर को ही इस मामले को अंतिम सुनवाई के लिये सूचीबद्ध कर चुका है।

पीठ ने अपने आदेश में कहा, ‘‘इन मामले को अंतिम सुनवाई के लिये दो दिसंबर को सूचीबद्ध किया जाये।’’
न्यायालय ने 22 सितंबर को शापूरजी पालोनजी (एसपी) समूह और साइरस मिस्त्री को टाटा संस प्रा लि के शेयर गिरवी रखने या हस्तांतरित करने से रोक दिया था।

एसपी समूह के पास टाटा संस के 18.37 प्रतिशत शेयर हैं। एसपी समूह ने कहा था कि टाटा संस ने धन की व्यवस्था के लिये इन शेयरों को गिरवी रखने की उसकी योजना में बाधा डालने के लिये शीर्ष अदालत मे याचिका दायर की और यह अल्पसंख्यक शेयरधारक के अधिकारों का हनन है।
टाटा संस ने पांच सितंबर को शीर्ष अदालत में मामला दायर कर मिस्त्री समूह को पूंजी जुटाने के लिये अपने शेयर गिरवी रखने से रोकने का अनुरोध किया था।

टाटा संस इस याचिका के माध्यम से एसपी समूह को शेयरों को प्रत्यक्ष या अप्रत्यक्ष रूप से गिरवी करने से रोकना था।

एसपी समूह की योजना विभिन्न स्रोतों से 11,000 करोड रूपए की व्यवस्था करने की है और उसने टाटा संस में अपने 18.37 प्रतिशत शेयरों के एक हिस्से के एवज में कनाडा के एक निवेशक के साथ 3,750 करोड़ रूपए के करार पर हस्ताक्षर किये थे।

इससे पहले टाटा संस प्रा. लि. ने शीर्ष अदालत से कहा था कि वह दो समूह की कंपनी नहीं है और उसमें उसकी और साइरस इन्वस्टमेंट्स प्रा. लि. के बीच ‘अर्ध-सहभागिता’ वाली कोई बात नहीं है।



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PTI News Agency

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