किसानों के धैर्य की परीक्षा न ले मोदी सरकार : गहलोत
punjabkesari.in Wednesday, Jan 13, 2021 - 07:06 PM (IST)
जयपुर, 13 जनवरी (भाषा) राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने बुधवार को कहा कि केंद्र की मोदी सरकार को किसानों के धैर्य की परीक्षा लेने की बजाय कृषि कानूनों को वापस लेना चाहिए, इसके साथ ही उन्होंने कहा कि कांग्रेस किसानों के संघर्ष में उनके साथ है।
गहलोत ने ट्वीट किया, ’ कांग्रेस पार्टी किसानों के संघर्ष में उनके साथ खड़ी है, लेकिन कृषि कानूनों का समर्थन कर चुके सदस्यों की कमेटी से उन्हें उम्मीद नहीं है। मोदी सरकार को किसानों के धैर्य का इम्तिहान लेने की बजाय तीनों काले कृषि कानून वापस लेने चाहिए।।‘
मुख्यमंत्री ने ऋगवेद की एक ऋचा - ''''क्षेत्रस्य पतिना वयं हितेनेव जयामसि'''' - का हवाा देते हुये कहा कि इसका अर्थ है कि किसान के हित से ही हमारा कल्याण होता है। राजनीति के लिए धर्म का सहारा लेने वाली भाजपा को हमारे धार्मिक ग्रंथों में लिखी बातों का भी अनुकरण करना चाहिए।
उन्होंने लिखा है, ’ केंद्र सरकार को तुरंत तीनों कृषि कानूनों को वापस लेकर अन्नदाता को राहत देनी चाहिए।
यह आर्टिकल पंजाब केसरी टीम द्वारा संपादित नहीं है, इसे एजेंसी फीड से ऑटो-अपलोड किया गया है।
गहलोत ने ट्वीट किया, ’ कांग्रेस पार्टी किसानों के संघर्ष में उनके साथ खड़ी है, लेकिन कृषि कानूनों का समर्थन कर चुके सदस्यों की कमेटी से उन्हें उम्मीद नहीं है। मोदी सरकार को किसानों के धैर्य का इम्तिहान लेने की बजाय तीनों काले कृषि कानून वापस लेने चाहिए।।‘
मुख्यमंत्री ने ऋगवेद की एक ऋचा - ''''क्षेत्रस्य पतिना वयं हितेनेव जयामसि'''' - का हवाा देते हुये कहा कि इसका अर्थ है कि किसान के हित से ही हमारा कल्याण होता है। राजनीति के लिए धर्म का सहारा लेने वाली भाजपा को हमारे धार्मिक ग्रंथों में लिखी बातों का भी अनुकरण करना चाहिए।
उन्होंने लिखा है, ’ केंद्र सरकार को तुरंत तीनों कृषि कानूनों को वापस लेकर अन्नदाता को राहत देनी चाहिए।
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