Kashi Vishwanath Temple Owl: लक्ष्मी जी और उल्लू से जुड़ा स्वामी विवेकानंद का वैज्ञानिक तर्क जानकर अमरीकी श्रोता कर उठे वाह-वाह !
punjabkesari.in Friday, Aug 22, 2025 - 02:42 PM (IST)

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White Owl in Kashi Vishwanath Dham: कुछ दिन पूर्व काशी विश्वनाथ मंदिर के शिखर पर सफेद उल्लू बैठा देखा गया। सफेद उल्लू दुर्लभ होता है और इसका दिखना सामान्य उल्लू की तरह डरावना या अशुभ नहीं माना जाता। यह मां लक्ष्मी का शुभ प्रतीक है। ज्योतिष विद्वान इसे शुभ संकेत मान रहे हैं। लोकमान्यताओं के अनुसार गांवों और नगरों में यदि सफेद उल्लू अचानक दिखाई दे तो लोग इसे आने वाले धनलाभ या शुभ समाचार का संकेत मानते हैं। धार्मिक दृष्टिकोण के अनुसार सफेद उल्लू प्रफुल्लता और सौभाग्य का प्रतीक है।
सामान्य काला या धूसर उल्लू देखने पर लोग डरते हैं क्योंकि उसका संबंध रहस्य, तंत्र या रात्रि शक्तियों से जोड़ा गया है लेकिन सफेद उल्लू को देखना अलग अर्थ रखता है। इसे प्रायः धनलाभ, लक्ष्मी कृपा और घर में सुख-समृद्धि आने का संकेत माना जाता है। यदि यह दिन में दिखे तो विशेष रूप से शुभ माना जाता है, क्योंकि उल्लू मूलतः निशाचर प्राणी है और उसका दिन में दिखना असाधारण संकेत देता है। क्या आप जानते हैं, धन की देवी लक्ष्मी के वाहन उल्लू से जुड़े हैं वैज्ञानिक तर्क।
Swami Vivekananda: एक बार स्वामी विवेकानंद अमरीका के एक विश्वविद्यालय में व्याख्यान दे रहे थे। वहां बड़ी संख्या में छात्र, अध्यापक और विभिन्न विद्वान मौजूद थे जो बड़ी उत्सुकता से स्वामी जी के भाषण को सुन रहे थे। स्वामी जी के भाषण का मुख्य विषय था ‘भारतीय संस्कृति तथा अध्यात्म का रहस्य।’ स्वामी जी ने कहा, ‘‘ भारतीय संस्कृति तथा धर्म के सभी तत्वों का वैज्ञानिक महत्व भी है इसलिए संस्कृति और अध्यात्म को वैज्ञानिकता से जोड़कर देखा जा सकता है।’’
यह सुनकर एक अमरीकी उनके भाषण में दखल देते हुए बीच में उठकर बोला, ‘‘वास्तव में आपकी संस्कृति महान है, तभी तो आपके यहां देवी लक्ष्मी का वाहन उल्लू बताया गया है जिसे दिन में भी दिखाई नहीं देता। अब जरा यह बताइए कि उल्लू को देवी लक्ष्मी का वाहन बताने के पीछे क्या वैज्ञानिक तर्क है?’’
उस व्यक्ति का प्रश्न सुन कर स्वामी जी अत्यंत सहजता पूर्वक बोले, ‘‘पश्चिमी देशों की तरह भारत में धन को ही सब कुछ नहीं माना गया है। हमारे ऋषि-मुनियों ने चेतावनी दी है कि लक्ष्मी रूपी धन के असीमित मात्रा में पास आते ही मनुष्य की आंखें होते हुए भी वह उल्लू की तरह अंधा हो जाता है। इसी का संकेत देने के लिए लक्ष्मी जी का वाहन उल्लू बताया गया है। इसके पीछे यही वैज्ञानिक तर्क है।’’
स्वामी विवेकानंद जी के इस जवाब पर सभी श्रोता वाह-वाह कर उठे।
स्वामी जी फिर बोले, ‘‘सरस्वती, ज्ञान और विज्ञान की प्रतीक हैं और मानव का विवेक जागृत करने वाली देवी हैं इसलिए सरस्वती का वाहन हंस बताया गया है जो नीर-क्षीर विवेक का प्रतीक है। अब आप यह भली-भांति समझ गए होंगे कि संस्कृति और धर्म के सभी तत्वों के पीछे वैज्ञानिक तर्क छिपे हुए हैं।’’
वहां उपस्थित सभी लोगों के साथ ही वह व्यक्ति भी देवी-देवताओं के वाहनों की यह अवधारणा सुनकर स्वामी जी के प्रति नतमस्तक हो गया और उस दिन से वह व्यक्ति भी भारतीय संस्कृति का प्रशंसक बन गया।