मालगाड़ियां ‘रुकने’ से पंजाब के उद्योगों को झटका, बिजली संयंत्रों को कोयले की आपूर्ति भी प्रभावित

punjabkesari.in Thursday, Oct 29, 2020 - 11:37 PM (IST)

चंडीगढ़, 29 अक्टूबर (भाषा) किसानों के आंदोलन के चलते मालगाडि़यों का परिचालन स्थगित होने से पंजाब के ताप बिजली घरों को कोयले की आपूर्ति प्रभावित हुई है। इससे राज्य के उद्योग क्षेत्र को भी झटका लगा है और उसे भारी वित्तीय नुकसान होने की आशंका बन गई है।
मालगाड़ियों का परिचालन नहीं होने की वजह से राज्य के साइकिल और साइकिल कलपुर्जा, कपड़ा, हाथ के औजार, वाहन कलपुर्जा, इस्पात और मशीनी औजार क्षेत्र सभी बुरी तरह प्रभावित हुए हैं। किसान यूनियनों ने 21 अक्टूबर को घोषणा की थी कि ‘रेल रोको’ आंदोलन से मालगाडि़यों को बाहर रखा जाएगा। किसान केंद्र के नए कृषि कानूनों का विरोध कर रहे हैं।
किसानों के आश्वासन के बाद रेलवे ने 22 अक्टूबर को मालगाड़ियों का परिचालन फिर शुरू कर दिया था। पर कुछ किसानों द्वारा मालगाड़ियों को रोके जाने के बाद 23 अक्टूबर से इनका परिचालन फिर बंद कर दिया गया। 26 अक्टूबर को मालगाडि़यों का परिचालन 29 अक्टूबर तक स्थगित करने की घोषणा की गई।
मुख्यमंत्री अमरिंदर सिंह ने इस मामले में रेल मंत्री पीयूष गोयल से हस्तक्षेप का आग्रह किया था। इसके बाद गोयल ने पंजाब सरकार से ट्रेनों और रेलवे के कर्मचारियों की सुरक्षा का आश्वासन देने को कहा था।
पंजाब राज्य बिजली निगम (पीएसपीसीएल) के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा कि 6,000 मेगावॉट की बिजली की मांग पर राज्य केंद्रीय पनबिजली और बायोमास संयंत्रों से 5,000 मेगावॉट बिजली का ही प्रबंध कर पा रहा है। इससे 1,000 मेगावॉट की बिजली की कमी पैदा हो गई।
पंजाब के उद्योग प्रतिनिधियों ने कहा कि मालगाड़ियां रुकने से आयात और निर्यात के करीब 10,000 कंटेनर बंदरगाहों पर फंसे हुए हैं।
फियो के पूर्व अध्यक्ष और लुधियाना के उद्योगपति एस सी रल्हन ने कहा, ‘‘इन कंटेनरों में 6,000 से 7,000 करोड़ रुपये का कच्चा माल और तैयार उत्पाद फंसे हुए हैं।’’ रल्हन ने कहा कि मालगाड़ियों का परिचालन रुकने से हमें पहले ही 1,500 से 2,000 करोड़ रुपये का नुकसान हो चुका है।
एवन साइकिल्स के चेयरमैन एवं प्रबंध निदेशक ओंकार सिंह पाहवा ने कहा कि साइकिल उद्योग को कच्चा माल नहीं मिल पा रहा है। उन्होंने कहा, ‘‘हमारे पास जो भी कच्चा माल है, वह जल्द समाप्त हो जाएगा।’’


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PTI News Agency

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