भारत में रह रहे रोहिंग्या की मदद कर रहे NGO पर केंद्र की नजर, तैयार की गई सूची
punjabkesari.in Sunday, Nov 18, 2018 - 04:38 PM (IST)
नई दिल्ली: केंद्र सरकार ने भारत में रोहिंग्या शरणार्थियों को कथित रूप से अवैध प्रवास में मदद कर रहे दर्जन भर संदिग्ध गैर-सरकारी स्वयंसेवी संगठनों (एनजीओ) और व्यक्तियों को चिन्हित किया है। केन्द्रीय गृह मंत्रालय ने देश के विभिन्न हिस्सों में कार्यरत ऐसे संगठनों की सूची तैयार कर इनकी गतिविधियों पर निगरानी तेज कर दी है। मंत्रालय के आधिकारिक सूत्रों के अनुसार, चिन्हित किए गए अधिकांश संगठन दिल्ली से संचालित हैं। इन पर सामाजिक कार्यकर्त्ताओं के माध्यम से अवैध रोहिंग्या प्रवासियों को भारत में संयुक्त राष्ट्र शरणार्थी का दर्जा दिलाने सहित अन्य दस्तावेजी सबूत मुहैया कराकर शरणार्थी का दर्जा दिलाने में मदद करने का आरोप है। हाल ही में दिल्ली पुलिस की विशेष शाखा ने इन संगठनों की कथित संदिग्ध गतिविधियों के आधार पर केन्द्र और दिल्ली सरकार के गृह विभाग को इस बारे में सूचित किया था।
गृह विभाग ने दिल्ली पुलिस द्वारा मुहैया कराई गई सूचनाओं के आधार पर रोहिंग्या शरणार्थियों की अवांछित मदद करने वाले संगठनों और व्यक्तियों की जांच के आधार पर तैयार सूची केन्द्र सरकार को सौंपी है। इसमें चिन्हित संगठनों के उन पदाधिकारियों की भी जानकारी दी गई है जो अवैध रोहिंग्या शरणार्थियों की कथित तौर पर अवांछित मदद कर रहे हैं। इस सूची में अंतर्राष्ट्रीय सामाजिक संगठन एमनेस्टी की भारत इकाई में कार्यरत एक वरिष्ठ अधिकारी के अलावा पश्चिम बंगाल के कोलकाता से संचालित एनजीओ ‘बोंदि मुक्ति कमेटी’ सहित दस अन्य एनजीओ शामिल हैं। इसके अलावा संयुक्त राष्ट्र शरणार्थी उच्चायोग के साथ मिलकर शरणार्थी कल्याण के क्षेत्र में कार्यरत दो कथित एनजीओ के कुछ पदाधिकारी भी निगरानी के दायरे में आए है। सूची में भारतीय विदेश सेवा के एक सेवानिवृत्त अधिकारी और दिल्ली स्थित जामिया मिल्लिया इस्लामिया विश्वविद्यालय के एक प्रोफेसर का भी नाम कथित तौर पर शामिल है।
प्राप्त जानकारी के अनुसार अवैध रोहिंग्या शरणार्थियों को अवांछित तरीके से मदद पहुंचाने वाले संगठनों और व्यक्तियों की सूची गृह मंत्रालय की विदेशी नागरिक शाखा को मुहैया कराई गई है। इसमें जम्मू कश्मीर, दिल्ली, तेलंगाना, महाराष्ट्र और उत्तर प्रदेश सहित दर्जन भर राज्यों में रह रहे रोहिंग्या शरणार्थियों की संख्या और अन्य आंकड़ों से मंत्रालय को अवगत कराया गया है। इसमें अकेले दिल्ली में 1234 अवैध रोहिंग्य शरणार्थियों की मौजूदगी और इनमे 163 का कोई पता नहीं होने की जानकारी दी गई है। मंत्रालय ने सभी संबद्ध राज्य सरकारों को रोहिंग्या शरणार्थियों पर पैनी नकार रखने को कहा है। जिससे इन्हें वापस म्यांमा भेजने की केन्द्र सरकार की योजना को समय से पूरा किया जा सके।
मंत्रालय के निर्देश पर सभी संबद्ध राज्य सरकारों ने हाल ही में रोहिंग्या शरणार्थियों की बायोमेट्रिक पहचान सुनिश्चित करने की पहल शुरु की है। इसके अलावा रोहिंग्या शरणार्थियों को फर्जी दस्तावेजों के आधार पर जारी किये गये आधार कार्ड भी रद्द किये जायेंगे। उल्लेखनीय है कि खुफिया एजेंसियों ने अपनी ताकाा रिपोर्ट में गृह मंत्रालय को अवैध रोहिंग्या शरणार्थियों के पूर्वोत्तर राज्यों से दक्षिण भारतीय राज्यों की ओर रुख करने की जानकारी दी थी। इसके आधार पर की गयी कार्रवायी में तेलंगाना पुलिस ने हैदराबाद में अवैध पहचान पत्र रखने वाले रोहिंग्या मूल के लोगों के खिलाफ 44 मामले दर्ज किये हैं। मंत्रालय के अधिकारिक आंकड़ों के मुताबिक भारत में 16 हजार रोहिंग्या शरणाॢथयों के पास संयुक्त राष्ट्र शरणार्थी का प्रमाणपत्र है। देश में रह रहे रोहिंग्या मूल के लोगों की कुल संख्या लगभग 40 हजार है। इनमें सर्वाधिक (लगभग छह हजार) जम्मू कश्मीर में रह रहे हैं।