अमेरिका, यूरोपीय देशों के मुश्किल गुणवत्ता मानक गैर- शुल्क बाधा के तौर पर करते हैं काम: गोयल

punjabkesari.in Tuesday, Sep 01, 2020 - 11:40 PM (IST)

नयी दिल्ली, एक सितंबर (भाषा) अमेरिका और यूरोपीय देशों के गुणवत्ता मानक जिन्हें हासिल करना काफी मुश्किल है एक प्रकार से गैर- शुल्कीय प्रतिबंधों के तौर पर काम करते हैं और इससे वस्तु एवं सेवाओं के मुक्त प्रवाह में बाधा उत्पन्न होती है। वाणिज्य एवं उद्योग मंत्री पीयुष गोयल ने मंगलवार को यह कहा।
गोयल ने यह टिप्पणी अमेरिका- भारत रणनीतिक भागीदारी मंच (यूएसआईएसपीएफ) के बोर्ड सदस्य और मास्टरकार्ड के सीईओ अजय बंगा के साथ बातचीत में की। वह एक सवाल का जवाब दे रह थे। उनसे उत्पादों के विभिन्न मानकों और छोटे एवं मध्यम उद्यमों के समक्ष आने वाले समस्याओं के बारे में पूछा गया था।
गोयल ने कहा, ‘‘मेरा मानना है कि इन गुणवत्ता नियंत्रण आदेशों और मानकों के जरिये गैर- शुल्क बाधायें खड़ी करने के मामले में अमेरिका सबसे आगे है। वहीं यूरोप के देशों में कई उत्पादों के लिये इतने कठिन मानक हैं जिन्हें हासिल करना असंभव लगता है। ये शर्तें एक प्रकार से गैर- शुल्क बाधा के तौर पर काम करती हैं और माल एवं सेवाओं के मुक्त प्रवाह में बाधा उत्पन्न करती हैं।’’
गोयल ने कहा कि भारत उन देशों में है जहां गुणवत्ता नियंत्रण अथवा मानकों के मामले में उतने आर्डर नहीं हैं जितने वहां होने चाहिये। उन्होंने कहा, ‘‘वास्तव में, मैं रिकार्ड देख रहा था तो हमारे पास यूरोप और अमेरिका में जितने गुणवत्ता नियंत्रण और मानकों के आदेश हैं उनके मुकाबले दसवां हिस्सा भी नहीं है। इसका खामियाजा वास्तव में भारतीय उद्योगों को भुगतना पड़ता है क्योंकि इन उद्योगों ने गुणवत्ता पर उतना ध्यान नहीं दिया जितना दिया जाना चाहिये।’’
वाणिज्य एवं उद्योग मंत्री ने कहा कि इस लिहाज से यह महत्वपूर्ण ह कि भारत अपने आप को के उच्च गुणवत्ता विनिर्माता के तौर पर स्थापित कर और इसलिये सरकार विभिन्न क्षेत्राों में गुणवत्ता नियंत्रण आदेश जारी कर रही है।



यह आर्टिकल पंजाब केसरी टीम द्वारा संपादित नहीं है, इसे एजेंसी फीड से ऑटो-अपलोड किया गया है।

सबसे ज्यादा पढ़े गए

Edited By

PTI News Agency

Recommended News

Related News