एयर एशिया को छोड़ जेट एयरवेज को खरीद सकती है कंपनी टाटा संस

punjabkesari.in Friday, Nov 16, 2018 - 05:31 PM (IST)

नई दिल्लीः टाटा संस की आज एक अहम बोर्ड बैठक हो रही है। इस बोर्ड बैठक में जेट एयरवेज को खरीदने पर विचार हो सकता है। बीएस के मुताबिक टाटा ग्रुप जेट एयरवेज में उसके फाउंडर नरेश गोयल को बोर्ड सीट नहीं देना चाहता है। नरेश गोयल जेट में छोटा हिस्सा रखकर बोर्ड में बने रहना चाहते हैं। इस खबर के बाद जेट एयरवेज के शेयर में बड़ी तेजी आ गई। जेट एयरवेज का शेयर करीब 9.5 फीसदी चढ़कर 351 रुपए पर पहुंच गया।

टाटा संस भारत में सिंगापुर एयरलाइंस (एसआईए) के साथ विस्तारा के नाम से एयरलाइंस चलाता है। दूसरी तरफ एयर एशिया इंडिया में भी टाटा ग्रुप मलेशिया की एयरलाइंस एयर एशिया के साथ भागीदार है। ईटी के मुताबिक टाटा संस जेट से डील के कारण एयर एशिया से अपना करार खत्म करना चाहता है। ग्रुप सिर्फ 1 ही एयरलाइंस का कारोबार चाहता है जो कि विस्तारा ब्रांड के तहत रहेगा। मामले से जुड़े लोगों ने ये जानकारी दी।

इस बारे में शुरूआती चर्चा शुरू हो चुकी है। अब टाटा ग्रुप भारत में एयर एशिया से बाहर निकल कर विस्तारा और जेट को मिलाकर एक पूर्ण एयरलाइंस चलाना चाहता है। एयर एशिया इंडिया में टाटा संस की 51 फीसदी हिस्सेदारी है। 49 फीसदी हिस्सा मलेशिया की कंपनी एयरएशिया का है। इस खबर पर टाटा संस, एयर एशिया और जेट एयरवेज ने कोई प्रतिक्रिया नहीं दी।

वहीं मिंट के मुताबिक सरकार ने जेट एयरवेज को संकट से निकालने के लिए टाटा ग्रुप को मदद करने के लिए कहा है। टाटा ग्रुप सरकार के साथ जेट के लोन पर माफी और एयरपोर्ट अथॉरिटी ऑफ इंडिया के कुछ कर्ज में कमी पर बातचीत कर रहा है। इसकी अभी पुष्टि नहीं हो सकी है। अगर जेट एयरवेज को कोई मदद नहीं मिलती है तो ये एयरलाइंस पूरी तरह से बंद हो सकती है।

इससे पहले जेट के सीएफओ अमित अग्रवाल ने इसी सप्ताह कहा था कि उनकी कंपनी निवेश के इच्छुक कई पक्षों से बातचीत कर रही है। एयरलाइन अपने छह बोइंग 777 विमान तथा लॉयल्टी कार्यक्रम ‘जेट प्रिविलेज’ में हिस्सेदारी बेचने जा रही है। जेट एयरवेज में गोयल और उनके परिवार की हिस्सेदारी 51 प्रतिशत और संयुक्त अरब अमीरात की एतिहाद एयरवेज की 24 प्रतिशत हिस्सेदारी है।

इस बार सितंबर में समाप्त तिमाही में जेट एयरवेज को 1,261 करोड़ रुपए का घाटा हुआ है। एक साल पहले समान तिमाही में कंपनी को 71 करोड़ रुपए का मुनाफा हुआ था। यह लगातार तीसरी तिमाही है जबकि जेट एयरवेज को घाटा हुआ है।

जेट एयरवेज ने हाल में स्टॉक एक्सचेंज को दी गई जानकारी में कहा था कि ये एक अफवाह है। दरअसल अगर कोई भी कंपनी किसी तरह की डील करती है तो उसे सबसे पहले स्टॉक एक्सचेंज को बताना होता है। इस तरीके से कंपनी में क्या चल रहा है इसकी जानकारी आम जनता को मिल जाती है।

जेट एयरवेज ग्रुप के पास अभी 124 एयरक्राफ्ट की फ्लीट है। इसमें बोइंड 777-300, एयर बस ए330 और बोइंग 737 जैसे विमान हैं। भारत में जेट एयरवेज की शुरूआत 1990 में हुई थी। उस समय एयरलाइंस सेक्टर को प्राइवेट कंपनियों के लिए खोला गया था।
 


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jyoti choudhary

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