हरियाणा इस साल मनरेगा के तहत 1,000 करोड़ रुपये खर्च करेगा: उप-मुख्यमंत्री
punjabkesari.in Tuesday, May 19, 2020 - 09:11 PM (IST)
चंडीगढ़, 19 मई (भाषा) हरियाणा के उप-मुख्यमंत्री दुष्यंत चौटाला ने मंगलवार को कहा कि राज्य में मनरेगा (महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी कानून) के तहत कार्यों को प्रोत्साहित किया जाएगा। उन्होंने कहा कि राज्य ने योजना के तहत इस साल 1,000 करोड़ रुपये के व्यय का लक्ष्य रखा जो पिछले साल के मुकाबले दोगुना है।
हरियाणा मनरेगा के तहत मजदूरी 309 रुपये प्रतिदिन देता है और कोरोना वायरस महामारी के कारण मौजूदा संकट के दौरान ज्यादा-से-ज्यादा लोगों को रोजगार उपलब्ध कराने पर जोर दिया जाएगा। इसके लिये इस योजना के तहत कार्यों का दायरा बढ़ाया जाएगा।
चौटाला ने यह भी कहा कि केंद्र के दिशानिर्देशों के अनुसार राज्य ने पाबंदियां कम की हैं। ‘लॉकडाउन’ के मौजूदा चरण में संक्रमित क्षेत्रों को छोड़कर औद्योगिक क्षेत्रों में ज्यादातर गतिविधियों की अनुमति दी गयी है। आईटी क्षेत्र को भी दिशानिर्देशों का पालन करते हुए कामकाज शुरू करने की अनुमति दी गयी है।
मनरेगा का जिक्र करते हुए उन्होंने संवाददाताओं से कहा कि इसके तहत 2019 में 450 करोड़ रुपये खर्च किये गये थे लेकिन चालू वित्त वर्ष में इसमें 1,000 करोड़ रुपये व्यय करने का लक्ष्य है।
चौटााला ने कहा, ‘‘हमारे यहं 6 लाख पंजीकृत मनरेगा रोजगार कार्डधारक हैं और हम उन्हें वन विभाग, लोक निर्माण विभाग के सड़क निर्माण, सिंचाई नहर आदि जैसे कार्यों से जोड़ेंगे।’’
उन्होंने कहा कि इससे उन लोगों को रोजगार मिलेगा जो हुनरमंद नहीं हैं और अंतत: ग्रामीण अर्थव्यवस्था को लाभ होगा।
उप-मुख्यमंत्री ने यह भी कहा कि राज्य सरकार जल्दी ही युवाओं के लिये रोजगार के अवसर के बारे में जानकारी देने के लिये ‘पोर्टल’ शुरू करेगी।
यह आर्टिकल पंजाब केसरी टीम द्वारा संपादित नहीं है, इसे एजेंसी फीड से ऑटो-अपलोड किया गया है।
हरियाणा मनरेगा के तहत मजदूरी 309 रुपये प्रतिदिन देता है और कोरोना वायरस महामारी के कारण मौजूदा संकट के दौरान ज्यादा-से-ज्यादा लोगों को रोजगार उपलब्ध कराने पर जोर दिया जाएगा। इसके लिये इस योजना के तहत कार्यों का दायरा बढ़ाया जाएगा।
चौटाला ने यह भी कहा कि केंद्र के दिशानिर्देशों के अनुसार राज्य ने पाबंदियां कम की हैं। ‘लॉकडाउन’ के मौजूदा चरण में संक्रमित क्षेत्रों को छोड़कर औद्योगिक क्षेत्रों में ज्यादातर गतिविधियों की अनुमति दी गयी है। आईटी क्षेत्र को भी दिशानिर्देशों का पालन करते हुए कामकाज शुरू करने की अनुमति दी गयी है।
मनरेगा का जिक्र करते हुए उन्होंने संवाददाताओं से कहा कि इसके तहत 2019 में 450 करोड़ रुपये खर्च किये गये थे लेकिन चालू वित्त वर्ष में इसमें 1,000 करोड़ रुपये व्यय करने का लक्ष्य है।
चौटााला ने कहा, ‘‘हमारे यहं 6 लाख पंजीकृत मनरेगा रोजगार कार्डधारक हैं और हम उन्हें वन विभाग, लोक निर्माण विभाग के सड़क निर्माण, सिंचाई नहर आदि जैसे कार्यों से जोड़ेंगे।’’
उन्होंने कहा कि इससे उन लोगों को रोजगार मिलेगा जो हुनरमंद नहीं हैं और अंतत: ग्रामीण अर्थव्यवस्था को लाभ होगा।
उप-मुख्यमंत्री ने यह भी कहा कि राज्य सरकार जल्दी ही युवाओं के लिये रोजगार के अवसर के बारे में जानकारी देने के लिये ‘पोर्टल’ शुरू करेगी।
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