आयुष्मान भारत योजना छत्तीसगढ़ में होगी बंद , जानिए वजह
punjabkesari.in Wednesday, Jan 16, 2019 - 11:06 PM (IST)
नेशनल डेस्कः छत्तीसगढ़ से शुरु हुई मोदी केयर के नाम से दुनिया भर में प्रचारित प्रधानमंत्री जन आरोग्य योजना 'आयुष्मान भारत' अब छत्तीसगढ़ में ही बंद होने जा रही है। इससे पहले पश्चिम बंगाल ने भी इस योजना को बंद करने की घोषणा की है। दिल्ली, केरल, ओडिशा, पंजाब और तेलंगाना पहले ही इस योजना को लागू करने से इंकार कर चुके हैं। केंद्र की भाजपा सरकार इसे दुनिया की सबसे बड़ी स्वास्थ्य योजना होने का दावा करती रही है। इस योजना के तहत हर साल प्रति परिवार को 5 लाख रुपए के स्वास्थ्य बीमा की बात की गई थी।
छत्तीसगढ़ सरकार ने क्यों बंद की योजना?
पिछले महीने छत्तीसगढ़ में सत्ता में आई कांग्रेस पार्टी की सरकार का आरोप है कि इस योजना से आम जनता को कोई लाभ नहीं मिल रहा है। राज्य के स्वास्थ्य मंत्री टीएस सिंहदेव ने कहा, "इस योजना में 100 से ज्यादा बीमारियों के संदर्भ में, बीमारी के इलाज के लिए एक नया पैसा नहीं है। बीमारी हो जाने के बाद, उसके ऑपरेशन के लिए पैसा है। ये दूषित योजना है।"
इस योजना के तहत 40 फीसदी रकम का भुगतान राज्य सरकार करती है। सिंहदेव का कहना है कि राज्य अगर आयुष्मान भारत योजना को बंद कर दे तो भी अपने बजट से राज्य सरकार यूनिवर्सल हेल्थकेयर स्कीम के तहत उससे बेहतर स्वास्थ्य सेवा सुविधा उपलब्ध कराने में सक्षम है। सिंहदेव ने पत्रकारों से बातचीत में कहा, "हम उसी दिशा में आगे बढ़ेंगे और हेल्थ फॉर ऑल को लागू करेंगे।"
हालांकि राज्य के पूर्व मुख्यमंत्री रमन सिंह इस बदलाव से सहमत नहीं हैं। रमन सिंह कहते हैं, "ये देश की सबसे बड़ी योजना है और मैं समझता हूं कि यह दुनिया की सबसे बड़ी योजना है. राज्य सरकार अगर इस योजना को लेकर कोई निर्णय लेती है तो गरीबों के हक़ में, उनका ध्यान रखकर निर्णय लेना चाहिए." साल 2008 में देशभर में राष्ट्रीय स्वास्थ्य बीमा योजना लागू की गई थी जिसमें गरीब परिवार के लोगों को चिकित्सा सुविधा का लाभ देने का प्रावधान था।
इसके बाद साल 2012 में छत्तीसगढ़ सरकार ने मुख्यमंत्री स्वास्थ्य बीमा योजना शुरु की। इस योजना में उन लोगों को शामिल किया गया, जो राष्ट्रीय स्वास्थ्य बीमा योजना के दायरे से बाहर थे। पिछले साल 14 अप्रैल को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बीजापुर से प्रधानमंत्री जन आरोग्य योजना 'आयुष्मान भारत' की शुरुआत करते हुये दावा किया था कि इस योजना से इलाज और स्वास्थ्य सेवाओं से जुड़ी मुश्किलें आसान हो जायेंगी। इस योजना को बीते साल 15 सितंबर को पूरे राज्य में लागू कर दिया गया था।