ब्रिटिश रॉयल एयर फोर्स की पहली सिख धर्म गुरू ने खोले राज, कैसे पाया मुकाम

punjabkesari.in Thursday, Jan 17, 2019 - 02:10 PM (IST)

लंदनः वैश्विक पंजाबी समुदाय और विशेष रूप से सिख समुदाय के लिए गौरव बनी फ्लाइट लेफ्टिनेंट मनदीप कौर एमबीई ब्रिटिश रॉयल एयर फोर्स में पहली सिख "पादरी" यानि धर्म गुरू हैं। दिसंबर 2018 में महारानी एलिजाबेथ ने मनदीप कौर को ब्रिटिश सशस्त्र बलों और वैश्विक सिख समुदाय के प्रति सेवाओं के लिए सम्मानित किया था । वह ग्रेट ब्रिटेन के सशस्त्र बलों में एक पादरी के रूप में नियुक्त होने वाले सिख धर्म की पहली महिला तो हैं ही इस भूमिका को निभाने वाली पहली गैर-ईसाई महिला भी हैं।

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पंजाब में जन्मी व शिक्षित मनदीप को ब्रिटेन में इंजीनियरिंग में डॉक्टरेट करने और इस दिशा में काम करने के दौरान चैपलेन का सदस्य चुना गया। एक विशेष साक्षात्कार में सुश्री कौर ने अपने जॉब प्रोफाइल, नस्लीय और धार्मिक चुनौतियों के बारे में कई राज खोले । मनदीप ने  बताया कि कैसे उन्होंने धार्मिक घृणा अपराध जैसी समस्या की चुनौती को सिख धर्म के बारे में जागरूकता फैलाने के अवसर में बदल दिया।  उन्होंने बताया कि उन्हें अक्सर एक मुस्लिम महिला समझा जाता था क्योंकि वह मुस्लिम लड़कियों की तरह अपने सिर पर एक दुपट्टा (दक्षिण एशियाई दुपट्टा) पहनती थी ।
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उन्होंने कहा कि जागरूकता की कमी के चलते उन्हें धार्मिक घृणा अपराध जैसी समस्या का सामना करना पड़ा। इस बात से परेशान वह चाहती थीं लोग यह जानें कि सिख कौन हैं और मुसलमानों से कैसे भिन्न हैं । मनदीप ने बताया कि वह बतौर धर्म गुरू सैनिकों और उनके परिजनों को आध्यात्मिक सहायता उपलब्ध कराने का काम करती हैं। ऑपरेशन के दौरान उनकी तैनाती नौसेना जहाजों में भी की जा सकती है। इसके साथ ही जरूरत पड़ने पर उन्हें सीमा पर भी तैनात किए जा सकता है ।  

PunjabKesariबर्मिंघम की निवासी मनदीप कौर कहती हैं कि अमृतधारी सिख  होने के कारण  उन्हें एक मुस्लिम के रूप में गलत समझा जाता था। इसके बावजूद  वह  दस्तार (खालसा-शैली की पगड़ी) पहनती हैं, जो इंगलैंड में सिख महिलाओं के बीच काफी असामान्य है ।  मनदीप कौर कहती हैं कि ब्रिटिश सेना में उन्हें सभी काकरों (सिख धर्म के पांच क) की सेवा की अनुमति लेने के लिए कड़ी मेहनत करनी पड़ी ।


 


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Tanuja

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