सरसों, सोयाबीन में सुधार, मूंगफली, पामोलीन में गिरावट

punjabkesari.in Saturday, Oct 31, 2020 - 05:58 PM (IST)

नयी दिल्ली, 31 अक्टूबर (भाषा) त्योहारी मांग के बीच आपूर्ति कम होने की वजह से दिल्ली मंडी में शनिवार को सरसों तेल तिलहन में मजबूती दर्ज हुई। जबकि निर्यात मांग खत्म होने और भाव ऊंचा होने के कारण मूंगफली के साथ पामोलीन तेल में गिरावट का रुख रहा।

बाजार सूत्रों ने कहा कि निर्यात की मांग न होने और विदेशों से आयातित सस्ते तेलों के मुकाबले मूंगफली तेल के महंगा होने के कारण इनके तेल कीमतों में गिरावट आई।

उन्होंने कहा कि राजस्थान के भरतपुर में नाफेड ने 1,000 टन सरसों बिक्री के लिए जो बोली मांगी थी उसके लिए शनिवार को 6,026 रुपये प्रति क्विन्टल की 123 रुपये की बढ़ी हुई दर से बोली प्राप्त हुई है। आगरा के सलोनी मंडी में भी सरसों का भाव 50 रुपये सुधरकर 6,700 रुपये क्विन्टल हो गया है। इसकी वजह से सरसों दाना सहित इसके तेल कीमतों में सुधार आया।

सूत्रों ने कहा कि सरसों की नयी फसल आने में अभी भी करीब चार माह का वक्त है और जाड़े के मौसम के साथ त्यौहारों के कारण सरसों की मांग बढ़ने की संभावना है। फरवरी में राजस्थान के कोटा और मध्य प्रदेश में सरसों की लगभग दो लाख टन की आवक होगी और उस समय मांग पांच छह लाख टन की रहेगी। मार्च में बाकी राज्यों से सरसों तिलहन के मंडियों में आने के बाद कीमतें नरम पड़ेंगी। ऐसे में सहकारी संस्था नाफेड को सावधानीपूर्वक सरसों की बिकवाली करनी होगी क्योंकि सरसों का कोई विकल्प नहीं है।

उन्होंने कहा कि इस बार किसानों को सरसों का अच्छा मूल्य मिलने से आगे पैदावार काफी बढ़ेगी और यह तिलहन उत्पादक किसानों के लिए बेहतर ही होगा जिन्हें इस बार सरसों के अच्छे मूल्य मिले हैं।

उन्होंने कहा कि कल रात शिकागो एक्सचेंज में सोयाबीन तेल दो प्रतिशत तेज बंद हुआ है तथा खाने के साथ साथ ‘ब्लेंडिंग’ के लिए सोयाबीन तेल की मांग है। सरसों, मूंगफली और सूरजमुखी तेल के मुकाबले सोयाबीन भाव लगभग 25 प्रतिशत कम होने से भी सोयाबीन की बाजार में मांग है। दूसरी ओर महाराष्ट्र, गुजरात, मध्य प्रदेश जैसे उत्पादक राज्यों में कम या अधिक बरसात के कारण सोयाबीन की ऊपज कम हुई है और किसानों को उनकी लागत के मुकाबले भाव काफी कम मिल रहे हैं जिसके कारण वे हल्कान हैं। इस मांग के कारण सोयाबीन दाना सहित इसके तेल कीमतों में सुधार आया।

बाजार सूत्रों ने कहा कि रिफाइनिंग के बाद भारत में पामोलीन का भाव 9,050 रुपये क्विन्टल बैठता है जबकि आयात करने पर इसका भाव आयातकों को 9,300 रुपये क्विन्टल बैठता है। मांग न होने के कारण ‘री-सेलर’ इसे आयात के भाव के मुकाबले 10 प्रतिशत नीचे 8,750 रुपये क्विन्टल के भाव पर बाजार में बेच रहे हैं। इस वजह से जहां सीपीओ के भाव पूर्ववत रहे वहीं पामोलीन तेल कीमतों में गिरावट आई।

सूत्रों ने कहा कि रुपया के कमजोर होने से भी सरसों, सोयाबीन सहित कुछ अन्य तेल कीमतों में सुधार आया।

तेल-तिलहन बाजार में थोक भाव इस प्रकार रहे- (भाव- रुपये प्रति क्विंटल)
सरसों तिलहन - 6,200 - 6,250 (42 प्रतिशत कंडीशन का भाव) रुपये।

मूंगफली दाना - 5,275- 5,325 रुपये।

मूंगफली तेल मिल डिलिवरी (गुजरात)- 13,100 रुपये।

मूंगफली साल्वेंट रिफाइंड तेल 2,030 - 2,090 रुपये प्रति टिन।

सरसों तेल दादरी- 12,280 रुपये प्रति क्विंटल।

सरसों पक्की घानी- 1,855 - 2,005 रुपये प्रति टिन।

सरसों कच्ची घानी- 1,975 - 2,085 रुपये प्रति टिन।

तिल मिल डिलिवरी तेल- 11,000 - 15,000 रुपये।

सोयाबीन तेल मिल डिलिवरी दिल्ली- 10,500 रुपये।

सोयाबीन मिल डिलिवरी इंदौर- 10,350 रुपये।

सोयाबीन तेल डीगम- 9,350 रुपये।

सीपीओ एक्स-कांडला- 8,350 रुपये।

बिनौला मिल डिलिवरी (हरियाणा)- 9,250 रुपये।

पामोलीन आरबीडी दिल्ली- 9,600 रुपये।

पामोलीन कांडला- 8,750 रुपये (बिना जीएसटी के)।

सोयाबीन तिलहन मिल डिलिवरी भाव 4,345 - 4,395 लूज में 4,215 -- 4,245 रुपये।

मक्का खल (सरिस्का) - 3,500 रुपये


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PTI News Agency

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